चंडीगढ़: देश में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और अन्य दलों का इंडिया गठबंधन बना है. हरियाणा में यह गठबंधन इनेलो (इंडियन नेशनल लोक दल) और आप (आम आदमी पार्टी) के साथ मैदान में उतरेगा. इसको लेकर अभी फाइनल फैसला होना बाकी है. इनेलो तो इस गठबंधन के साथ चलना चाह रही है, लेकिन इसको लेकर हरियाणा में पहले से दो गुटों में बंटी कांग्रेस गठबंधन पर भी 2 फाड़ होती नजर आ रही है. इस बात के संकेत हरियाणा में गठबंधन करना है या नहीं इसको लेकर दिए जा रहे पार्टी के नेताओं के बयानों से साफ नजर आता है.
गठबंधन पर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग सुर: हरियाणा में इस वक्त कांग्रेस 2 गुटों में बंटी (factionalism in haryana congress ) है. एक गुट नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है तो दूसरा एसआरके यानी कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी का है. एक तरफ हुड्डा हरियाणा में किसी भी तरह के गठबंधन को नकार रहे हैं और कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम बता रहे हैं, तो वहीं कुमारी सैलजा हाईकमान के फैसला लेने ने की बात कर रही हैं.
इनेलो गठबंधन में शामिल होने को तैयार: दरअसल 25 सितंबर को इनेलो कैथल में ताऊ देवीलाल की जयंती पर सम्मान समारोह का आयोजन कर रही है. इनेलो I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार है, और उसके इस कार्यक्रम में I.N.D.I.A गठबंधन के कई बड़े चेहरे भी शामिल हो रहे हैं. वहीं, इनेलो ने कांग्रेस और आप को भी इस समारोह में शामिल होने का न्योता दे रखा है. माना जा रहा है कि उस दिन इनेलो को गठबंधन में शामिल करने पर भी फैसला हो सकता है.
कांग्रेस पार्टी खुद अकेले लड़ने में सक्षम- भूपेंद्र हुड्डा: इनेलो भले ही ताऊ देवीलाल की जयंती में कांग्रेस को निमंत्रण देकर गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हो. लेकिन, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जब यह सवाल किया जाता है कि इनेलो ने कांग्रेस को 25 सितंबर को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया है और वह I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं, क्या कांग्रेस इनेलो के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी? भूपेंद्र हुड्डा इस पर कहते हैं 'जहां तक हरियाणा का सवाल है तो यह मैं पहले भी कह चुका हूं कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी खुद अकेले लड़ने में सक्षम है.'
गीता भुक्कल ने किया भूपेंद्र हुड्डा का समर्थन: वहीं, उनके गुट के नेता माने जाने वाली कांग्रेस एमएलए गीता भुक्कल नेता प्रतिपक्ष भूपेंदर सिंह हुड्डा के 10 की 10 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने के बयान पर कहती हैं 'प्रदेश में बीजेपी-जेजेपी के क्या हाल है, इनेलो का दिवाला निकला हुआ है. इस समय सिर्फ और सिर्फ प्रदेश की जनता कांग्रेस पार्टी पर विश्वास रखती है. भूपेंद्र हुड्डा बिल्कुल ठीक कह रहे हैं, हरियाणा में कांग्रेस 10 की 10 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने में सक्षम है. जहां तक बात है इंडिया गठबंधन की राष्ट्रीय स्तर पर जो नेता फैसला लेंगे वह ठीक है. लेकिन, प्रदेश स्तर पर कांग्रेस अकेले 10 की 10 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने में सक्षम हैं.'
गठबंधन का फैसला हाईकमान करेगा- जगबीर मलिक: वहीं, हुड्डा गुट के विधायक माने जाने वाले जगबीर मलिक इनेलो से गठबंधन के सवाल पर कहते हैं 'यह बड़ा मसला है. इसको लेकर हाई लेवल पर फैसला होगा. पार्टी हाईकमान इस पर फैसला लेगा. इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते.'
'हाईकमान को फैसला लेना है, निजी राय के नहीं कोई मायने': इधर हरियाणा कांग्रेस पार्टी पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता कुमारी सैलजा से जब सवाल किया गया कि इनेलो ने अपने कार्यक्रम में कांग्रेस को भी बुलाया है और हुड्डा ने इससे किनारा किया है क्या 2024 में कांग्रेस का इनेलो के साथ गठबंधन होगा, वे कहती हैं कि इस पर हाईकमान को फैसला लेना है और इस पर निजी राय नहीं दी जा सकती.
'बीजेपी को हटाने के लिए जो भी जरूरी वह किया जाना चाहिए': वहीं, सैलजा गुट के माने जाने वाले विधायक शमशेर गोगी कहते हैं 'भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जो भी जरूरी है वह किया जाना चाहिए. इस पर फैसला कांग्रेसी हाईकमान और पार्टी के बड़े नेताओं की तरफ से किया जाना है. मेरी निजी राय पूछी जाए तो बीजेपी को हटाने के कोई भी तरीका अपनाया जाना चाहिए.'
'कई चेहरे होने की वजह से नहीं चलेगा गठबंधन': इधर इनलो कांग्रेस के गठबंधन के सवाल पर हरियाणा के बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला आईएनएलडी को पता नहीं है कि इंडिया में आने देंगे या नहीं, दूसरा कांग्रेस हाईकमान फैसला लेगा. रणजीत चौटाला ने कहा कि 40 नेताओं के मौजूद होने से INDIA गठबंधन नहीं चलेगा.
क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?: कांग्रेस पार्टी की हरियाणा में गठबंधन को लेकर अलग-अलग राय क्यों है इस मामले पर राजनीतिक मामलों के जान का प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि हरियाणा में कांग्रेस अपने आप में लड़ने में सक्षम है. लेकिन, अगर राष्ट्रीय स्तर पर बात की जाए तो हर दल की अपनी-अपनी भूमिका है और केंद्र में बीजेपी को टक्कर देने के लिए गठबंधन के साथ विभिन्न जड़ों का जुड़ना एक बेहतर संकेत माना जा सकता है.
'INDIA में शामिल होकर INLD को फायदा': वहीं, हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा जानते हैं कि अगर इनेलो के साथ गठबंधन होगा तो उससे उन्हें तो शायद इतना फायदा नहीं मिलेगा. लेकिन, इनेलो खुद को मजबूत करने में कामयाब हो जाएगी जो कि भविष्य के लिए उनके अपनी राजनीति के लिए भी चुनौती के तौर पर देखा जा सकता है, क्योंकि बात चाहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा की हो या फिर अभय चौटाला की दोनों ही नेता जाट राजनीति के बड़े चेहरे हैं. वह कहते हैं कि जहां तक बात हुड्डा विरोधी गुट की है वह निश्चित तौर पर चाहेगा कि यह गठबंधन हो. क्योंकि वैसे तो वह हुड्डा को दबाव में नहीं ला नहीं पा रहे हैं तो अगर ऐसे में गठबंधन होता है तो उससे वह अपने इस मिशन में भी कामयाब हो जाएंगे. वह कहते हैं कि अंतिम फैसला तो कांग्रेस के आलाकमान को करना है. लेकिन, इसका असर आने वाले दिनों में हरियाणा की सियासत में जरूर देखने को मिलेगा.