भिवानी: 24 मार्च को किए गए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आह्वान पर पैरामैडिकल स्टॉफ, डॉक्टर, नर्स व जिला प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कार्यों में सहयोग के लिए अब तक प्रदेश के 69 हजार 10 लोगों ने कोविड हरियाणा डॉट इन पर अपना पंजीकरण करवाया हैं. भिवानी जिले में भी कोविड संघर्ष सेनानी प्रशासन के साथ मिलकर निरंतर अपनी सेवाएं देने में जुटे हुए हैं.
कोविड संघर्ष सेनानी कोरोना वायरस के संक्रमण काल में लोगों को जरूरी सेवाओं की आपूर्ति, भोजन, पानी, दवाईयां, फल-सब्जी, दूध की आपूर्ति में लगातार लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री के आह्वान पर हरियाणा प्रदेश में अब तक जिला प्रबंधन के लिए 11 हजार 737, पब्लिक कम्यूनिकेशन के लिए 14 हजार 632, सोशल डिस्टेंस के लिए 11 हजार 887, होम डिलीवरी के लिए 12 हजार 146, पैरा मैडिकल के लिए 2278, डॉक्टर 985, नर्स, 936, मेंटल कंसलटेंसी के लिए 27 के अलावा अन्य सेवाओं के लिए 14 हजार 368 लोगों ने अब तक कोविड संघर्ष सेनानी के लिए अपना पंजीकरण करवाया हैं.
वहीं भिवानी जिले में कुल 3873 कोविड संघर्ष सेनानियों ने अपना पंजीकरण करवाया है, जिनमें से पब्लिक कम्यूनिकेशन के लिए 894, डॉक्टर 50, नर्स 68, होम डिलीवरी 719, सोशल डिस्टेंस 667, जिला प्रबंधन 610 व अन्य 749 ने अपना पंजीकरण करवाया हैं.
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भिवानी के कोविड संघर्ष सेनानी निरंतर आम जरूरत की चीजों के अलावा जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने, दवाईयां, सब्जी, फल के अलावा रक्तदान करने के लिए भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. भिवानी के कोविड संघर्ष सेनानी राजू डुडेजा, अमन व राजेश बिष्ट ने बताया कि उन्होंने कोविड संघर्ष सेनानी के रूप में अपना पंजीकरण करवाया है तथा प्रशासन उनकी जो भी ड्यूटी लगाएगा उसे वे पूरा करने के लिए तत्पर हैं.
उन्होंने बताया कि वे भिवानी की विभिन्न कॉलोनियों में जरूरतमंदों तक खाना, दवाईयां व अन्य जरूरी सामान पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. इसके साथ ही भिवानी सामान्य अस्पताल के रक्त कोष में प्रतिदिन 12 से 15 यूनिट रक्तदान का प्रबंध भी वे करते हैं क्योंकि भिवानी जिले के थैलीसीमिया रोगियों को प्रतिदिन 12 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. इसके लिए वे रक्तदाताओं से संपर्क करके प्रशासन के सहयोग से रक्तदाताओं को रक्तकोष तक पहुंचाकर रक्त एकत्रित भी करते हैं.
गौरतलब है कि कोविड संघर्ष सेनानियों की यह फौज महामारी के इस समय में प्रशासन के लिए एक बड़ी सहायता के रूप में काम करती नजर आ रही हैं. ये कोविड संघर्ष सेनानी वे लोग हैं जो आम जनता में से आगे आकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और अगर ऐसे ही लोगों का सहयोग सरकार को मिलता रहा तो बेशक कोरोना ये चल रही ये जंग जल्द खत्म हो जाएगी.
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