चंडीगढ़: पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने हुए एक महीना हो गया है. इस एक महीने में वैसे तो पंजाब सरकार अपनी कई उपलब्धियां गिना रही है लेकिन दो खास मुद्दों की चर्चा ज्यादा है. उनमें से विधायकों की पेंशन को लेकर किया गया फैसला और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा. इन दोनों बातों की चर्चा होने की वजह से हरियाणा की सियासत में भी इन मुद्दों को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी भी इन्हीं मुद्दों के सहारे अपने मिशन हरियाणा (aam aadmi party mission haryana) में जुट गई है.
सरकार बनने के कुछ दिनों में ही पंजाब सरकार ने घोषणा की कि कोई भी विधायक कितनी बार भी जीत कर आए लेकिन उसे एक ही पेंशन दी जाएगी. इसका असर यह हुआ कि हरियाणा में भी ये मुद्दा उठ खड़ा हुआ. कोई इसके पक्ष में खड़ा दिखाई दिया तो कोई इसको लेकर सवाल खड़े करने लगा. लेकिन प्रतिक्रियाओं से एक बात तो साफ है कि इसका असर हरियाणा पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. भले ही कोई भी राजनितिक दल इस बात को स्वीकार करे या ना करें लेकिन वो इस फैसले के दबाव में हैं.
दूसरा सबसे बड़ा वादा जो पंजाब सरकार ने लोगों से किया है वो जुलाई महीने से लागू होगा. ये वादा है 300 यूनिट बिजली हर महीने फ्री देने का. इसको लेकर भी अब सियासी घमासान शुरू हो गया है. क्योंकि पंजाब सरकार की घोषणा के तहत कोई भी व्यक्ति 2 महीने में 600 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करेगा तो उसे पूरा बिल देना होगा. इसको लेकर एक तरफ जहां पंजाब के विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं हरियाणा की सियासत में भी इसका असर दिखाई दे रहा है.
हरियाणा बीजेपी (haryana bjp) के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे कहते हैं कि इस तरीके के वादे कर आम आदमी पार्टी ना सिर्फ पहले से कर्ज में डूबे प्रदेश को और कर्जे के दलदल में धकेल रही है बल्कि लोगों की कर्मशीलता को भी प्रभावित करने में लगी है. वे कहते हैं कि सरकार को लोगों को काम देना चाहिए. ताकि वे कर्मशील होकर राज्य के विकास में योगदान दें, ना कि मुफ्त बांट कर उनकी कर्मशीलता को प्रभावित करना चाहिए. वे कहते हैं कि मुफ्त बांटने की सियासत की वजह से आज के दौर में कई देश कर्ज के दलदल में डूब चुके हैं और बर्बाद हो चुके हैं.
आम आदमी पार्टी जिस तरीके से पंजाब में या अन्य राज्यों में घोषणाएं करके चुनाव जीतना चाहती है तो वह इस तरह की घोषणाएं कर उस राज्यों को भी कर्ज के दलदल में धकेलने का काम कर रही है. जिसका असर सीधे-सीधे देश पर पड़ता है. प्रवीण अत्रे कहते हैं कि जहां तक फ्री बिजली देने की बात है तो उसकी सच्चाई भी सामने आ ही गई है. किस तरीके से 300 यूनिट हर महीने मुफ्त देने की बात कहने वाली आम आदमी पार्टी ने उसको भी कैटिगराइज करके लोगों के साथ धोखा किया है. जहां तक हरियाणा में आम आदमी पार्टी की बात है तो उसका यहां कोई अस्तित्व नहीं है. क्योंकि हरियाणा की जनता कर्मशील है और वह इनकी बातों में आने वाली नहीं है.
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा भी कुछ इसी तरह की बात कहते हैं. वे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में फेल हो गई है. पंजाब के फैसले दिल्ली में बैठे नेता कर रहे हैं. वह जो वादे जनता से कर रहे हैं उन्हें पूरा करने में नाकाम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी ने सभी को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा की थी. लेकिन जब यह ऐलान किया गया तो उसको सरकार ने कैटिगराइज कर दिया. यह बात बताती है कि आम आदमी पार्टी कहती कुछ है, करती कुछ है. केवल ढींगरा का कहना है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी का कोई भी अस्तित्व नहीं है और ना ही उनकी इस तरह की घोषणाओं का कोई असर पड़ने वाला है.
इन सब बातों के बीच हरियाणा आम आदमी पार्टी, दिल्ली और पंजाब सरकार द्वारा किए जा रहे कामों के दम पर हरियाणा में भी अपना परचम लहराने के दावे कर रही है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता लवलीन टुटेजा कहते हैं कि आम आदमी पार्टी खोखले वादे नहीं करती है बल्कि उन वादों को डिलीवर करने में विश्वास रखती है. इसी को देखते हुए चाहे दिल्ली की बात हो या फिर पंजाब की दोनों प्रदेशों की सरकारों ने जो वादे किए हैं उनको पूरा करने मैं कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. वे कहते हैं कि दिल्ली और पंजाब सरकार के परफॉर्मेंस को देखकर ही हरियाणा की जनता भी आने वाले दिनों में उनकी पार्टी को सत्ता में लाएगी. टुटेजा का कहना है कि विरोधियों का काम तो सवाल उठाना ही रहता है.
बात बिजली मुफ्त देने की हो या फिर विधायकों की पेंशन की, राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इस तरह की घोषणाओं का राजनीतिक लोग किसी भी तरह से जवाब दें. लेकिन हकीकत में आम लोगों को इसमें उनकी उम्मीदें बंधी हुई दिखाई देती है. भले ही इन घोषणाओं को पूरा कैसे किया जाएगा और उन्हें धरातल पर कैसे लागू किया जाएगा, उसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो. वे कहते हैं कि आम लोग इन बातों का हिसाब ज्यादा नहीं करते और सीधी- सीधी बात को दिमाग में बैठा लेते हैं. इसलिए वे कहते हैं कि हरियाणा में इन बातों का कितना असर पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन इतना तो तय है कि इससे कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी खुद को हरियाणा की राजनीति में स्थापित करने की कोशिश जरूर करेगी.