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अज्ञात बीमारी की चपेट में आ रहे दुधारू पशु, पशुपालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट - अधिकारी

जिले के गांव बलियाली में दुधारू पशुओं की हो रही मौत से पशुपालकों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है और वो सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

दुधारू पशुओं की जा रही जान
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Published : Mar 6, 2019, 4:34 PM IST

भिवानी: बलियाली गांव में पशु अचानक से किसी अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गए. जिससे उनकी जान जा रही है. पशुओं की मौत से पशुपालकों का जीवन संकट में आ गया है. क्योंकि इन्हीं दुधारू पशुओं से इनके घर की रोजी-रोटी चलती है.

पशुओं को देखने पहुंची टीम
पशुओं की हो रही मौत की जानकारी ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद विभाग की टीम गांव में पहुंची. लेकिन पशुओं की मौत के बारे में अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.

मौसम के बदलाव के चलते गई पशुओं की जान
अधिकारियों का कहना है कि मौसम में हुए बदलाव के चलते पशु बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. उनका कहना है कि प्राथमिक जांच में भैंसों और कटडिय़ों में नमूनिया की शिकायत पाई गई.

animals died in bhiwani
दुधारू पशुओं की जा रही जान

300 से 350 पशुओं की मौत
वहीं गांव बलियाली की सरपंच कुसुम देवी और पशुपालकों का कहना है कि अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से अब तक गांव में करीब 300 से 350 भैंसों और कटड़े-कटडिय़ों की मौत हो चुकी है.

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रोजी-रोटी पर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि उनका व्यवसाय पशुपालन पर आधारित है. जिसके चलते उनके घर की रोजी-रोटी चलती है.

सरकार से आर्थिक मदद की मांग
गांव के पशुओं में ये बीमारी फैलने से कई पशुपालकों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार को उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके.

पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए ये करें:

  • पशु अगर चारा खाना छोड़ दे तो उसे डॉक्टर को तुरंत दिखाएं
  • अगर पशुओं के तापमान में बढ़ोत्तरी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
  • दुषित तालाब में पशुओं को न नहलाएं और ठंडे पानी से दूर रखें
  • पशुओं को घर में ताजा पानी पिलाएं
  • पशुओं को साफ-सुथरी जगह बांधें

भिवानी: बलियाली गांव में पशु अचानक से किसी अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गए. जिससे उनकी जान जा रही है. पशुओं की मौत से पशुपालकों का जीवन संकट में आ गया है. क्योंकि इन्हीं दुधारू पशुओं से इनके घर की रोजी-रोटी चलती है.

पशुओं को देखने पहुंची टीम
पशुओं की हो रही मौत की जानकारी ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद विभाग की टीम गांव में पहुंची. लेकिन पशुओं की मौत के बारे में अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.

मौसम के बदलाव के चलते गई पशुओं की जान
अधिकारियों का कहना है कि मौसम में हुए बदलाव के चलते पशु बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. उनका कहना है कि प्राथमिक जांच में भैंसों और कटडिय़ों में नमूनिया की शिकायत पाई गई.

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दुधारू पशुओं की जा रही जान

300 से 350 पशुओं की मौत
वहीं गांव बलियाली की सरपंच कुसुम देवी और पशुपालकों का कहना है कि अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से अब तक गांव में करीब 300 से 350 भैंसों और कटड़े-कटडिय़ों की मौत हो चुकी है.

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रोजी-रोटी पर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि उनका व्यवसाय पशुपालन पर आधारित है. जिसके चलते उनके घर की रोजी-रोटी चलती है.

सरकार से आर्थिक मदद की मांग
गांव के पशुओं में ये बीमारी फैलने से कई पशुपालकों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार को उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके.

पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए ये करें:

  • पशु अगर चारा खाना छोड़ दे तो उसे डॉक्टर को तुरंत दिखाएं
  • अगर पशुओं के तापमान में बढ़ोत्तरी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
  • दुषित तालाब में पशुओं को न नहलाएं और ठंडे पानी से दूर रखें
  • पशुओं को घर में ताजा पानी पिलाएं
  • पशुओं को साफ-सुथरी जगह बांधें
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FILE NAME : HAR_BHIWANI_INDERVES_ 06MAR_PASHUO KI MAUT
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रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 6 मार्च।
अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से गांव बलियाली के सैंकड़ों दुधारू पशुओं की मौत
पशुपालकों ने की सरकार से मुआवजे की मांग
कहा : अधिकत्तर ग्रामीण पशुओं का दूध बेचकर ही करते हैं गुजर-बसर 
    भिवानी जिला के गांव बलियाली में इन दिनों दुधारू पशु रहस्यमय बीमारी से मौत की चपेट में आ रहे हैं। बीमारी के चलते गांव बलियाली के सैंकड़ों दुधारू पशुओं की मौत हो चुकी थी। इस बारे में ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया। जिसके बाद पशुपानल विभाग की टीम गांव में पहुंची, लेकिन पशुओं की मौत के बारे में अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब ग्रामीणों को नहीं दे पाएं। वही पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मौसम के बदलाव के चलते दुधारू पशु बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। उनका कहना है कि प्राथमिक स्तर पर जांच में अधिकत्तर भैंसों व कटडिय़ों में नमूनिया की शिकायत पाई गई है।
    गांव बलियाली-रामुपुरा की सरपंच कुसुम देवी व पशुपालक मनोज, कृष्ण व जयहिसं ने बताया कि अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से अब तक गांव में करीब 300 से 350 भैंसों व कटड़े-कटडिय़ों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन पर आधारित है, जिसके चलते उनके रोजगार चलता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग को इस बारे में सूचित किया था, जिसके बाद विभाग की टीम गांव में पहुंची, लेकिन अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पशुपालकों के अनुसार अधिकत्तर ग्रामीण पशुओं का दूध बेचकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। गांव के पशुओं में यह बीमारी फैलने से कई पशुपालकों को लाखों रूपयों का नुकसान हुआ है। इसके चलते ऐसे परिवारों की सरकार द्वारा आर्थिक सहायता की जानी चाहिए, ताकि उन्हे कुछ राहत मिल सकें। 
    वही पशुपालन विभाग ने प्राथमिकी जांच में अधिकत्तर भैंसों को नमूनिया व मुंहखोर की बीमारी होने की बात कही है। वेटरनी सर्जन के अनुसार कुछ पशुओं में वायरल फैलने से यह बीमारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी पशुपालक का पशु अचानक चारा खाना छोड़ दे या उसके शरीर के तापमान में बढ़ोत्तरी दिखाई दे तो वे तुरंत वे चिकित्सकों को इस बारे में सूचित करें। समय रहते स्थिति को काबू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पशुओं में नमूनिया व मुंहखोर आदि की बीमारी मौसम बदलाव के कारण से होती है। उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी है कि वे दूषित तालाब में अपने पशुओं को न नहलाएं व ठंडा पानी भी न पिलाएं। ठंडे और दूषित पानी के कारण ही पशुओं में वायरल फैल जाता है। अगर किसी पशुपालक को इन बीमारियों के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हे घर में ताजा पानी पिलाना चाहिए। साथ-साथ गुनगुने पानी के साथ नहलाना चाहिए। उन्होंने बताया कि धूप निकलने के बाद वायरल अपने आप खत्म हो जाता है। जहां पर पशु को बांधा जाए, वह जगह साफ-सुथरी व सूखी रहनी चाहिए। 

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