भिवानी: बलियाली गांव में पशु अचानक से किसी अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गए. जिससे उनकी जान जा रही है. पशुओं की मौत से पशुपालकों का जीवन संकट में आ गया है. क्योंकि इन्हीं दुधारू पशुओं से इनके घर की रोजी-रोटी चलती है.
पशुओं को देखने पहुंची टीम
पशुओं की हो रही मौत की जानकारी ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद विभाग की टीम गांव में पहुंची. लेकिन पशुओं की मौत के बारे में अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
मौसम के बदलाव के चलते गई पशुओं की जान
अधिकारियों का कहना है कि मौसम में हुए बदलाव के चलते पशु बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. उनका कहना है कि प्राथमिक जांच में भैंसों और कटडिय़ों में नमूनिया की शिकायत पाई गई.
300 से 350 पशुओं की मौत
वहीं गांव बलियाली की सरपंच कुसुम देवी और पशुपालकों का कहना है कि अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से अब तक गांव में करीब 300 से 350 भैंसों और कटड़े-कटडिय़ों की मौत हो चुकी है.
रोजी-रोटी पर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि उनका व्यवसाय पशुपालन पर आधारित है. जिसके चलते उनके घर की रोजी-रोटी चलती है.
सरकार से आर्थिक मदद की मांग
गांव के पशुओं में ये बीमारी फैलने से कई पशुपालकों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार को उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके.
पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए ये करें:
- पशु अगर चारा खाना छोड़ दे तो उसे डॉक्टर को तुरंत दिखाएं
- अगर पशुओं के तापमान में बढ़ोत्तरी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
- दुषित तालाब में पशुओं को न नहलाएं और ठंडे पानी से दूर रखें
- पशुओं को घर में ताजा पानी पिलाएं
- पशुओं को साफ-सुथरी जगह बांधें