भिवानी: जिले के गांव पालुवास निवासी मधुमक्खी पालक राजकुमार पिछले लगभग 22 सालों से मधुमक्खी पालन का व्यवसाय कर शहद का व्यवसाय कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए बाकायदा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण लिया है. आज उनका शहद ना केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश और विदेश में सप्लाई हो रहा है.
नई दिल्ली में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में भी वे पिछले 22 साल से स्टॉल लगा रहे हैं. उनके शहद का स्वाद ना केवल केंद्र के नेता, आईएएस अधिकारी बल्कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बीडी गुप्ता, तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी चख चुके हैं.
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आजकल कृषि व्यवसाय लघु व्यवसाय से बड़े व्यवसाय में बदल रहे हैं. हरियाणा में कृषि और बगवानी उत्पाद लगातार बढ़ रहे हैं. हरियाणा में लोगों के पास कृषि व्यवसाय में फसल, सब्जियां और फलों के भरपूर उत्पादन के अलावा प्रदेश की झींगा मछली और शहद का भी अच्छा व्यवसाय है. जो लोगों को लगातार अच्छी तरक्की दे रहा है.
कैसा होता है मधुमक्खी का परिवार?
मधुमक्खियों के एक परिवार में एक रानी मधुमक्खी होती है. इसके अलावा कई हजार तक कमेरी मधुमक्खियां होती हैं. एक परिवार में सिर्फ 100 से 200 तक ही नर होते हैं. सिर्फ रानी मधुमख्खी ही पूरी तरह से मादा और परिवार की जननी होती है. रानी मधुमक्खी का काम सिर्फ अंडे देना होता है. अच्छे वातावरण में एक इटैलियन जाती की रानी एक दिन में 1500 से 1700 अंडे देती है वहीं देशी मधुमक्खी सिर्फ 700 से 1000 तक अंडे देती है. इसकी उम्र करीब २ से ३ साल होती है.