भिवानी: जिले में भी पानीपत फिल्म को लेकर विरोध के स्वर शुरू हो गए हैं. जाट समाज ने आरोप लगाया है कि इस फिल्म में महाराज सुरजमल के चरित्र को गलत दिखाया गया है, जो पूरे समाज के लिए गलत संदेश है. जाट समाज ने केंद्र सरकार से इस फिल्म को बैन कर निर्मता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई निर्मता किसी समाज के साथ खिलवाड़ ना करे.
महाराज सुरजमल के चरित्र को गलत दिखाया गया है- जाट नेता
जाट धर्मशाला में जाट समाज ने गंगाराम श्योराण के नेतृत्व में प्रेसवार्ता की. इस दौरान समाज के नेता मंगल सिंह सुई, बलबीर सिंह बजाड़, रणबीर बेनिवाल और कमल प्रधान ने कहा कि फिल्म पानीपत में महाराज सुरजमल को लेकर जो भी दिखाया गया है, वो गलत है. महाराज सुरजमल एक महान योद्धा थे.
उन्होंने मुगलों से लड़ने के लिए मराठाओं के सामने तीन शर्तें रखी थी, लेकिन भाऊ ने दिल्ली जीतने के बाद अंहकार में आकर महाराज सुरजमल की शर्तें नहीं मानी. जिसके चलते मराठाओं की हार हुई. बावजूद इसके महाराजा सुरजमल ने मराठाओं के घायल सैनिकों, उनके बच्चों और महिलाओं को संरक्षण देकर उनकी सेवा की और उन्हें उस समय लाखों रूपये देकर अपने सैनिकों की सुरक्षा में महाराष्ट्र भेजा था.
पानीपत फिल्म पर बैन लगाने की मांग की
गंगाराम श्योराण ने कहा कि वो केंद्र सरकार से पानीपत फिल्म बैन करने की और इस फिल्म के निर्माता पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि निर्मता के खिलाफ कार्रवाई होगी, तभी संदेश जाएगा और भविष्य में कोई निर्माता किसी समाज से खिलवाड़ नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सेंसर बोर्ड पर भी लगाम लगाए. सेंसर बोर्ड तय करे कि किसी भी ऐतिहासिक फिल्म को लेकर निर्माता द्वारा इतिहास के तथ्यों की पुष्टी तय करवाए.
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