ETV Bharat / city

हरियाणा को मिली खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी

हरियाणा प्रदेश को खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी मिली है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन अक्तूबर-नवंबर 2020 में हरियाणा में किया जाएगा. खेलो इंडिया के तहत चुने गए खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष 5 लाख का वजीफा व नि:शुल्क प्रशिक्षण मिलता है.

author img

By

Published : Feb 16, 2020, 7:20 PM IST

khelo india youth games haryana
khelo india youth games haryana

भिवानी: उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया प्रोग्राम वर्ष 2017 में शुरू किया था. जिसके चलते देश में हजारों प्रतिभावान खिलाड़ियों को पांच लाख रूपये वार्षिक खेल वजीफा दिया जा रहा है.

वर्ष 2020-21 के लिए अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी हरियाणा प्रदेश को मिली है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मंजूरी देने के बाद अक्तूबर-नवंबर 2020 में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तैयारियां खेल विभाग ने शुरू कर दी है.

हरियाणा को मिली खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी.

इन खेलों का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार का खेल मंत्रालय व 40 प्रतिशत खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी. खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत हर वर्ष देश के एक हजार प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों का चयन किया जाता है. जिसमें स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय के 21 वर्ष तक के युवा खिलाड़ी भाग ले सकते हैं. चयनित खिलाडिय़ों को 8 वर्षो तक लगातार 5 लाख रूपये प्रतिवर्ष खेल वजीफा दिया जाता हैं.

केंद्र सरकार के इस प्रोग्राम से प्रभावित होकर भिवानी जिले के खिलाड़ियों में खेल को लेकर काफी जोश नजर आ रहा है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत सितंबर 2017 में की थी. खेलो इंडिया स्कीम लांच करने का उद्देश्य खिलाड़ियों की प्रतिभा को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने व ओलंपिक खेलों में भारत की रैंकिंग सुधारने की कोशिश के तहत किया जा रहा है.

ये भी पढे़ंः दिल्ली चुनाव पर कांग्रेस नेता विजेंद्र सिंह का बड़ा बयान, 'हम कभी मुकाबले में थे ही नहीं'

इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व सुविधाओं की कमी को पूरा करना भी है. खेल नगरी भिवानी के खिलाड़ी सुनीता, सलीम व कोच दिलबाग ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया खेलो इंडिया प्रोग्राम युवा खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित हुआ है क्योंकि देश भर के चयनित एक हजार खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष 8 सालों तक न केवल पांच लाख रूपये की वजीफा राशि दी जा रही है, बल्कि खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रशिक्षण व खेल सुविधाएं भी दी जा रही हैं.

खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत दो वर्ग रखे गए हैं. पहले वर्ग में 17 वर्ष तक के खिलाड़ी तथा दूसरे वर्ग में 21 वर्ष तक के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं. खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कॉमनवेल्थ, एशियन व यूथ ओलंपिक के लिए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तैयार करना है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर सकें.

खेलो इंडिया योजना के तहत आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, साइकलिंग, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक, तैराकी, हॉकी, जूड़ो, कबड्डी, टेबल टेनिस, कुश्ती, बॉलीबॉल सहित विभिन्न खेलों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मेडल लाने के आधार पर चयन किया जाता है. जिसके बाद इन्हें प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता व प्रशिक्षण 8 वर्ष तक निरंतर दिए जाने की योजना है.

ये भी पढे़ंः शपथ ग्रहण के बाद बोले केजरीवाल- हमें दिल्ली के विकास के लिए चाहिए प्रधानमंत्री का आशीर्वाद

भिवानी: उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया प्रोग्राम वर्ष 2017 में शुरू किया था. जिसके चलते देश में हजारों प्रतिभावान खिलाड़ियों को पांच लाख रूपये वार्षिक खेल वजीफा दिया जा रहा है.

वर्ष 2020-21 के लिए अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी हरियाणा प्रदेश को मिली है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मंजूरी देने के बाद अक्तूबर-नवंबर 2020 में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तैयारियां खेल विभाग ने शुरू कर दी है.

हरियाणा को मिली खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी.

इन खेलों का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार का खेल मंत्रालय व 40 प्रतिशत खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी. खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत हर वर्ष देश के एक हजार प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों का चयन किया जाता है. जिसमें स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय के 21 वर्ष तक के युवा खिलाड़ी भाग ले सकते हैं. चयनित खिलाडिय़ों को 8 वर्षो तक लगातार 5 लाख रूपये प्रतिवर्ष खेल वजीफा दिया जाता हैं.

केंद्र सरकार के इस प्रोग्राम से प्रभावित होकर भिवानी जिले के खिलाड़ियों में खेल को लेकर काफी जोश नजर आ रहा है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत सितंबर 2017 में की थी. खेलो इंडिया स्कीम लांच करने का उद्देश्य खिलाड़ियों की प्रतिभा को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने व ओलंपिक खेलों में भारत की रैंकिंग सुधारने की कोशिश के तहत किया जा रहा है.

ये भी पढे़ंः दिल्ली चुनाव पर कांग्रेस नेता विजेंद्र सिंह का बड़ा बयान, 'हम कभी मुकाबले में थे ही नहीं'

इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व सुविधाओं की कमी को पूरा करना भी है. खेल नगरी भिवानी के खिलाड़ी सुनीता, सलीम व कोच दिलबाग ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया खेलो इंडिया प्रोग्राम युवा खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित हुआ है क्योंकि देश भर के चयनित एक हजार खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष 8 सालों तक न केवल पांच लाख रूपये की वजीफा राशि दी जा रही है, बल्कि खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रशिक्षण व खेल सुविधाएं भी दी जा रही हैं.

खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत दो वर्ग रखे गए हैं. पहले वर्ग में 17 वर्ष तक के खिलाड़ी तथा दूसरे वर्ग में 21 वर्ष तक के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं. खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कॉमनवेल्थ, एशियन व यूथ ओलंपिक के लिए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तैयार करना है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर सकें.

खेलो इंडिया योजना के तहत आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, साइकलिंग, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक, तैराकी, हॉकी, जूड़ो, कबड्डी, टेबल टेनिस, कुश्ती, बॉलीबॉल सहित विभिन्न खेलों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मेडल लाने के आधार पर चयन किया जाता है. जिसके बाद इन्हें प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता व प्रशिक्षण 8 वर्ष तक निरंतर दिए जाने की योजना है.

ये भी पढे़ंः शपथ ग्रहण के बाद बोले केजरीवाल- हमें दिल्ली के विकास के लिए चाहिए प्रधानमंत्री का आशीर्वाद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.