चंडीगढ़ः इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला (abhay chautala) ने केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों की एमएसपी (Rabi Crop MSP) की घोषणा को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए कहा कि देश में महंगाई दर अपने उच्चतम स्तर पर है लेकिन केंद्र सरकार ने रबी फसल जिसमें गेहूं, बार्ले, चना, सरसों, सैफलावर और मसूर की एमएसपी मात्र 40, 35, 130, 400, 114 और 400 रुपए बढ़ाई है जो मात्र 2 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक बनती है. ये नाकाफी है.
उन्होंने कहा कि खाद्य तेल, दालें, सब्जी, खाद्यान की कीमतें 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों के एमएसपी की घोषणा बहुत कम है. देश का किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी और कर्मचारी समेत हर वर्ग महंगाई की मार से त्रस्त है. जहां सरकार को जनता को महंगाई पर लगाम लगाकर राहत देनी चाहिए वहीं भारी भरकम टैक्स लगाकर जनता को लूट रही है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल और गैस पर भारी टैक्स लगाकर आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है.
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि खेती में इस्तेमाल होने वाले खाद, बीज, दवाइयां और डीजल की कीमतें इतनी अधिक बढ़ गई हैं कि आज के दिन किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बन गई है. भाजपा सरकार किसानों को डीएपी खाद पहले से ही महंगी दे रही है. खाद में प्रति कट्टा 5 किलो की कटौती कर के डीएपी के 50 किलो वाले कट्टे की जगह 45 किलो प्रति कट्टा किसानों को दे रही है.
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भाजपा ने किसानों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार फसल की लागत सी-2 पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने का वादा किया था. लेकिन ये उसे भूल चुके हैं. दिन ब दिन बढ़ती महंगाई ने आज विकराल रूप धारण कर लिया है. भाजपा सरकार के कार्यकाल में डीजल-पेट्रोल 50 प्रतिशत, लोहा 50 प्रतिशत, सीमेंट 30 प्रतिशत, दलहन 50 प्रतिशत और रसोई गैस सिलेंडर में 400 रूपए की बढ़ोत्तरी के कारण महंगाई डायन का रूप ले चुकी है. आज आम आदमी, गरीब और मजदूर का जीवनयापन महंगाई के कारण बेहद दूभर हो गया है.