चंडीगढ़: हरियाणा में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण करने के निर्धारित लक्ष्य को पार करते हुए राज्य में अब तक 1,177 किसानों ने इस योजना के तहत रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए आवेदन किया है.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने ये जानकारी देते हुए बताया कि रतिया में 182 किसानों ने, सिवान में 76 और गुहला में 231 किसानों ने अब तक रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए आवेदन किया है. इसी प्रकार, पिपली में 55, शाहबाद में 426, बाबैन में 47, इस्माइलाबाद में 108 और सिरसा में 52 किसानों ने आवेदन किया है.
किसानों को आवेदन जमा करवाने के समय अपने खेत में रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए कुल लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 10,000 रुपये की अदायगी करनी होगी. अगर किसान रिचार्ज शाफ्ट के रखरखाव के लिए अपनी सहमति देते हैं तो ऐसे मामले में रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण की कुल लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पानी की कमी वाले 8 खण्डों रतिया (जिला फतेहाबाद), सिवान एवं गुहला (जिला कैथल), पिपली, शाहाबाद, बाबैन एवं इस्माइलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र) और सिरसा (जिला सिरसा), जहां भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे है, में 1,000 रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण का निर्णय लिया है. इन खण्डों में किसानों को मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर इसके लिए आवेदन करने हेतु आमंत्रित किया था. इस परियोजना पर लगभग 32.33 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
पानी की कमी और बाढ़ संभावित खण्डों शाहाबाद, गुहला एवं रतिया का चयन पायलट आधार पर प्रत्येक खण्ड में 100-100 रिचार्ज शफ्ट के निर्माण के लिए किया गया है. इन रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण किसानों के खेतों एवं पंचायती भूमि पर किया जाएगा. इन खण्डों के बाढ़ सम्भावित गांवों, जहां भू-जल स्तर 40 मीटर से अधिक गहराई तक चला गया है. खण्ड गुहला के गांव भागल, बलबेहरा, रत्ता खेरा एवं कुरआन जैसे गांव जहां भू-जल स्तर 35.42 मीटर और 39.20 मीटर के बीच है, को भी रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण की योजना के तहत शामिल किया गया है.
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