नई दिल्ली : घर खरीदने की प्लानिंग बना रहे लोगों का एक बड़ा वर्ग मानता है कि अगर होम लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाकर 9.5 प्रतिशत से ज्यादा किया जाता है, तो घर खरीदने को लेकर उनका फैसला प्रभावित होगा. रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक ने एक रिसर्च रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
एनारॉक ने ऑनलाइन ‘उपभोक्ता धारणा सर्वेक्षण’ में 5,218 लोगों को शामिल किया. सर्वेक्षण के अनुसार, लोग मध्यम और प्रीमियम खंड के मकान खरीदना चाहेंगे. ज्यादातर लोग तीन बीएचके (बेडरूम, हॉल, किचन) फ्लैट खरीदना चाहते हैं. सर्वेक्षण में ये भी पाया गया कि उच्च मुद्रास्फीति (High Inflation) ने 66 प्रतिशत लोगों की खर्च योग्य आमदनी को प्रभावित किया है.
एनारॉक ने कहा-
'सर्वेक्षण में शामिल 98 प्रतिशत लोगों का मानना है कि होम लोन पर इंटरेस्ट में कोई बढ़ोतरी या ब्याज दर के 9.5 प्रतिशत से ऊपर जाने से घरों की बिक्री पर बहुत असर पड़ेगा.'
बता दें कि होम लोन पर इस समय औसत इंटरेस्ट रेट 9.15 फीसदी है. पिछले डेढ़ साल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रमुख नीति दर बढ़ाने के साथ होम लोन पर इंटरेस्ट रेट लगभग 2.5 प्रतिशत तक बढ़ गई है. होम लोन बढ़ने के पीछे की वजह रेपो रेट होती है. और रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देती है, इसलिए जब रेपो रेट बढ़ता है तो बैंक भी लोन इंटरेस्ट रेट बढ़ा देते हैं. आरबीआई रेपो रेट के माध्यम से महंगाई को नियंत्रित करता है.
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(पीटीआई)