नई दिल्ली : सुरजेवाला 1933 के बाद हिटलर राज आज के समय में हमे देखने को मिल रहा है. हमारे देश के युवा और छात्र जब सरकार की नीतियों के विरूद्ध जा कर आवाज़ उठाते हैं तो आप उन पर लाठियां बरसाते हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि हमारे देश में प्रजातंत्र खत्म हो गया है.
उन्होंने कहा कि पूरे देश ने जेएनयू के परिसर में कल सरकार प्रायोजित गुंडागर्दी और आतंकवाद को देखा. यह सब जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस की निगरानी में हुआ, जो सीधे गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
जिस तरह से हिंसा का नंगा तांडव जेएनयू में सरकारी संरक्षण में हुआ वह सारे देश ने देखा. जेएनयू के अध्यापक जो हिंसा को रोकने की कोशिश कर रहे थे उनको पीटा गया.
इसके अलावा जिस तरह गुंडेदावारा हॉस्टल में तोड़फोड़ का गई और छात्रों के साथ मारपीट की गई, जिस तरह से पुलिस के सामने उपचार के लिए आई एंबुलेंस को तोड़ा गया उसे देखकर लगता है कि देश में लोकतंत्र नहीं बचा.
इससे पहले उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में हिंसा को लेकर सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि हमला करने वालों का संबंध भाजपा से है .
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल भी किया कि क्या गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हिंसा का नंगा नाच हो सकता था?
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उन्होंने ट्वीट किया, 'मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृद्धि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो, तो छात्रों की पिटाई. अब जवाहर लाल नेहरू में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में! '
उन्होंने दावा किया, 'जेएनयू परिसर पर हमला सुनियोजित था। हमले को जेएनयू प्रशासन का समर्थन हासिल था. गुंडों का संबंध भाजपा से था। छात्र और शिक्षक पीटे जाते रहे और दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही। यह मोदी-शाह का छात्रों के लिए गुजरात मॉडल है.'
सुरजेवाला ने सवाल किया, 'क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?'
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पुलिस के संरक्षण में छात्रों गालियां देने के साथ साथ उनको पीटा जा रहा था.
उन्होंने कहा कि जिस समय छात्रों की पिटाई हो रही थी. उस समय पुलिस ने किसी को कैंपस में नहीं जाने दिया.