हैदराबाद: शुक्रवार 29 अक्टूबर को कन्नड़ एक्टर पुनीत राजकुमार का निधन हो गया. महज 46 साल के कन्नड़ स्टार की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. जिसके बाद एक बार फिर बहस तेज हो गई है कि आखिर 40-45 साल या उससे भी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के मामले क्यों बढ़ रहे हैं. दरअसल पुनीत राजकुमार से पहले भी कई सेलिब्रिटी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो चुकी है.
दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
सिद्धार्थ शुक्ला- इसी साल 2 सितंबर, 2021 को बिग बॉस फेम सिद्धार्थ शुक्ला का दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया था. कई लोग उनकी फिटनेस के लिए भी उनके फैन्स थे लेकिन महज 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत ने कईयों को सोचने पर मजबूर कर दिया था.
अबीर गोस्वामी- टीवी कलाकार अबीर गोस्वामी महज 38 साल के थे. 31 मई 2013 को उनकी मौत भी दिल का दौरा पड़ने से हुई. उन्हें दिल का दौरा उस वक्त पड़ा जब वो जिम में कसरत कर रहे थे. कुसुम, कुमकुम, प्यार का दर्द समेत वो कई टीवी सीरियल्स में काम कर चुके थे.
आरती अग्रवाल- कई तेलुगु फिल्मों में लीड रोल निभा चुकी आरती अग्रवाल की मौत 6 जून 2015 को हुई थी. बताया जाता है कि उन्होंने मोटापा कम करने के लिए लिपोसक्शन सर्जरी कराई थी. जिसके करीब 6 हफ्ते बाद उनकी मौत कार्डिएक अरेस्ट से हुई थी. उनकी उम्र सिर्फ 31 साल थी.
राज कौशल- बॉलीवुड डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और मंदिरा बेदी के पति राज कौशल की मौत भी 50 साल की उम्र में हार्ट अटैक से हुई थी.
अमित मिस्त्री- 23 अप्रैल 2021 को एक्टर अमित मिस्त्री की कार्डिएक अरेस्ट के कारण निधन हो गया था. अपने करियर में यमला पगला दीवाना, शोर इन द सिटी, 99, एक चालीस की लास्ट लोकल जैसी कई फिल्मों और शुभ मंगल सावधान, तेनाली रामा, मैडम सर जैसे कई टीवी सीरियल में काम कर चुके अमित मिस्त्री की उम्र महज 47 साल की थी.
भारत में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले
इसके अलावा साल 2018 में पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के 21 साल के बेटे की मौत भी हार्ट अटैक से हुई थी. ये तो वो लोग हैं जिनकी मौत सुर्खियां बटोरती हैं लेकिन हर साल सिर्फ भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का आंकड़ा परेशान करने वाला है. कुछ साल पहले तक दिल का दौरा या उससे होने वाली मौत बुजुर्गों से जोड़ी जाती थी लेकिन मौजूदा वक्त में हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा शिकार 40 साल से कम उम्र के लोग हो रहे हैं.
अमेरिका की एक रिसर्च जनरल के मुताबिक साल 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हुई. जिनमें से करीब 2.3 करोड़ लोगों की उम्र 40 साल से कम है. इस लिहाज से दिल की बीमारी के कुल मरीजों में से करीब 40 फीसदी मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं.
अकाल मृत्यु की सबसे बड़ी वजह हार्ट अटैक
दुनिया में हार्ट अटैक से मौत के मामले भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं जो चिंता का विषय है. आंकड़ों के मुताबिक अकाल मृत्यु के कारणों में साल 2005 में दिल की बीमारी का तीसरा स्थान था, लेकिन एक दशक बाद साल 2016 में दिल की बीमारी अकाल मृत्यु का पहला कारण बन गई. जिस दिल की बीमारी को पहले बुजुर्गों की बीमारी या मौत की वजह माना जाता था वो आज युवाओं को भी लील रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में हर साल 1.78 करोड़ लोगों की मौत दिल की बीमारियों के कारण होती है। भारत की बात करें तो यह संख्या सालाना 30 लाख है। गौर करने वाली बात है कि ट्रांस फैट की वजह से होने वाली दिल की बीमारियों से करीब पांच लाख लोगों की मौत दर्ज की जा रही है. साल 2016 में अलग-अलग बीमारी से मरने वालों में 53 फीसदी लोगों की मौत दिल की बीमारी की वजह से हुई.
क्यों बढ़ रहे हैं दिल की बीमारी के मामले ?
दिल की बीमारी या दिल का दौरा पड़ना अब आम हो चला है तो इसकी सबसे बड़ी वजह वो लाइफस्टाइल है जिसे हम नए जमाने की संज्ञा देकर कुछ भी खा या पी रहे हैं. इसके अलावा भी कुछ और चीजें हैं जो हमारे दिल को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार हैं.
1) तनाव- डॉक्टरों के मुताबिक तनाव दिल का दौरा पड़ने की सबसे बड़ी और अहम वजह है. ये तनाव देर तक दफ्तर में काम, पारिवारिक से लेकर समाजिक या आर्थिक तंगी भी हो सकती है. लेकिन इसके लिए आजकल की जीवनशैली सबसे ज्यादा जिम्मेदार है.
2) नशा/धूम्रपान- किसी भी तरह का नशा दिल के लिए हानिकारक है. देश में बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू से लेकर शराब पीने वालों की बहुत बड़ी फौज है, और ये सब हमारे दिल के सबसे बड़े दुश्मन हैं. नशे का बढ़ता सेवन ही युवाओं को जिंदगी के उस आखिरी छोर पर ले जाने के लिए जिम्मेदार है जहां सीने में उठा छोटा सा दर्द, हार्ट अटैक बनकर जान ले लेता है. एक्सपर्ट के मुताबिक दिन में 10 सिगरेट पीने वाले शख्स के लिए हार्ट अटैक का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है.
3) कंप्यूटर, स्मार्टफोन आदि का इस्तेमाल- आज कंप्यूटर, स्मार्टफोन या लैपटॉप के बिना एक पल भी गुजारना नामुमकिन है. जानकार मानते हैं कि भले इन डिजिटल उपरकरणों और तकनीक की बदौलत हमारा काम आसान हुआ हो लेकिन युवाओं की लाइफस्टाइल को बिगाड़ने में सबसे ज्यादा इसी का हाथ है. दिन के अधिकतर वक्त कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल पर चिपका रहना दिल और आंखे कमजोर करने के अलावा अनिद्रा के साथ कई तरह के तनाव भी देता है.
4) खाने की गलत आदतें- बीते दो दशक में खान-पान में आया बड़ा बदलाव भी दिल की बीमारी की मुख्य वजहों में है. तला, भुना, फास्ट फूड या तत्काल बनाकर खाने के चक्कर में युवा अपनी सेहत से बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं. जिसके चलते मोटापे से लेकर दिल की बीमारी तक होती है.
5) प्रदूषण- ये दुनियाभर के देशों की समस्या है लेकिन भारत इस मामले में कई देशों से आगे है. भले कुछ लोग बढ़ती अर्थव्यवस्था का हवाला देकर औद्योगिक क्रांति के सहारे प्रदूषण की पैरवी करें लेकिन ये प्रदूषण देश की पूरी आबादी को बीमार कर रहा है.
इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, शारीरिक गतिविधि की कमी, शुगर भी हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं. जानकार मानते हैं कि हार्ट अटैक किसी युवा को आए या बुजुर्ग को, उसके लिए जिम्मेदार इन्हीं में से एक वजह होगी.
हार्ट अटैक के लक्षण
कई बार हम सीने में उठे दर्द को गैस या कोई अन्य दर्द बताकर हल्के में लेते हैं. लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं कि सीने में दर्द होना ही हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण है, इसलिये किसी भी हालत में सीने में दर्द को हल्के में ना लेकर डॉक्टरी सलाह लें. डॉक्टर्स कहते हैं कि ये दर्द सीने से हाथ, जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट की ओर जाता हुआ भी महसूस हो सकता है. इसके अलावा बहुत ज्यादा पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर और मितली आना, बेचैनी महसूस होना और जोर-जोर से सांस लेना भी हार्ट अटैक के लक्षण हैं. इसके अलावा ब्लड प्रेशर का अचानक से गिरना, सीने में भारीपन, सांस फूलना जैसे लक्षण भी हैं.
दिल को कैसे रखें हेल्दी ?
तनाव कम लें- क्योंकि ये दिल का दौरा पड़ने की सबसे बड़ी वजह है इसलिये सबसे पहले इस वजह पर काम करना जरूरी है. तनाव को दूर रखें और इसके लिए हर मुमकिन कदम उठाएं. विशेषज्ञ इसके लिए अपना शौकिया काम करने जैसे म्यूजिक सुनने, गेम्स खेलने जैसी सलाह देते हैं.
कसरत करें- शारीरिक गतिविधि नियमित रूप से करते रहें. सुबह शाम टहलने से लेकर कसरत करने तक को अपना डेली रूटीन बनाए. कई लोग मोटापे के शिकार होते हैं जो दिल की बीमारी समेत कई रोगों की जड़ होता है और शारीरिक गतिविधि ना करना मोटापे के साथ बीमारियों के खतरे को और भी बढ़ा देता है.
खान-पान पर ध्यान दें- दिल को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर खाने का सेवन करना चाहिए. तले-भुने और खासकर फास्ट फूड से दूरी बनाए रखें.
नशे से दूरी- दिल को अगर हेल्दी रखना है तो शराब, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू जैसे नशीले पदार्थों से दूरी बनानी होगी. क्योंकि कसरत अच्छा खान पान और तनाव कम करना तभी काम आएगा जब आप नशे से भी दूरी रखेंगे.
ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल लेवल- वक्त-वक्त पर डॉक्टरी जांच करवाते रहें, खासकर सीने में दर्द को बिल्कुल भी इग्नोर ना करें. बीपी, कोलेस्ट्रॉल पर नजर बनाए रखें और इन्हें बढ़ने ना दें.
फिल्म स्टार्स तो फिटनेस के प्रति बहुत सजग होते हैं
सिद्धार्थ शुक्ल हों या फिर पुनीत राजकुमार, ये दोनों बहुत ही फिट एक्टर माने जाते थे, दोनों की फैन फॉलोइंग उनकी पर्सनेलिटी की वजह से भी थी. जिसके लिए वो घंटों जिम में पसीना भी बहाते थे और खान-पान के मामले में भी एक्टर्स अपना ध्यान रखते हैं. फिर उनके साथा ऐसा क्यों हुआ ? ये सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है, जो वाजिब भी है. लेकिन फिल्म या टीवी इंडस्ट्री से जुड़े लोग मानते हैं कि लंबे-लंबे शूटिंग शेड्यूल और बेवक्त शूटिंग का होना उनकी जीवनशैली पर बहुत बुरा असर डालता है. इस दौरान उनके लिए खान-पान का ध्यान रखना सबसे बड़ी चुनौती होता है. काम के चक्कर में स्ट्रेस यानि तनाव भी अपनी जगह बना लेता है साथ ही कई स्टार्स धूम्रपान और शराब भी पीते हैं, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं. कुल मिलाकर सब कुछ जीवनशैली पर निर्भर करता है.
विशेषज्ञों की मानें तो धूम्रपान या नशा करने वाले लोग हैवी एक्सरसाइज करते हैं तो हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. धूम्रपान के कारण ब्लॉकेज का खतरा बढ़ता है. उन पर हार्ट अटैक का खतरा बहुत ज्यादा होता है. वो लोग 40 से 50 फीसदी तक ब्लॉकेज के शिकार हो सकते हैं. जो लोग युवावस्था में हार्ट अटैक का शिकार होते हैं, इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि वो बहुत ज्यादा स्मोक करते हैं. 10 फीसदी ब्लॉकेज में भी इनकी जान जा सकती है. विशेषज्ञों की मानें तो हैवी एक्सरसाइज और स्मोकिंग की वजह से ब्लड क्लॉट्स तेजी से बनते हैं. ऐसे में ब्लॉकेज के कम चांस भी और ज्यादा हो सकते हैं. आर्टरी का अचानक से और पूरी तरह से ब्लॉक होना 100 फीसदी तक हार्ट अटैक को न्यौता देता है. यह स्थिति बिल्कुल वैसी ही है जैसे कि एक संकरे पाइप में पानी का फंस जाना. वैसे भी अगर आप जिम जाते हैं तो उससे आपका बाहरी शरीर तो फिट हो सकता है लेकिन धूम्रपान या नशे और गलत खान-पान शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाता है जो हार्ट अटैक की वजह बनता है.
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