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भिवानी: प्रधानमंत्री आवास योजना का नहीं मिला लाभ, लोगों ने किया प्रदर्शन - भिवानी

लघु सचिवालय के बाहर पहुंचे लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक व्यक्ति को 2 लाख 50 हजार रुपये दिए जाते हैं. पिछले तीन सालों से नगर परिषद के पास शहर में करीब 3800 मकानों के लिए पैसा आया हुआ है. लेकिन अधिकारी और कर्मचारी पैसे देने की बजाय कागजात को लेकर परेशान कर रहे हैं.

लोगों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jul 21, 2019, 8:34 AM IST

भिवानी: सरकार मकान बनाने के पैसे दे, लेकिन अधिकारी या कर्मचारी पैसे देने की बजाय पात्र लोगों को चक्कर कटवाते रहें. ऐसा ही कुछ हो रहा है भिवानी शहर में. मजबूरन इन लोगों ने शहर बंद का एलान कर दिया है.

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ये भी पढ़ें- सोनीपत: बारिश के बाद KGP एक्सप्रेस-वे के बिगड़े हालात

मकान के लिए लोगों ने किया प्रदर्शन

लघु सचिवालय के बाहर जमा हुए ये लोग शहर के वो लोग हैं जिनके मकान नहीं हैं, या हैं तो वो जर्जर हालत में हैं. ऐसे लोगों के मकान बनवाने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाए जाते हैं. ये योजना भिवानी में भी है, लेकिन इन लोगों का आरोप है कि मकान बनाने के लिए जो पैसे प्रधानमंत्री योजना के तहत दिया जाता है उसके नियम इतने सख्त हैं कि पात्र व्यक्ति चाह कर भी योजना का लाभ नहीं उठा पाता.

ये भी पढ़ें- योगी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कांग्रेसी, कहा- साजिश की शिकार हुईं प्रियंका गांधी

क्या है मामला?

यहां पहुंचे लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक व्यक्ति को 2 लाख 50 हजार रुपये दिए जाते हैं. पिछले तीन सालों से नगर परिषद के पास शहर में करीब 3800 मकानों के लिए पैसा आया हुआ भी है, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी पैसे देने की बजाय कागजात को लेकर परेशान कर रहे हैं. नगर परिषद कर्मचारी पैसे देने के लिए नक्शा और मलकियत जैसे कागजात मांगते हैं जो पूरे नहीं हो पा रहे. क्योंकि उनकी जमीन उनके बाप या दादा के नाम पर है. ऐसे में उनके नाम जमीन ना होने पर इस जमीन पर मकान बनाने के पैसे नहीं दिए जा रहे.

क्या बोली जनता?

भगवान दास, अनील डाबला और तारा देवी ने बताया कि उनके बाप-दादा के नाम जो जमीन है उसमें दो-दो या तीन-तीन भाई रह रहे हैं, जो उनके नाम नहीं चढ़ी है. ऐसे में जमीन पात्र के नाम होना, उसका नक्शा होना जैसी शर्त गलत हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में भी ऐसी समस्या आई थी लेकिन तत्कालीन सीएम ने हलफनामा देने पर पात्र को मकान बनाने के पैसे दिए जाते थे. ऐसे ही अब पैसे दिए जाएं, नहीं तो आने वाले सोमवार या मंगलवार को शहर में प्रदर्शन कर पूरे शहर को बंद करवा दिया जाएगा.

भिवानी: सरकार मकान बनाने के पैसे दे, लेकिन अधिकारी या कर्मचारी पैसे देने की बजाय पात्र लोगों को चक्कर कटवाते रहें. ऐसा ही कुछ हो रहा है भिवानी शहर में. मजबूरन इन लोगों ने शहर बंद का एलान कर दिया है.

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मकान के लिए लोगों ने किया प्रदर्शन

लघु सचिवालय के बाहर जमा हुए ये लोग शहर के वो लोग हैं जिनके मकान नहीं हैं, या हैं तो वो जर्जर हालत में हैं. ऐसे लोगों के मकान बनवाने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाए जाते हैं. ये योजना भिवानी में भी है, लेकिन इन लोगों का आरोप है कि मकान बनाने के लिए जो पैसे प्रधानमंत्री योजना के तहत दिया जाता है उसके नियम इतने सख्त हैं कि पात्र व्यक्ति चाह कर भी योजना का लाभ नहीं उठा पाता.

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क्या है मामला?

यहां पहुंचे लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक व्यक्ति को 2 लाख 50 हजार रुपये दिए जाते हैं. पिछले तीन सालों से नगर परिषद के पास शहर में करीब 3800 मकानों के लिए पैसा आया हुआ भी है, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी पैसे देने की बजाय कागजात को लेकर परेशान कर रहे हैं. नगर परिषद कर्मचारी पैसे देने के लिए नक्शा और मलकियत जैसे कागजात मांगते हैं जो पूरे नहीं हो पा रहे. क्योंकि उनकी जमीन उनके बाप या दादा के नाम पर है. ऐसे में उनके नाम जमीन ना होने पर इस जमीन पर मकान बनाने के पैसे नहीं दिए जा रहे.

क्या बोली जनता?

भगवान दास, अनील डाबला और तारा देवी ने बताया कि उनके बाप-दादा के नाम जो जमीन है उसमें दो-दो या तीन-तीन भाई रह रहे हैं, जो उनके नाम नहीं चढ़ी है. ऐसे में जमीन पात्र के नाम होना, उसका नक्शा होना जैसी शर्त गलत हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में भी ऐसी समस्या आई थी लेकिन तत्कालीन सीएम ने हलफनामा देने पर पात्र को मकान बनाने के पैसे दिए जाते थे. ऐसे ही अब पैसे दिए जाएं, नहीं तो आने वाले सोमवार या मंगलवार को शहर में प्रदर्शन कर पूरे शहर को बंद करवा दिया जाएगा.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 20 जुलाई।
प्रधानमंत्री आयोस योजना के तहत मिलते हैं 2.5 लाख रुपये
कागजात पूरे ना होने पर किसी भी पात्र व्यक्ति को नहीं हुआ लाभ
बात-दादा के नाम जमीन होने पर नहीं मिल रहे मकान के पैसे
स्थानियों लोगों ने लघु सचिवालय पहुंच डीसी को सौंपा मांग पत्र
सरकार मकान बनाने के पैसे दे, लेकिन अधिकारी या कर्मचारी पैसे देने की बजाय पात्र लोगों के चक्कर कटवाते रहें। ऐसा ही कुछ हो रहा है भिवानी शहर में। मजबूरन इन लोगों ने शहर बंद का ऐलान कर दिया है।
लघु सचिवालय के बाहर जमा हुए ये लोग शहर के वो लोग हैं जिनके मकान नहीं हैं, या हैं तो वो जर्जर हालत में हैं। ऐसे लोगों के मकान बवाने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाए जाते हैं। ये योजना भिवानी में भी है, लेकिन इन लोगों का आरोप है कि मकान बनाने के लिए जो पैसे प्रधानमंत्री योजना के तहत दिया जाता है उसके नियम इतने सख्त हैं कि पात्र व्यक्ति चाह कर भी योजना का लाभ नहीं उठा पाता।
Body: यहां पहुंचे लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक व्यक्ति को 2 लाख 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। पिछले तीन सालों से नगर परिषद के पास शहर में करीब 3800 मकानों के लिए पैसा आया हुआ भी है पर अधिकारी व कर्मचारी पैसे देने की बजाय कागजात को लेकर परेशान कर रहे हैं। नगर परिषद कर्मचारी पैसे देने के लिए नक्सा व मलकियत जैसे कागजात मांगते हैं जो पूरे नहीं हो पा रहे। क्योंकि उनकी जमीन उनके बाप या दादा के नाम पर है। ऐसे में उनके नाम जमीन ना होने पर इस जमीन पर मकान बनाने के पैसे नहीं दिए जा रहे।
Conclusion: भगवान दास, अनील डाबला व तारा देवी ने बताया कि उनके बाप-दादा के नाम जो जमीन है उसमें दो-दो या तीन-तीन भाई रह रहे हैं, जो उनके नाम नहीं चढी है। ऐसे में जमीन पात्र के नाम होना, उसका नक्सा होना जैसी शर्त गलत हैं। उन्होने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में भी ऐसी समस्या आई थी पर तत्कालीन सीएम ने हल्फनामा देने पर पात्र को मकान बनाने के पैसे दिये जाते थे। ऐसे ही अब पैसे दिए जाएं, नहीं तो आने वाले सोमवार या मंगलवार को शहर में प्रदर्शन कर पूरे शहर को बंद करवा दिया जाएगा।
बाइट- भगवान दास, अनील डाबला व तारा देवी
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