भिवानी: कोरोना महामारी के दौर में सरकार द्वारा जरूरतमंद लोगों की मदद और लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों को लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि में छूट के बाद अब तक 641 उद्योग इकाइयों में 15 हजार 822 लोगों को काम मिला है. भट्टा उद्योग को मिलाकर यह संख्या भिवानी जिला में 30 हजार हो जाती है. वहीं मनरेगा के तहत 2650 लोग काम कर रहे हैं.
हरियाणा में बढ़ा गेहूं और चीनी का उत्पादन
उन्होंने आगे बताया कि पिछले पांच सालों के दौरान हरियाणा में गेहूं का उत्पादन 20 प्रतिशत बढ़ा है और चीनी का उत्पादन 46 प्रतिशत बढ़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो लाख करोड़ रुपये की योजना पशुधन क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए शुरू की है. इससे देश के अढ़ाई लाख पशुपालकों को सीधा लाभ पहुंचेगा. इस योजना के तहत भेड़, बकरी, गाय, भैंस पालन के लिए बगैर जमीन को गिरवी रखे मात्र चार प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो सकेगा.
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कोरोना महामारी के दौर में सरकारी मदद पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम जरूरतमंद व्यक्ति तक उसके खाते में पैसा पहुंचाया है. आज लगभग हर जरूरतमंद व्यक्ति तक केंद्र सरकार द्वारा एक हजार से पांच हजार रुपये तक की सहायता पहुंची है.
93 प्रतिशत लोगों की गई राशन की होम डिलीवरी
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में भिवानी एकमात्र ऐसा जिला है, जहां पर सबसे पहले 93 प्रतिशत से अधिक लोगों को राशन की होम डिलीवरी की गई. जनवितरण प्रणाली के तहत जिले में 2833 मीट्रिक टन गेहूं, 43 मीट्रिक टन चीनी और 28 हजार 21 लीटर सरसों का तेल वितरित किया गया. लॉकडाउन के दौरान प्रशासन ने सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जिले में 32 हजार 948 लोगों को सूखे राशन के पैकेट वितरित किए. इसी प्रकार से चार लाख 87 हजार 290 लोगों को पका हुआ भोजन दिया गया.
उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत जिले में 22 हजार से ज्यादा परिवारों को डिस्ट्रेस राशन टोकन के माध्यम से राशन मुहैया करवाया जाएगा. इनमें वे भी जरूरतमंद गरीब परिवार हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. वहीं अकेले भिवानी जिले में 4800 जरूरतमंद लोगों के लिए शेल्टर होम स्थापित किए गए. सभी को समुचित भोजन उपलब्ध करवाया गया.
प्रवासी मजदूरों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि घर वापसी के लिए 19 हजार 428 प्रवासी श्रमिकों ने अपना पंजीकरण करवाया है, जिसमें से 7285 को उनके गृह जिले में भेजा जा चुका है. इनमें से 4659 को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार, एमपी, सिक्कम, आसाम और 2574 को बस के माध्यम से यूपी भेजा गया है.
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