देश का 'हीरो' अब्दुल हमीद, जिसकी एंटी टैंक गन के आगे हार गये थे पाकिस्तानी
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राष्ट्र निर्माण में सेना का अहम योगदान रहा है और सेना के शूरवीर हमेशा से ही देश के लिए कुर्बानी दी है. ऐसे ही एक योद्धा थे भारतीय सेना के अब्दुल हमीद. इनकी बहादुरी की दास्तां जानने के लिये ईटीवी भारत ने बात की हमीद के साथ सेना में कार्य कर चुके मोहम्मद फाजिल खान से. उन्होंने बताया, किस तरह हमीद ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे. 85 साल के फाजिल ने परम वीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के साथ 1962 और 1965 की जंग में हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा, '1965 में पाकिस्तान ने हमारे खिलाफ टैंक का इस्तेमाल किया था. खेमकरण सेक्टर में जब हमला हो रहा था तो हमारे जवान अब्दुल हमीद ने अपनी एंटी टैंक गन से फायरिंग की और उनके टैंक का कब्रिस्तान बना दिया और इसी बीच अचानक एक गोला आकर हमीद को लगा और वो शहीद हो गया.' हमारे जितने भी जवान शहीद हुए हैं, वे ज्यादातर नौजवान ही थे. आज की पीढ़ी उन्हीं से प्रेरणा ले रही है और आजादी की कीमत समझ रहा है. एक सिपाही के लिये उसका देश ही सबकुछ होता है, इसलिये सरकार को देश की हिफाजत के लिये खड़े सिपाहियों के परिवार वालों का ध्यान रखना चाहिए.'
Last Updated : Sep 27, 2019, 3:34 AM IST