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अंबाला के मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, देखें वीडियो

अंबाला में बहुत हर्षोउल्लास से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. अम्बाला के ऐतिहासिक सनातन धर्म मंदिर, रेस कोर्स में स्थित राधाकृष्णन मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है.

अंबाला के मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम
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Published : Aug 24, 2019, 10:58 PM IST

अंबाला: वैसे तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दुओं का एक बहुत बड़ा त्यौहार है लेकिन इसे पूरे भारत में सभी धर्मों के लोग बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं. सभी मंदिरों के बाहर मेले की तरह झूले, खाने-पीने की स्टॉल और खिलौने आदि सहित सभी सामान बेचने वाले होते हैं.

अंबाला के मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- पानीपत के बाजारों में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, श्रद्धालु खरीद रहे हैं भगवान के श्रृंगार का सामान

वहीं मंदिरों के अंदर भी अलग-अलग तरह की झांकियों ने आने वाली भीड़ का मन मोह लिया. ये भीड़ देर रात तक मंदिरों में जमा रहती है क्योंकि ऐसा मानना है कि श्रीकृष्ण का जन्म रात में 12 बजे हुआ था. इसीलिए लोग मंदिरों में से 12 बजे के बाद ही जाते हैं. देर रात लोगों ने छोटे कृष्ण को झूला भी झुलाया. आज भी श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव लोग मना रहे हैं.

कंस के अत्याचारों से पृथ्वी को बचाने के लिए लिया अवतार

जब कंस के अत्याचारों से पृथ्वी पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई थी, तब भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लेकर पृथ्वी को अत्याचारों से मुक्त किया.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नछत्र में अष्टमी पर ये मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं. दो दिन जन्माष्टमी मनाया जाता है. एक दिन श्रीकृष्ण का जन्म मनाया जाता है. उसे श्री कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं और दूसरे दिन जन्म महोत्सव मनाया जाता है.

अंबाला: वैसे तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दुओं का एक बहुत बड़ा त्यौहार है लेकिन इसे पूरे भारत में सभी धर्मों के लोग बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं. सभी मंदिरों के बाहर मेले की तरह झूले, खाने-पीने की स्टॉल और खिलौने आदि सहित सभी सामान बेचने वाले होते हैं.

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वहीं मंदिरों के अंदर भी अलग-अलग तरह की झांकियों ने आने वाली भीड़ का मन मोह लिया. ये भीड़ देर रात तक मंदिरों में जमा रहती है क्योंकि ऐसा मानना है कि श्रीकृष्ण का जन्म रात में 12 बजे हुआ था. इसीलिए लोग मंदिरों में से 12 बजे के बाद ही जाते हैं. देर रात लोगों ने छोटे कृष्ण को झूला भी झुलाया. आज भी श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव लोग मना रहे हैं.

कंस के अत्याचारों से पृथ्वी को बचाने के लिए लिया अवतार

जब कंस के अत्याचारों से पृथ्वी पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई थी, तब भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लेकर पृथ्वी को अत्याचारों से मुक्त किया.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नछत्र में अष्टमी पर ये मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं. दो दिन जन्माष्टमी मनाया जाता है. एक दिन श्रीकृष्ण का जन्म मनाया जाता है. उसे श्री कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं और दूसरे दिन जन्म महोत्सव मनाया जाता है.

Intro:-श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात मंदिरो में धूम रही ! अम्बाला के ऐतिहासिक सनातन धर्म मंदिर, रेसकोर्स में सथिस राधाकृष्णन मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती थी ! सभी मंदिरो में लड़िया से मंदिर को बाहर से बहुत सुंदर बनाया हुआ था लोगो की भी बहुत भीड़ रात को मंदिरो में भगवान् के दर्शनों के लिए रही !Body:वैसे तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिन्दुओं का एक बहुत बड़ा त्यौहार है लेकिन ये पूरे भारत में सभी धर्म के लोग बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मानते है ! सभी मंदिरो के बाहर मेले की तरह झूले,खाने-पीने की स्टाल व् खिलोने आदि सहित सभी सामान बेचने वाले होते है वही मंदिरो के अंदर भी अलग-अलग तरह की झांकी ने आने वाली भीड़ का मन मोह लिया ! ये भीड़ देर रात तक मंदिरो में जमा रहती है क्योंकि ऐसा मानना है कि श्रीकृष्ण का जन्म रात में 12 बजे हुआ था इसीलिए लोग मंदिरो में से 12 बजे के बाद ही जाते है देर रात लोगो ने छोटे कृष्ण को झूला भी झुलाया ! आज भी श्रीकृष्ण का जनमहोत्स्व लोग मना रहे है Conclusion:
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