भिवानी: प्रदेश में कृषि के बाद पशुपालन ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के लिए मुख्य व्यवसाय है. पशुओं में बरसात के मौसम में मुंहखुर और गलघोटू की बीमारी को देखते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा तीन दिवसीय टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है.
पशुपालन एवं डेयरी विभाग प्रदेश भर में गाय-भैंसों के टीकाकरण का अभियान को पहले ही पूरा कर चुका है. अब टीकाकरण के दूसरे चरण में भेड़ और बकरियों को मुंहखुर और गलघोटू का टीका लगाया जा रहा हैं. इस अभियान के तहत 19 जुलाई तक भिवानी जिले में 26 हजार 900 भेड़ और बकरियों का टीकाकरण किया जा रहा है. टीकाकरण अभियान के इस द्वितीय चरण के तहत शुक्रवार को जिला के बलियाली गांव में 200 भेड़ और बकरियों को मुंहखुर व गलघोटू के टीके लगाए गए.
क्या है मुंहखुर और गलघोटू रोग ?
इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि गाय और भैंसों को मुंहखुर के टीके प्रदेश भर में लगाए जा चुके हैं. पशुपालन विभाग द्वारा अब भेड़ और बकरियों का भी टीकाकरण किया जा रहा है. क्योंकि बरसात के मौसम में भेड़-बकरियों के मुंहखुर और गलघोटू रोग के कारण पैर गलने लगते हैं, पशु लड़खड़ा कर चलने लगता है, पशुओं के मुंह में छाले हो जाते हैं तथा ये बीमारी एक पशु से दूसरे पशु में भी फैल जाती है. ऐसे में विभाग सीपपोक्स और ईटवी का संयुक्त रूप से टीका लगा रहा है.
पशु चिकित्सक ने बताया कि प्रदेश के भेड़ और बकरी पालक अपने पालतू भेड़ और बकरियों के मुफ्त टीकाकरण के लिए विभाग से संपर्क कर अपने पालतू पशुओं का वैक्सीनेशन करवाकर उन्हें स्वस्थ रख सकते हैं. इसके लिए पशुपालकों को भी अपना दायित्व समझते हुए आगे आना चाहिए.
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