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भिवानी: पीने के पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

भिवानी के उमरावत गांव के लोगों ने पीने के पानी और नहरी पानी की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की बहू, बेटियों को दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जल्द उनकी समस्या का समाधना नहीं किया गया तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे.

Villagers protest over drinking water problem in Bhiwani
पीने के पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jul 9, 2020, 3:17 PM IST

भिवानी: पिछले लंबे समय से पीने के पानी और नहरी पानी की समस्या से जूझ रहे उमरावत गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन और आला अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में पेयजल की किल्लत पिछले कई महीने से है. उन्होंने कहा कि जब से उनके गांव में जलघर बना है तब से ही ग्रामीण परेशान हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि दूर दराज से पानी लाना पड़ता है. गांव की बहू, बेटियों को पानी के लिए काफी दौड़ धूप करनी पड़ती है. गांव में करीबन 2 से ढाई हजार की आबादी है. जिसमें प्रत्येक घर को टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है. गांव में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार रूपये का पानी लग जाता है.

उन्होंने कहा कि एक तो ये वैश्विक महामारी और ऊपर से पानी की किल्लत. ऐसे में संक्रमण फैसलने का भी डर बना रहता है. लेकिन प्रशासन और अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जब वोट का समय आता है तो सभी पार्टियों के नेता यहां आकर एक ही बात कहते हैं कि इस गांव में पीने के पानी की किल्लत नहीं रहने दी जाएगी. बाद में कोई नेता और अधिकारी वापिस लौटकर उनकी समस्या सुनने के लिए नहीं आता है.

गांव के बुजुर्गों ने कहा कि पेयजल किल्लत के साथ-साथ उनके यहां पर सिंचाई का पानी भी नहीं आ रहा है. गांव की जमीन भी बंजर होती जा रही है. ऐसे में न तो उनके यहां पर पशुओं का चारा उपलब्ध होता है और न ही खेती होती है. वो पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं. सरकार द्वारा नहर का नवीनीकरण कर दिया गया. लेकिन वो भी ना के बराबर. उनकों इसका कोई लाभ नहीं मिला है.

ये भी पढ़िए: अपना कुनबा संभाले कांग्रेस, अपने 30 विधायकों को साथ बैठाकर दिखाएं हुड्डा- दुष्यंत

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के द्वारा भी अधिकारियों को बार-बार कहा जा चुका है कि गांव के सिंचाई के पानी की समस्या हल की जाए. लेकिन अधिकारी उनकों गुमराह करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनकों पेयजल और नहरी पानी जल्द उलब्ध नहीं किया गया तो वो आगे की रणनीति बनाकर लंबा संघर्ष करने पर मजबूर होंगे.

भिवानी: पिछले लंबे समय से पीने के पानी और नहरी पानी की समस्या से जूझ रहे उमरावत गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन और आला अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में पेयजल की किल्लत पिछले कई महीने से है. उन्होंने कहा कि जब से उनके गांव में जलघर बना है तब से ही ग्रामीण परेशान हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि दूर दराज से पानी लाना पड़ता है. गांव की बहू, बेटियों को पानी के लिए काफी दौड़ धूप करनी पड़ती है. गांव में करीबन 2 से ढाई हजार की आबादी है. जिसमें प्रत्येक घर को टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है. गांव में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार रूपये का पानी लग जाता है.

उन्होंने कहा कि एक तो ये वैश्विक महामारी और ऊपर से पानी की किल्लत. ऐसे में संक्रमण फैसलने का भी डर बना रहता है. लेकिन प्रशासन और अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जब वोट का समय आता है तो सभी पार्टियों के नेता यहां आकर एक ही बात कहते हैं कि इस गांव में पीने के पानी की किल्लत नहीं रहने दी जाएगी. बाद में कोई नेता और अधिकारी वापिस लौटकर उनकी समस्या सुनने के लिए नहीं आता है.

गांव के बुजुर्गों ने कहा कि पेयजल किल्लत के साथ-साथ उनके यहां पर सिंचाई का पानी भी नहीं आ रहा है. गांव की जमीन भी बंजर होती जा रही है. ऐसे में न तो उनके यहां पर पशुओं का चारा उपलब्ध होता है और न ही खेती होती है. वो पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं. सरकार द्वारा नहर का नवीनीकरण कर दिया गया. लेकिन वो भी ना के बराबर. उनकों इसका कोई लाभ नहीं मिला है.

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