भिवानी: मौसम कोई भी हो, भिवानी के भीम स्टेडियम में हर सुबह और शाम हजारों खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. खिलाड़ियों के अभ्यास को देखकर तो लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक हमारे ही हैं, लेकिन मानकों की बात करें और खेल सामान की तो भीम स्टेडियम काफी पिछड़ा हुआ है.
भिवानी का भीम स्टेडियम वह स्थान है, जहां जिले भर के लगभग तीन हजार खिलाड़ी प्रतिदिन विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं की तैयारियों के लिए आते हैं. हालांकि यहां के कुछ मैदान बहुत बेहतर तरीके से बनाए गए हैं, परन्तु अधिकत्तर खेल सुविधाएं मापदंडों के अनुरूप नहीं है.
भिवानी को खेल नगरी भी कहा जाता है. यहां के सैंकड़ों खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं. ऐसे में खिलाड़ियों को खेल सुविधाएं मिलना व बेहतर मैदान मिलना एक आवश्यक जरूरत है. भिवानी के एथलेटिक्स खिलाड़ी राकेश व डिस्कस थ्रो खिलाड़ी योगेश से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि भिवानी स्टेडियम के टॉयलेट दुर्गंध मारते हैं और यहां पर तीस सेकेंड से अधिक ठहरना खिलाड़ियों के लिए मुश्किल कार्य होता है जबकि उन्हें अपने रूटीन के वस्त्रों को खेल के वस्त्रों में बदलने के लिए बाथरूम का प्रयोग प्रतिदिन करना होता है.
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वहीं उन्होंने कहा कि भिवानी के पैवेलियन की सीढ़ियां जर्जर अवस्था में है, जो कभी भी गिर सकती है तथा बड़ी दुर्घटना हो सकती है परन्तु इनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है. वहीं खिलाड़ियों का कहना है कि भिवानी भीम स्टेडियम में लाइट की व्यवस्था सभी मैदानों में नहीं है, जबकि आने वाले गर्मी के दिनों में देर सायं तक खिलाड़ियों का अभ्यास करना मजबूरी है. ऐसे में बगैर लाइट के वे अपना अभ्यास कर पाने में कैसे सक्षम होंगे, यह स्टेडियम प्रशासन को देखना होगा.
वहीं जब इस बारे में स्टेडियम के हॉकी कोच दिलबाग सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हॉकी के मैदान में बेहतर सुविधाएं हैं. स्टेडियम के विभिन्न मैदानों के लिए अच्छी व्यवस्था की है, परन्तु बिजली, साफ-सफाई, पानी की कमी पर ध्यान देने की बात उन्होंने स्वीकारी तथा इस क्षेत्र में स्टेडियम में ये व्यवस्थाएं दुरूस्त करने की बात कही.
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