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भारत-चीन तनाव : सेना प्रमुख नरवणे ने एलएसी का लिया जायजा - सेना प्रमुख नरवणे ने एलएसी का लिया जायजा

भारत और चीन के बीच एलएसी पर लगातार बढ़ रहे दबाव के बीच भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का जायजा लिया

मनोज मुकुंद नरवणे
मनोज मुकुंद नरवणे
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Published : May 23, 2020, 5:05 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का जायजा लिया. उनका यह दौरा उस समय हुआ है, जब जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है.

भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जनरल नरवणे कल लद्दाख गए थे, वहां उन्होंने एलएसी का निरीक्षण किया और 14 वीं वाहिनी के अधिकारियों के साथ मुलाकात की. इसके बाद वह दिल्ली रवाना हो गए.'

उन्होंने कहा, 'दोनों देशों की सेना फिलहाल धैर्य दिखा रही है और स्थिति को नियंत्रण में रखने और तनाव कम करने की कोशिश कर रही है.

इससे पहले, गुरुवार को भारत ने सभी चीनी दावों का खंडन करते हुए कहा था, 'भारतीय सैनिकों ने सीमा पर तनाव पैदा नहीं किया. वह न तो, लद्दाख में और न ही सिक्कम में चीनी प्रशासित क्षेत्र में दाखिल हुए. बल्कि चीनी सैनिक ही हैं हमारे सैनिकों के दैनिक सुरक्षा अभियानों में बाधा डालते हैं.'

चीन ने पैंगोंग त्सो में दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए इस महीने की पांच और छह मई की मध्यरात्रि के बीच लद्दाख की गुलवन घाटी में और अधिक सैनिकों को तैनात किया है.

पढ़ें- विदेश मंत्रालय की चीन को दो टूक- भारतीय सेना ने पार नहीं की वास्तविक नियंत्रण रेखा

उल्लेखनीय है कि पांच और छह मई की मध्य रात्रि के बीच दोनों देशों के सैनिक पेंगोंग के पास आपस में भिड़ गए थे और इस घटना में कुछ सैनिक घायल भी हुए.

सेना के अनुसार, संघर्ष में लगभग 250 सैनिक शामिल थे. हालांकि, दोनों देशों की सेनाओं ने स्थिति को हल करने के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया. इस बीच, गैलन घाटी सहित पूर्वी लद्दाख के अन्य हिस्सों में तनाव फैल गया.

नई दिल्ली : भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का जायजा लिया. उनका यह दौरा उस समय हुआ है, जब जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है.

भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जनरल नरवणे कल लद्दाख गए थे, वहां उन्होंने एलएसी का निरीक्षण किया और 14 वीं वाहिनी के अधिकारियों के साथ मुलाकात की. इसके बाद वह दिल्ली रवाना हो गए.'

उन्होंने कहा, 'दोनों देशों की सेना फिलहाल धैर्य दिखा रही है और स्थिति को नियंत्रण में रखने और तनाव कम करने की कोशिश कर रही है.

इससे पहले, गुरुवार को भारत ने सभी चीनी दावों का खंडन करते हुए कहा था, 'भारतीय सैनिकों ने सीमा पर तनाव पैदा नहीं किया. वह न तो, लद्दाख में और न ही सिक्कम में चीनी प्रशासित क्षेत्र में दाखिल हुए. बल्कि चीनी सैनिक ही हैं हमारे सैनिकों के दैनिक सुरक्षा अभियानों में बाधा डालते हैं.'

चीन ने पैंगोंग त्सो में दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए इस महीने की पांच और छह मई की मध्यरात्रि के बीच लद्दाख की गुलवन घाटी में और अधिक सैनिकों को तैनात किया है.

पढ़ें- विदेश मंत्रालय की चीन को दो टूक- भारतीय सेना ने पार नहीं की वास्तविक नियंत्रण रेखा

उल्लेखनीय है कि पांच और छह मई की मध्य रात्रि के बीच दोनों देशों के सैनिक पेंगोंग के पास आपस में भिड़ गए थे और इस घटना में कुछ सैनिक घायल भी हुए.

सेना के अनुसार, संघर्ष में लगभग 250 सैनिक शामिल थे. हालांकि, दोनों देशों की सेनाओं ने स्थिति को हल करने के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया. इस बीच, गैलन घाटी सहित पूर्वी लद्दाख के अन्य हिस्सों में तनाव फैल गया.

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