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अंबाला के 434 गांवों में पहुंची लम्पी स्किन बीमारी, 9 गौशालाओं में फैला वायरस

अंबाला जिले के 434 गांवों में लम्पी स्किन बीमारी फैल गई है और 10 में से 9 गौशालाओं के गौवंश में बीमारी के लक्ष्ण मिले हैं. 3 हजार 656 पशु बीमारी की चपेट में आए थे, जिनमें से 1456 रिकवर कर चुके हैं

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Published : Aug 20, 2022, 10:08 PM IST

अंबालाः जिले में भी लम्पी वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. अंबाला के 434 गांवों के पशुओं में लम्पी बीमारी (Lumpy skin disease in Ambala) फैल गई है और 10 में से 9 गौशालाओं के गौवंश में वायरस (Lumpy virus in Ambala gaushalas) के लक्षण मिले हैं. 3656 पशु बीमारी की चपेट में आए थे जिनमें से 1456 रिकवर कर चुके हैं. ज्यादातर गायें बीमारी की चपेट में आ रही हैं. 4 भैंसों में लंम्पी वायरस के लक्षण मिले थे लेकिन अब वो ठीक हो चुकी हैं.

बीमारी ने जहां किसानों की चिंताएं बढ़ा रखी है वहीं पशु पालन विभाग भी बीमारी को लेकर गंभीर हो गया है. पशु पालन विभाग ने 5 हजार पशुओं को बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन (Animal Vaccination in Ambala) लगा दी है. वैक्सीन की 20 हजार डोज के लिए विभाग ने डिमांड भेजी है. उन्होंने टीक से बचने के लिए आवयरी मिटेन इंजेक्शन लगान की सलाह है और सरकार ने भी ये इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं. पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉक्टर प्रेम सिंह ने बताया कि पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए उनको साफ सुथरा रखा जाए और मक्खी मच्छरों बचाव किया जाए और हो सके मच्छरदानी को प्रयोग किया जाए.

434 गांवों में पहुंची लम्पी स्किन बीमारी

उन्होंन बीमारी हुए पशुओं के दूध को लेकर फैल रही भ्रांतियों को लेकर बताया कि दूध को गर्म करके पीने से बीमारी नहीं फैलती है. बीमारी से इंसानों को भी कोई खतरा नहीं है इसलिए इससे न घबराएं. उन्होंने सरकार के निर्देश पर पशुओं की आवाजाही पर पूरे तरीके से रोक लगा दी है ताकि बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके. वहीं बीमारी के कारण मरने वाले पशुओं को भी 8-10 फुट के गहरे गढ्ढे में दबाने के आदेश जारी किए गए हैं.

अंबालाः जिले में भी लम्पी वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. अंबाला के 434 गांवों के पशुओं में लम्पी बीमारी (Lumpy skin disease in Ambala) फैल गई है और 10 में से 9 गौशालाओं के गौवंश में वायरस (Lumpy virus in Ambala gaushalas) के लक्षण मिले हैं. 3656 पशु बीमारी की चपेट में आए थे जिनमें से 1456 रिकवर कर चुके हैं. ज्यादातर गायें बीमारी की चपेट में आ रही हैं. 4 भैंसों में लंम्पी वायरस के लक्षण मिले थे लेकिन अब वो ठीक हो चुकी हैं.

बीमारी ने जहां किसानों की चिंताएं बढ़ा रखी है वहीं पशु पालन विभाग भी बीमारी को लेकर गंभीर हो गया है. पशु पालन विभाग ने 5 हजार पशुओं को बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन (Animal Vaccination in Ambala) लगा दी है. वैक्सीन की 20 हजार डोज के लिए विभाग ने डिमांड भेजी है. उन्होंने टीक से बचने के लिए आवयरी मिटेन इंजेक्शन लगान की सलाह है और सरकार ने भी ये इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं. पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉक्टर प्रेम सिंह ने बताया कि पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए उनको साफ सुथरा रखा जाए और मक्खी मच्छरों बचाव किया जाए और हो सके मच्छरदानी को प्रयोग किया जाए.

434 गांवों में पहुंची लम्पी स्किन बीमारी

उन्होंन बीमारी हुए पशुओं के दूध को लेकर फैल रही भ्रांतियों को लेकर बताया कि दूध को गर्म करके पीने से बीमारी नहीं फैलती है. बीमारी से इंसानों को भी कोई खतरा नहीं है इसलिए इससे न घबराएं. उन्होंने सरकार के निर्देश पर पशुओं की आवाजाही पर पूरे तरीके से रोक लगा दी है ताकि बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके. वहीं बीमारी के कारण मरने वाले पशुओं को भी 8-10 फुट के गहरे गढ्ढे में दबाने के आदेश जारी किए गए हैं.

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