नूंह: कोविड19 महामारी को लेकर नूंह जिला पूरी तरह से कोरोना फ्री हो गया है. नूंह में अब एक भी कोरोना के एक्टिव मामले नहीं बचा है. ईद से पहले नूंहवासियों के लिए बेहद राहत भरी खबर है. कोरोना फ्री करने के लिए सबसे बड़ी कामयाबी कोरोना वॉरियर्स डॉक्टरों, पुलिस और सफाई कर्मचारियों की देन हैं.
कोरोना फ्री हुआ नूंह
बता दें कि सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने कोरोना महामारी के शुरू होने से चंद दिन पहले ही कार्यभार संभाला था. उन्होंने सरकारी अस्पतालों की कायापलट करने के साथ-साथ सिस्टम में बड़े बदलाव किए. जैसे ही कोरोना वायरस फैलने या केस मिलने की खबर लगी तो उन्होंने बड़ी तेजी से तबलीगी जमात के सदस्यों को एकांतवास केंद्रों में भेज दिया था.
कोरोना को मात देने के बाद घर लौटे सिविल सर्जन
यही कारण है कि शुरुआत में जो ज्यादा केस जिले में दिख रहे थे. बाद में मामलों में कमी आती चली गई. लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटने लगे और नए केस बहुत कम सामने आए. सैंपल की गति पर जोर दिया गया, जिसके लिए एंबुलेंस को ही अस्पताल का रूप देकर हरियाणा में एक नई पहल नूंह जिले से की गई. सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव 3 महीने बाद घर के लिए रवाना हुए, जब उन्हें खबर मिली है कि जिला कोरोना से पूरी तरह मुक्त हो चुका है.
फरीदाबाद की ओर रवाना हुए सिविल सर्जन
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर भी उनके साथ ही फरीदाबाद घर के लिए रवाना हुए. इसके अलावा डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर और जिला नोडल अधिकारी अरविंद कुमार भी दो-तीन महीने के बाद ही शुक्रवार शाम को अपने घर रोहतक के लिए रवाना हुए थे. कुल मिलाकर कोरोना से जंग जीतने के बाद कोरोना वॉरियर्स अपने-अपने परिवार के लोगों से मुलाकात की.
’चुनौतियों से नहीं लगता डर'
सिविल सर्जन ने बताया कि उन्हें चुनौतियों से डर नहीं लगता है. उन्होंने बताया कि नूंह में टेस्टिंग पर ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने दिन-रात मेहनत करके नूंह को पूर्ण रूप से कोरोना फ्री किया है और यही खुशी जिले के लोगों को उस समय मिली है, जब ईद-उल-फितर का बड़ा त्योहार नजदीक है.