नई दिल्ली : जलस्रोतों के संरक्षण के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस कवायद के लिए एक नोडल एजेंसी नामित करने का निर्देश दिया है.
एनजीटी ने निर्देश दिए कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की देखरेख में नामित नोडल एजेंसी स्थिति का जायजा लेने के वास्ते 31 जनवरी, 2021 तक अपनी बैठक आयोजित कर सकती है और आगे उठाए जाने वाले कदमों की योजना बना सकती है, जिसमें आगे की कार्रवाई के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश देना भी शामिल है.
एनजीटी ने देशभर में फैली 351 से अधिक नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक योजना तैयार करने के उद्देश्य से गठित केंद्रीय निगरानी समिति से कहा कि सभी राज्यों द्वारा समय-समय पर एक वर्ष में कम से कम तीन बार जलस्रोतों के पुनरुद्धार के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी करें. एनजीटी ने कहा कि पहली ऐसी निगरानी 31 मार्च, 2021 तक हो सकती है.
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एनजीटी हरियाणा निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) सर्वदमन सिंह ओबरॉय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में गुरुग्राम में घाटी झील के जीर्णोद्धार के अलावा जिले के 214 अन्य जलस्रोतों और फरीदाबाद में इसी तरह के जलस्रोतों का पुनरुद्धार किए जाने का अनुरोध किया गया है.