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सरकार और किसानों में टकराव बढ़ा, सभी मांगें बिना शर्त मानने का अल्टीमेटम, किसान नेता बोले- हमारी लड़ाई मोदी से खट्टर बीच में ना पड़े

Haryana Farmer Protest Update: हरियाणा में किसानों और सरकार के बीच टकराव बढ़ गया है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार से आर-पार की जंग का ऐलान कर दिया है. किसान संगठनों ने मनोहर लाल सरकार को ललकारते हुए अपनी सभी मांगें बिना शर्त मानने का अल्टीमेटम दिया है. किसानों की इस चेतावनी से लग रहा है कि एक बार फिर से दिल्ली जैसा आंदोलन शुरू हो सकता है.

Farmers ultimatum to the government
Farmers ultimatum to the government
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Published : Jun 12, 2023, 9:45 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 10:54 AM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में किसानों और सरकार की लड़ाई गंभीर होती जा रही है. पिपली महापंचायत के बाद कुरुक्षेत्र में हाईवे जाम करके बैठे किसान अब सरकार के खिलाफ भड़क उठे हैं. किसानों ने मनहोर लाल खट्टर सरकार को बिना शर्त मांगे मानने का अल्टीमेटम दे दिया है. अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो ये संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में ये आंदोलन पूरे देश में शुरू हो जायेगा. इस मामले पर सुबह संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी.

कुरुक्षेत्र में किसान नेताओं ने दो टूक कह दिया है कि सरकार किसानों की स्थानीय कमेटी के साथ तुरंत सारे मुद्दे सुलझा ले. इसके लिए रात 10 बजे तक का समय किसानों ने सरकार को दिया है. किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर स्थानीय कमेटी के साथ सरकार ये समझौता नहीं करती तो इस आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा की एंट्री हो जायेगी और ये आंदोलन एसकेएम का हो जायेगा. जिसके बाद इसमें सभी राष्ट्रीय मांगे जोड़ दी जायेंगी और देशव्यापी आंदोलन शुरू हो जायेगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में MSP के लिए 'महाभारत', किसानों ने नेशनल हाईवे 44 पर किया कब्जा, टिकैत बोले- मांग पूरी होने तक नहीं हटेंगे

एक संकेत मिला है कि सभी चीजें सही दिशाओं में जा रही हैं. इसलिए हम किसी भी फैसले की जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं. अभी तक ये आंदोलन स्थानीय कमेटी के नेतृत्व में हो रहा है. हमने सरकार से कहा है कि स्थानीय कमेटी के साथ समझौता कर लो वरना 10 बजे के बाद इसमें संयुक्त किसान मोर्चा की एंट्री हो जायेगी और इसमें राष्ट्रीय मांगें जुड़ जायेंगी. हमारी खट्टर सरकार से प्रार्थना है कि हमारी लड़ाई मोदी के साथ पेंडिंग है, हम आपके साथ नहीं लड़ना चाहते. वरना पूरे राज्य में किसान ही किसान भर जायेंगे. सुरेश कोथ, किसान नेता

गौरतलब है कि हरियाणा में चल रहा किसान प्रदर्शन अभी स्थानीय कमेटी की अगुवाई में हो रहा है. किसान गिरफ्तार किये गये अपने नेताओं की बिना शर्त रिहाई और सूरजमुखी की एमएसपी तय करने की मांग पर अड़े हैं. इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा ने समर्थन दिया है लेकिन अभी इसकी अगुवाई स्थानीय कमेटी ही कर रही है. अगर हरियाणा सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो ये आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा अपने नेतृत्व में ले लेगा. उसके बाद इसमें राष्ट्रीय मांगे भी जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर फिर आंदोलोन शुरू हो जायेगा.

हरियाणा सरकार ने 6 जून को किसानों पर कुरुक्षेत्र में लाठीचार्ज करते हुए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. पुलिस के लाठीचार्ज में कई किसान घायल भी हुए थे. सरकार ने अभी तक सूरजमुखी का एमएसपी तय नहीं किया है. सरकार ने किसानों से अपील की है कि वो कानून और व्यवस्था को हाथ में ना ले. कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे 44 पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. किसानों पूरे हाईवे पर कब्जा जाम कर दिया है.

ये भी पढ़ें- Farmer Protest: मुसाफिर ध्यान दें, हरियाणा में नेशनल हाईवे 44 जाम है, ट्रैफिक पुलिस ने बताया इन वैकल्पिक रास्तों का करें इस्तेमाल

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में किसानों और सरकार की लड़ाई गंभीर होती जा रही है. पिपली महापंचायत के बाद कुरुक्षेत्र में हाईवे जाम करके बैठे किसान अब सरकार के खिलाफ भड़क उठे हैं. किसानों ने मनहोर लाल खट्टर सरकार को बिना शर्त मांगे मानने का अल्टीमेटम दे दिया है. अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो ये संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में ये आंदोलन पूरे देश में शुरू हो जायेगा. इस मामले पर सुबह संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी.

कुरुक्षेत्र में किसान नेताओं ने दो टूक कह दिया है कि सरकार किसानों की स्थानीय कमेटी के साथ तुरंत सारे मुद्दे सुलझा ले. इसके लिए रात 10 बजे तक का समय किसानों ने सरकार को दिया है. किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर स्थानीय कमेटी के साथ सरकार ये समझौता नहीं करती तो इस आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा की एंट्री हो जायेगी और ये आंदोलन एसकेएम का हो जायेगा. जिसके बाद इसमें सभी राष्ट्रीय मांगे जोड़ दी जायेंगी और देशव्यापी आंदोलन शुरू हो जायेगा.

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एक संकेत मिला है कि सभी चीजें सही दिशाओं में जा रही हैं. इसलिए हम किसी भी फैसले की जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं. अभी तक ये आंदोलन स्थानीय कमेटी के नेतृत्व में हो रहा है. हमने सरकार से कहा है कि स्थानीय कमेटी के साथ समझौता कर लो वरना 10 बजे के बाद इसमें संयुक्त किसान मोर्चा की एंट्री हो जायेगी और इसमें राष्ट्रीय मांगें जुड़ जायेंगी. हमारी खट्टर सरकार से प्रार्थना है कि हमारी लड़ाई मोदी के साथ पेंडिंग है, हम आपके साथ नहीं लड़ना चाहते. वरना पूरे राज्य में किसान ही किसान भर जायेंगे. सुरेश कोथ, किसान नेता

गौरतलब है कि हरियाणा में चल रहा किसान प्रदर्शन अभी स्थानीय कमेटी की अगुवाई में हो रहा है. किसान गिरफ्तार किये गये अपने नेताओं की बिना शर्त रिहाई और सूरजमुखी की एमएसपी तय करने की मांग पर अड़े हैं. इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा ने समर्थन दिया है लेकिन अभी इसकी अगुवाई स्थानीय कमेटी ही कर रही है. अगर हरियाणा सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो ये आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा अपने नेतृत्व में ले लेगा. उसके बाद इसमें राष्ट्रीय मांगे भी जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर फिर आंदोलोन शुरू हो जायेगा.

हरियाणा सरकार ने 6 जून को किसानों पर कुरुक्षेत्र में लाठीचार्ज करते हुए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. पुलिस के लाठीचार्ज में कई किसान घायल भी हुए थे. सरकार ने अभी तक सूरजमुखी का एमएसपी तय नहीं किया है. सरकार ने किसानों से अपील की है कि वो कानून और व्यवस्था को हाथ में ना ले. कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे 44 पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. किसानों पूरे हाईवे पर कब्जा जाम कर दिया है.

ये भी पढ़ें- Farmer Protest: मुसाफिर ध्यान दें, हरियाणा में नेशनल हाईवे 44 जाम है, ट्रैफिक पुलिस ने बताया इन वैकल्पिक रास्तों का करें इस्तेमाल

Last Updated : Jun 13, 2023, 10:54 AM IST
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