अंबाला: हरियाणा सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के स्तर को सुधारने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं. जब शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कार्यभार संभाला तो उन्होंने भी यही कहा था कि उनका मकसद सरकारी स्कूल में पढ़ाई के स्तर को बढ़ाना है, लेकिन अब जरा उस सरकारी स्कूल का हाल सोचिए जहां नर्सरी से तीसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए दो शिक्षक और चौथी-पांचवी के लिए 3 ही शिक्षक हैं.
110 शिक्षकों को पढ़ा रहे 5 शिक्षक
अंबाला जिले के काकड़ू के सरकारी स्कूल में करीब 110 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन इन सभी बच्चों का भविष्य अधंकार में दिखाई दे रहा है, क्योंकि यहां 110 बच्चों को सिर्फ 5 शिक्षक पढ़ा रहे हैं. गणित ये है कि पांच शिक्षक आठ क्लास और करीब 32 पीरियड संभाल लेते हैं.
खास बात ये है कि छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक लगभग 7 विषय है, लेकिन एक-एक शिक्षक 2-2 विषय पढ़ाता है, यानी साइंस का शिक्षक साइंस ही नहीं बल्कि मैथ भी पढ़ाता है तो वहीं सोशल स्टडीज का शिक्षक सोशल स्टडी के साथ-साथ हिंदी भी पढ़ाता है. जब इन शिक्षकों में से कोई छुट्टी पर चला जाए तो दूसरा शिक्षक दो कक्षाओं को एक करके पढ़ाएगा.
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स्कूल में नहीं है प्लेग्राउंड और PT टीचर
अगर बात की जाए खेलों की तो स्कूल में प्लेग्राउंड नहीं है. जिस वजह से बच्चों को खेल कूद के लिए दूसरे स्कूलों में जाना पड़ता है. वहीं जब बच्चों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में पढ़ाई तो अच्छी होती है, लेकिन उनके स्कूल में PT टीचर नहीं हैं. वो चाहते हैं कि उनके स्कूल भी PT टीचर हो. जो उन्हें खेल सिखाए. वहीं कुछ बच्चों ने बताया कि उन्हें कंप्यूटर चलाना तक नहीं आता है.
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वहीं जब इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा की हमारे पास हेडमास्टर की तरफ से कोई भी मांग नही आई है. फिर भी वो खुद जाकर स्कूल का जायजा लेंगे.