चंडीगढ़: ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Ellenabad ByPoll) की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इस सीट पर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन (BJP-JJP Alliance) मिलकर चुनाव लड़ेगा. इसी कड़ी में आज चंडीगढ़ में बीजेपी चुनाव समिति (BJP Election Committee) की बैठक हुई. इस बैठक में हरियाणा बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. बैठक पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ (OP Dhankar) की अध्यक्षता में हुई.
इस बैठक में ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चा हुई. बैठक में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ चुनाव समिति के सदस्य मौजूद रहे. इस बैठक में ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने 17 नामों की सूची बनाई. जिसमें एक नया नाम गोविंद कांडा (govind kanda) का भी उभरकर सामने आया है. गोविंद कांडा ने आज ही बीजेपी ज्वाइन की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी गोविंद कांडा पर बड़ा दाव खेल सकती है. बता दें कि, गोविंद कांडा सिरसा से विधायक गोपाल कांडा के छोटे भाई हैं.
बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि चुनाव समिति की बैठक हुई थी. इसमें हमने सिरसा जिला अध्यक्ष, सांसद, प्रभारी सभी को आमंत्रित किया था. चुनाव समिति ने सबको सुना है और 17 उम्मीदवार चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. चुनाव समिति ने विचार करके 17 नामों की लिस्ट बनाकर तैयार की है. समिति ने निर्णय मुझ पर व मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया है. अब हम केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करेंगे. निवेदन किया जाएगा कि हम अपना विचार विमर्श कर चुके हैं, आज ही केंद्र के समक्ष अपनी बात रखेंगे.
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उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा के जो सदस्य हैं उन सब पर चर्चा हुई है. गोविंद कांडा के नाम पर भी चर्चा हुई है. गोविंद कांडा अब भाजपा के सदस्य हैं. सिरसा में आज ही उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है. धनखड़ ने कहा कि अभय चौटाला ने सीट छोड़ी थी, अब उनके सामने जीत दर्ज करना बड़ी चुनौती होगी. हमारे लिए तो ये अवसर है जिसको हम उपलब्धि में बदलेंगे.
बहरहाल बीजेपी की इस बैठक से जो बड़ी बात निकलकर सामने आई है वो है गोविंद कांडा की दावेदारी. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी गोविंद कांडा को उपचुनाव के लिए मैदान में उतार सकती है. बता दें कि, गोविंद कांडा सिरसा से विधायक गोपाल कांडा के छोटे भाई हैं. गोपाल कांडा कहीं ना कहीं बीजेपी के ही समर्थन में हैं. वहीं उनके भाई पर दाव लगाकर बीजेपी अभय चौटाला का खेल बिगाड़ना चाहती है. क्योंकि कांडा परिवार और चौटाला परिवार के बीच राजनीतिक लड़ाई काफी पुरानी है.