भिवानी: सरकार मकान बनाने के पैसे दे, लेकिन अधिकारी या कर्मचारी पैसे देने की बजाय पात्र लोगों को चक्कर कटवाते रहें. ऐसा ही कुछ हो रहा है भिवानी शहर में. मजबूरन इन लोगों ने शहर बंद का एलान कर दिया है.
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मकान के लिए लोगों ने किया प्रदर्शन
लघु सचिवालय के बाहर जमा हुए ये लोग शहर के वो लोग हैं जिनके मकान नहीं हैं, या हैं तो वो जर्जर हालत में हैं. ऐसे लोगों के मकान बनवाने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाए जाते हैं. ये योजना भिवानी में भी है, लेकिन इन लोगों का आरोप है कि मकान बनाने के लिए जो पैसे प्रधानमंत्री योजना के तहत दिया जाता है उसके नियम इतने सख्त हैं कि पात्र व्यक्ति चाह कर भी योजना का लाभ नहीं उठा पाता.
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क्या है मामला?
यहां पहुंचे लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक व्यक्ति को 2 लाख 50 हजार रुपये दिए जाते हैं. पिछले तीन सालों से नगर परिषद के पास शहर में करीब 3800 मकानों के लिए पैसा आया हुआ भी है, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी पैसे देने की बजाय कागजात को लेकर परेशान कर रहे हैं. नगर परिषद कर्मचारी पैसे देने के लिए नक्शा और मलकियत जैसे कागजात मांगते हैं जो पूरे नहीं हो पा रहे. क्योंकि उनकी जमीन उनके बाप या दादा के नाम पर है. ऐसे में उनके नाम जमीन ना होने पर इस जमीन पर मकान बनाने के पैसे नहीं दिए जा रहे.
क्या बोली जनता?
भगवान दास, अनील डाबला और तारा देवी ने बताया कि उनके बाप-दादा के नाम जो जमीन है उसमें दो-दो या तीन-तीन भाई रह रहे हैं, जो उनके नाम नहीं चढ़ी है. ऐसे में जमीन पात्र के नाम होना, उसका नक्शा होना जैसी शर्त गलत हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में भी ऐसी समस्या आई थी लेकिन तत्कालीन सीएम ने हलफनामा देने पर पात्र को मकान बनाने के पैसे दिए जाते थे. ऐसे ही अब पैसे दिए जाएं, नहीं तो आने वाले सोमवार या मंगलवार को शहर में प्रदर्शन कर पूरे शहर को बंद करवा दिया जाएगा.