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3 फरवरी की हड़ताल को लेकर भिवानी में बिजली कर्मचारियों में भारी उत्साह - bhiwani latest news

बिजली बिल 2020 के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने 3 फरवरी को हड़तला करने का ऐलान किया है. भिवानी में इस हड़ताल को लेकर तैयारी पूरी हो गई हैं.

electricity employees strike bhiwani
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Published : Jan 31, 2021, 4:01 PM IST

भिवानी: सर्व कर्मचारी संघ संबंधित ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन शहरी यूनिट के प्रधान अशोक गोयत ने हड़ताल को लेकर रविवार को तमाम जिले का दौरा किया.

चांग, बामला, रेवाड़ीखेड़ा, सैय, बापोड़ा, हालुवास, रूपगढ़ शिकायत केंद्रों व सब स्टेशनों पर जाकर के इस्तिहार व पर्चे बांटकर हड़ताल का निमंत्रण दिया गया तो लोगों ने कहा कि हम किसान आंदोलन व 3 फरवरी को बिजली सांकेतिक हड़ताल को लेकर तैयार हैं.

ये भी पढ़ें- भिवानी में कृषि कानूनों के विरोध में महापंचायत, किसान अपने घरों की छत पर लहराएंगे तिरंगा

राज्य ऑडिटर धर्मबीर भाटी ने बताया कि बिजली बिल 2020 हर वर्ग के लिए खतरनाक है. बिजली के रेट लगभग ढाई गुणा व तीन गुणा बढ़ेंगे, जिससे बिजली आम नागरिक की पहुंच से दूर हो जाएगी और आजकल बिजली के बिना तमाम नागरिक असमर्थ होगा.

सार्वजनिक क्षेत्र के जो विभाग 1970 से लेकर 74 के बीच जनहित में खोले गए थे, आज केंद्र की सरकार इनको घाटे का सौदा बताकर पूंजीपतियों को मनमाने रेटों पर बेच रही है. जिससे आने वाले समय में बेरोजगारी, भूखमरी, भ्रष्टाचार बढ़ेगा. इसलिए बिजली कर्मचारी इसका विरोध करते हैं.

ये भी पढ़ें- लोहारू में जनस्वास्थ्य विभाग पर 4 करोड़ का बिजली बिल बकाया, निगम ने काटा कनेक्शन

भिवानी: सर्व कर्मचारी संघ संबंधित ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन शहरी यूनिट के प्रधान अशोक गोयत ने हड़ताल को लेकर रविवार को तमाम जिले का दौरा किया.

चांग, बामला, रेवाड़ीखेड़ा, सैय, बापोड़ा, हालुवास, रूपगढ़ शिकायत केंद्रों व सब स्टेशनों पर जाकर के इस्तिहार व पर्चे बांटकर हड़ताल का निमंत्रण दिया गया तो लोगों ने कहा कि हम किसान आंदोलन व 3 फरवरी को बिजली सांकेतिक हड़ताल को लेकर तैयार हैं.

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राज्य ऑडिटर धर्मबीर भाटी ने बताया कि बिजली बिल 2020 हर वर्ग के लिए खतरनाक है. बिजली के रेट लगभग ढाई गुणा व तीन गुणा बढ़ेंगे, जिससे बिजली आम नागरिक की पहुंच से दूर हो जाएगी और आजकल बिजली के बिना तमाम नागरिक असमर्थ होगा.

सार्वजनिक क्षेत्र के जो विभाग 1970 से लेकर 74 के बीच जनहित में खोले गए थे, आज केंद्र की सरकार इनको घाटे का सौदा बताकर पूंजीपतियों को मनमाने रेटों पर बेच रही है. जिससे आने वाले समय में बेरोजगारी, भूखमरी, भ्रष्टाचार बढ़ेगा. इसलिए बिजली कर्मचारी इसका विरोध करते हैं.

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