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टुकड़ों में चल रहा है चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, मूलभूत सुविधाओं का अभाव - चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय टुकड़ों में चल रहा है. कॉलेज प्रशासन और छात्र-छात्राओं की कक्षाएं अलग-अलग जगह लगती हैं. इतना ही नहीं यहां पर मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है.

चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय
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Published : Jul 31, 2019, 12:03 AM IST

भिवानी: चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय का भवन कब तैयार होगा, इसको लेकर अभी कयास लगाना भी बेमानी है. क्योंकि साढ़े 6 साल में सरकार साढ़े 6 कदम भी नहीं चली. हालत ये है कि CBLU छोटे से भवन में अलग-अलग टुकड़ों में चल रही है. प्रशासन कहीं बैठता है, कक्षाएं कहीं लगती है. ऐसे में विद्यार्थियों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
CBLU का एक हिस्सा हांसी रोड स्थित सीमेंट भवन में चलता है. इस खंड में 11 विभागों की कक्षाएं लगती हैं. लेकिन सुविधाओं की बात करें तो शून्य ही कहा जाएगा. शौचालय की बात करें उसकी हालत भी खस्ता है. शिकायतें बार-बार की जाती हैं. माकूल जवाब देने की बजाए अधिकारी गोलमाल बात करते हैं और समय निकालने में ही अधिक विश्वास रखते हैं.

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रधान राहुल ने कहा कि व्यवस्था से अधिकारियों को निरंतर अवगत करवाया जा रहा है. लेकिन छात्रों को होने वाली परेशानियों को लेकर सभी ने उदासीन रवैया अपनाया हुआ है. तीनों वॉटर कूलर खराब पड़े है. दो महीने तक शिकायत करने के बाद भी वॉटर कूलर ठीक नहीं हो पाएं हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो.

'शौचालयों की हालत खस्ता'
गांव बापोड़ा के छात्र सोमेश ने कहा कि पीने के पानी के लिए उन्हें या तो सामने शिक्षा बोर्ड में जाना पड़ता है या फिर पानी खरीदकर पीना पड़ता हैं. शौचालयों की हालत इतनी खस्ता है कि उनमें घुसना ही महाभारत हैं.

'जल्द ठीक हो जाएंगे शौचालय'
इस बारे में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार भारद्वाज से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सीमेंट भवन में लगे वॉटर कूलरों के आरओ खराब हैं. पानी की सप्लाई भी पर्याप्त नहीं आ पा रही. लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन बच्चों की प्यास बुझा रहा है. उन्होंने कहा कि शौचालयों को ठीक करवाने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है.

भिवानी: चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय का भवन कब तैयार होगा, इसको लेकर अभी कयास लगाना भी बेमानी है. क्योंकि साढ़े 6 साल में सरकार साढ़े 6 कदम भी नहीं चली. हालत ये है कि CBLU छोटे से भवन में अलग-अलग टुकड़ों में चल रही है. प्रशासन कहीं बैठता है, कक्षाएं कहीं लगती है. ऐसे में विद्यार्थियों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
CBLU का एक हिस्सा हांसी रोड स्थित सीमेंट भवन में चलता है. इस खंड में 11 विभागों की कक्षाएं लगती हैं. लेकिन सुविधाओं की बात करें तो शून्य ही कहा जाएगा. शौचालय की बात करें उसकी हालत भी खस्ता है. शिकायतें बार-बार की जाती हैं. माकूल जवाब देने की बजाए अधिकारी गोलमाल बात करते हैं और समय निकालने में ही अधिक विश्वास रखते हैं.

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रधान राहुल ने कहा कि व्यवस्था से अधिकारियों को निरंतर अवगत करवाया जा रहा है. लेकिन छात्रों को होने वाली परेशानियों को लेकर सभी ने उदासीन रवैया अपनाया हुआ है. तीनों वॉटर कूलर खराब पड़े है. दो महीने तक शिकायत करने के बाद भी वॉटर कूलर ठीक नहीं हो पाएं हैं.

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'शौचालयों की हालत खस्ता'
गांव बापोड़ा के छात्र सोमेश ने कहा कि पीने के पानी के लिए उन्हें या तो सामने शिक्षा बोर्ड में जाना पड़ता है या फिर पानी खरीदकर पीना पड़ता हैं. शौचालयों की हालत इतनी खस्ता है कि उनमें घुसना ही महाभारत हैं.

'जल्द ठीक हो जाएंगे शौचालय'
इस बारे में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार भारद्वाज से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सीमेंट भवन में लगे वॉटर कूलरों के आरओ खराब हैं. पानी की सप्लाई भी पर्याप्त नहीं आ पा रही. लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन बच्चों की प्यास बुझा रहा है. उन्होंने कहा कि शौचालयों को ठीक करवाने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 30 जुलाई।
साढ़े 6 वर्ष में चले साढ़े 6 कदम
टुकड़ों में चल रहा है विश्वविद्यालय, मूलभूत सुविधाओं का अभाव
विद्यार्थियों को नसीब नहीं होता कंठ गीला करने के लिए पानी
भिवानी के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय का भवन कब तैयार होगा, इसको लेकर अभी कयास लगाना भी बेमानी है। क्योंकि साढ़े 6 साल में सरकार साढ़े 6 कदम भी नहीं चली। हालत यह है कि सीबीएलयू छोटे से भवन में अलग-अलग टुकड़ों में चल रही है। कही प्रशासन बैठता है तो कही कक्षाएं लगती है। ऐसे मेें विद्यार्थियों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। सीबीएलयू का एक हिस्सा हांसी रोड़ स्थित सीमेट भवन में चलता है। इस खंड में 11 विभागों की कक्षाएं लगती है। लेकिन सुविधाओं की बात करें तो शून्य ही कहा जाएगा। पीने के पानी व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा पर सवालिया निशान लगा हुआ हैं तो क्या कहएिगा। प्रशासन नाम की कोई चीज विश्वविद्यालय में है या नहीं। पेजयल की आपूर्ति करने के लिए इस परिसर में पानी के 20 कैंपर मंगवाए जाते हैं। जो दोपहर होने से पहले-पहले सिमट जाते हैं। क्योंकि 11 विभागों में एक-एक कैंपर चला जाता है। शेष बचे 9 कैंपर करीब करीब 800-1000 बच्चों की प्यास इस गर्मी में कितनी देर बुझा पाएंगे।
इसका अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता हंै। इस परिसर में पढऩे वाले बच्चों ने जब-जब शिकायत की है तो उन्हे एक ही जवाब मिला है, कार्रवाई की जा रही है, शीघ्र पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो जाएगा। लेकिन यह सुनते-सुनते दो माह से अधिक हो गए। अब तो बरसात का मौसम श्ुारू हो गया है। जो समय-समय बीतेगा, पानी की खपत भी कम हो जाएगी और सीबीएलयू के अधिकारियेां का पीछा भी छुट जाएगा।
शौचालय की बात करें तो इस परिसर में शौचालय की हालत भी खस्ता है। शिकायतें बार-बार की जाती हैं। माकूल जवाब देने की बजाए अधिकारी गोलमाल बात करते हैं और समय निकालने में ही अधिक विश्वास रखते हैं। चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रधान राहुल ने कहा कि व्यवस्था को लेकर अधिकारियेां को निरंतर अवगत करवाया जा रहा है। लेकिन छात्रों को होने वाली परेशानियों को लेकर सभी ने उदासीन रवैया अपनाया हुआ है। तीनों वॉटर कूलर खराब पड़े है। शौचालयों की हालत खस्ता है। दो माह तक शिकायत करने के बाद भी वॉटर कूलर ठीक नहीं हो पाएं हैं।
Body: गांव बापोड़ा के छात्र सोमेश ने कहा कि पीने के पानी के लिए उन्हे या तो सामने शिक्षा बोर्ड में जाना पड़ता है या फिर पानी खरीदकर पीना पड़ता है। शौचालयों की हालत इतनी खस्ता है कि उनमें घुसना ही महाभारत है। विश्वविद्यालय प्रशासन क्या कर रहा है, क्या कह सकते है।
सीमेट भवन में पढऩे वाले सीबीएलयू के विद्यार्थियों की बात करें तो इस भवन में हिंदी, अंग्रेजी, एचएसएम, राजनीतिक शास्त्र, एमबीए, एमएसडब्ल्यू, एमजेएमसी, मनोविज्ञान, वाणिज्य शास्त्र, फॉर्मेसी, रसायन शास्त्र सहित 11 विभागों की कक्षाएं लगती हैं। प्रत्येक कक्षा में औसतन 50 से 55 विद्यार्थी हैं।
Conclusion: इस बारे में चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार भारद्वाज से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सीमेट भवन में लगे वॉटर कूलरों के आरओ खराब हैं। पानी की सप्लाई भी पर्याप्त नहीं आ पा रही। लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन बच्चों की प्यास बुझा रहा है। उन्होंने कहा कि शौचालयों को ठीक करवाने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है। जब उनसे पूछा गया कि यह सब कितने दिनों में संभव हो जाएगा तो वे जुबां दबा गए।
बाईट : सोमेश छात्र।
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