हम आमतौर पर पोषण के लिए प्रोटीन, विटामिन, मिनरल तथा अन्य पोषक तत्वों के नाम सुनते रहते हैं| अधिकांश लोग इनके नाम से तो वाकिफ होते हैं लेकिन यह क्यों जरूरी हैं तथा हमारे शरीर में उनका क्या कार्य होता है, साथ ही उनके आहार स्त्रोत्र कौन-कौन से होते हैं, इसके बारे में उन्हे जानकारी नहीं होती है। पोषण सप्ताह के उपलक्ष्य में ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है पोषक तत्वों के बारें में विस्तृत जानकारी।
भोजन से मिलने वाले विभिन्न पोषक तत्व तथा उनके शरीर में कार्य इस प्रकार हैं।
कार्बोहाइड्रेट
यह शरीर में शक्ति और ऊर्जा उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत माना जाता है। चीनी, स्टार्च और फाइबर, कार्बोहाइड्रेट के प्रकार होते हैं। इनमें चीनी यानी शर्करा सरल कार्ब्स हैं। जब शरीर में जल्दी-जल्दी थकान महसूस होने लगती है तो शर्करा और संसाधित स्टार्च शरीर को ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। लेकिन इसका अंतुलित मात्रा में सेवन रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
फाइबर भी एक कार्बोहाइड्रेट है। यह पाचन स्वास्थ के लिए जरूरी माना जाता है। फाइबर मधुमेह, हृदय रोग और कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है।
प्रोटीन
प्रोटीन में अमीनो एसिड होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाला कार्बनिक यौगिक हैं। इसमें 20 प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं। इनमें से कुछ का निर्माण शरीर में स्वयं होता है तथा कुछ के लिए भोजन पर निर्भर रहना पड़ता है। ज्यादातर पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों में पूर्ण प्रोटीन नहीं होता है, इसलिए विशेषतौर पर पूर्ण शाकाहारी लोगों को प्रोटीन की सही आपूर्ति के लिए पूरे दिन में कई प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है।
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वसा
वसा हमारे जोड़ों में चिकनाई देने, अंगों को हार्मोन बनाने में मदद करने, शरीर के कुछ विटामिन्स को अवशोषित करने में सक्षम बनाने, सूजन को कम करने, तथा मस्तिष्क स्वास्थ्य का संरक्षण करने का कार्य करती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा वसा से मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, यकृत रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। वसा दो प्रकार का होता है असंतृप्त व संतृप्त वसा। इनमें असंतृप्त वसा जैसे कि जैतून का तेल, संतृप्त वसा की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, जो जानवरों से आते हैं।
पानी
वयस्क मानव शरीर में 60% तक पानी होता है। शरीर की कई प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है। शरीर में पानी की कमी कई समस्याओं और बीमारियों का कारण बन सकती है जैसे यूरिन से जुड़ी समस्याएं, सांस लेने में दिक्कत, थकान और सिरदर्द होना, ह्रदय तथा शरीर के विभिन्न तंत्रों के कार्यों पर असर।
बहुत से लोग एक दिन में 2 लीटर या 8 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं, लेकिन यहाँ यह जाना भी जरूरी है की शरीर में पानी की पूर्ति फल और सब्जियों जैसे आहार स्रोतों से भी होती है। किसी व्यक्ति के शरीर के पानी की जरूरत उसके आकार और उम्र, पर्यावरणीय कारकों, गतिविधि के स्तर, स्वास्थ्य की स्थिति आदि पर भी निर्भर करती हैं।
एंटीऑक्सीडेंट
कुछ पोषक तत्व हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करते हैं। जो शरीर को मुक्त कणों, या प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों के रूप में जाने वाले विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करते हैं।