अंबाला: केंद्र सरकार ने भले ही एमएसएमई में बड़े बदलाव किए हो और व्यापारियों को राहत दिलाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया हो. लेकिन धरातल पर ये पैकेज व्यापारियों को रास नहीं आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला शहर स्थित आइसक्रीम, टॉफियां, नमकीन, मैक्रोनी, पास्ता बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक से बातचीत की और उनके हालातों का जायजा लिया.
एएनवी इंडियन बायोटेक फैक्ट्री के मालिक कुलदीप सिंह आइसक्रीम, टॉफियां, मैक्रोनी, नमकीन, पास्ता बनाने का काम करते हैं. लॉकडाउन से पहले उनका काम बहुत बढ़िया चल रहा था उस दौरान वो महीने के 2 से 3 लाख रुपये आराम से कमा लेते थे. लेकिन अब आलम ये है कि लेबर की सैलरी देना भी मुश्किल हो रहा है. कुलदीप सिंह की फैक्ट्री हिमाचल के सिरमौर जिले के काले अंब में स्तिथ है. जो अंबाला शहर से मात्र 40- 50 किलोमीटर की दूरी पर है. लॉकडाउन से पहले वो हर रोज सुबह अपनी फैक्ट्री जाया करते थे और शाम को आराम से वापस आ जाते थे. लेकिन अब कोरोना के चलते वो हफ्ते में सिर्फ एक ही दिन फैक्ट्री जा पाते हैं.
आइसक्रीम व्यापारियों पर लॉकडाउन की मार
कुलदीप सिंह बताते हैं लॉकडाउन से पहले उनके पास 60 से 65 लेबर थी और ज्यादातर लेबर उनकी उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल, राजस्थान और दिल्ली की थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते अब मात्र हिमाचल की लोकल लेबर ही काम पर आ रही है. बाकी सभी अपने-अपने राज्य में फंसे हुए हैं. कुलदीप सिंह का कहना है कि भले ही सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई हो. लेकिन एक राज्य से दूसरे राज्य तक सामान ले जाने का जो सीमित समय है. उसके चलते उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उनका कहना है कि उनके यहां जो सामान तैयार किया जाता है उसे सीमित तापमान में ही रखना होता है. जिसके लिए बाकायदा रेफ्रिजरेटर वाले ट्रक इस्तेमाल में लाए जाते हैं. ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य तक सामान पहुंचाया जा सके.
फैक्ट्री मालिकों को नहीं मिल पर रहा रॉ मटेरियल
लेकिन कोरोना काल के दौरान सभी राज्यों ने अपने-अपने नियम बनाए हुए हैं. जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कुलदीप सिंह का कहना है कि कई बार एक ही जगह पर रेफ्रिजरेटर वाले ट्रक को खड़े-खड़े काफी दिन हो जाते हैं जिसके चलते उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ता है. कुलदीप सिंह बताते हैं कि उनका ज्यादातर सामान हरियाणा, हिमाचल, ईस्टर्न यूपी और वेस्टर्न यूपी में सप्लाई होता है. लेकिन सभी राज्यों के अलग-अलग कोरोना नियमों के चलते हालात बिगड़ते जा रहे है. वहीं हमारे व्यवसाय का रॉ मैटेरियल आगरा अलीगढ़ और बरेली से आता था. लेकिन अब रॉ मटेरियल की सप्लाई भी काफी कम मात्रा में हो रही है. जिससे सामान तैयार करने में भी दिक्कतें आ रही है.
व्यापारियों की सरकार से अपील
कुलदीप सिंह ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य जाने पर सभी व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट होना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति नेगेटिव होता है तो उसे बिना किसी समस्या के आजादी से घूमने की इजाजत मिलनी चाहिए और यदि कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे प्रवेश नहीं देना चाहिए. उनका कहना है कि ऐसा करने पर घाटे में चल रहे व्यापारी उबर सकेंगे. कुलदीप सिंह कहते हैं कि सरकार द्वारा जो 20 करोड़ रुपये के लोन का ऐलान किया गया था. वो बिल्कुल भी व्यापारी हितैषी नहीं है. उनका कहना है कि वो पहले से ही लोन लेकर अपना काम चला रहे हैं. ऐसे में ना तो बैंक उन्हें लोन देगा और ना ही वो लेना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें हालात को देखते हुए ईएमआई भरने का डर सता रहा है.
ये भी पढ़ें: थिएटर कमांड जिसके बनते ही भारतीय सेनाएं बन जाएंगी 'बाहुबली'
वहीं कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों को भी नौकरी जाने का डर सताने लगा है. उनका मानना है कि फैक्ट्री के मालिक काफी दिनों से मंदी से गुजर रहे हैं. ऐसे में उनकी नौकरी कितने दिन तक रहेगी ये कह पाना मुश्किल है.