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सिर्फ हाइजीन की कमी ही नही, कई कारणों से आ सकती है बच्चों के पसीने से ज्यादा दुर्गंध - kids summer health

गर्मी के मौसम में पसीने से दुर्गंध आना आम बात है. बच्चों में भी यह आम है. लेकिन यदि बच्चों के पसीने में दुर्गंध ज्यादा बढ़ जाए तो कई बार यह किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है.

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सिर्फ हाइजीन की कमी ही नही, कई कारणों से आ सकती है बच्चों के पसीने से ज्यादा दुर्गंध
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Published : Apr 27, 2022, 6:31 PM IST

शरीर से पसीना आना तथा पसीने में दुर्गंध आना एक सामान्य बात है. लेकिन यदि यह दुर्गंध बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो कभी-कभी यह किसी बीमारी का लक्षण या संकेत भी हो सकती है.

वैसे तो ज्यादातर दुर्गंधयुक्त पसीने के लिए, शरीर में पानी की कमी, स्वस्थ आहार तथा हाइजीन की कमी को जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन कई बार यह समस्या किसी बैक्टीरियल संक्रमण या किसी मेडिकल कंडीशन के चलते भी हो सकती है. ज्यादातर दुर्गंधयुक्त पसीने की समस्या वयस्कों में देखने में आती है , लेकिन यदि यह समस्या बच्चों में भी ज्यादा नजर आने लगे तो सावधानी, देखभाल तथा जरूरत पड़ने पर इलाज जरूरी हो जाता है.

दुर्गंधयुक्त पसीने के कारण

हरियाणा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनुजा डागर बताती हैं कि सामान्य तौर पर पसीने से गंध तब आती है जब ग्रहण किया जाने वाला आहार अस्वस्थकारी हो तथा ज्यादा गर्म मौसम या अन्य कारणों से बैक्टीरिया शरीर की पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित करने लगते हैं. वह बताती हैं कि ज्यादातर छोटे बच्चों के शरीर के पसीने में बदबू नहीं आती है या बहुत कम आती है. लेकिन आमतौर पर सात या आठ साल से ज्यादा बड़े बच्चों में पसीने में बदबू की समस्या नजर आनी शुरू हो सकती है.

वह बताती हैं कि गर्मी के मौसम में, ज्यादा खेलने या व्यायाम करने तथा ज्यादा भागदौड़ करने से बच्चों में पसीना आता ही है. कई बार ज्यादा मात्रा में गरिष्ठ आहार के सेवन तथा साफ सफाई के अभाव के चलते उनके पसीने में थोड़ी बदबू आना भी सामान्य है. लेकिन यदि पसीने की दुर्गंध बहुत ज्यादा हो तथा पसीना आने वाले स्थानों पर खुजली व जलन भी होने लगे, तो एक बार चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए.

वह बताती हैं कि बच्चों के पसीने में ज्यादा दुर्गंध आने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  1. साफ-सफाई के अभाव और बैक्टीरिया के प्रभाव स्वरूप
    कई बार शरीर में साफ-सफाई के अभाव या किसी अन्य कारण से पसीना आने वाले स्थानों पर बैक्टीरियल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा उनके कमरे या रहने के स्थान पर साफ सफाई का अभाव, रोज ना नहाने या अच्छे से ना नहाने की आदत और गंदे कपड़े पहनने से भी उनके पसीने की बदबू तीव्र हो सकती है.
  2. गलत आहार
    ज्यादातर बच्चे काफी तलाभुना, मसालेदार आहार जैसे जंकफूड खाना पसंद करते हैं. जिनमें कई बार नमक, प्याज, लहसुन और शरीर को हानि पहुँचने वाले तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है. इस प्रकार के आहार का ज्यादा सेवन शरीर में ऐसी प्रतिक्रया देता है, जिससे साँसों में बदबू के साथ-साथ पसीने से भी बदबू आने लगती है. इसके अलावा यदि बच्चों के आहार में फाइबर तथा पाचन के लिए लाभकारी अन्य पोषक तत्वों की कमी हो तो भी पसीने से बदबू आ सकती है.
  3. हार्मोनल बदलाव
    कई बार बचपन से युवावस्था में प्रवेश करने वाले बच्चों, यानी ऐसे बच्चे जो प्युबर्टी की अवस्था से गुजर रहे हों, के शरीर में कुछ हार्मोनल तथा अन्य बदलाव होने लगते हैं. जिसके चलते भी इस अवस्था में कई बार ज्यादा दुर्गंधयुक्त पसीना आने की समस्या भी बढ़ सकती है.

डॉ अनुजा बताती हैं कि कई बार किसी रोग या अवस्था के कारण भी पसीने में ज्यादा दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है. वह बताती हैं कि आजकल बड़ी संख्या में बच्चों में भी मधुमेह की समस्या देखने में आने लगी है. मधुमेह के अलावा कई बार लिवर या किडनी में किसी प्रकार का संक्रमण तथा हाइपरहाइड्रोसिस जैसी समस्या होने पर भी पसीने में ज्यादा दुर्गंध आने लगती है.

कैसे करें बचाव

सामान्य परिस्थितियों में जैसे हाइजीन के अभाव, खानपान में असंतुलन या बढ़ती उम्र जैसे सामान्य कारणों के चलते होने वाली पसीने में दुर्गंध की समस्या से बचने में कुछ सावधानियाँ काफी लाभकारी हो सकती है जैसे..

  • ऐसे बच्चे जिन्हें बदबूदार पसीना ज्यादा आता हो, उनके आहार पर खास ध्यान देना चाहिए. उनके खाने में जंक व प्रॉसेस्ड़ फूड, मांसाहार तथा ज्यादा तेल मसालों वाले आहार की मात्रा कम होनी चाहिए और फल, सब्जियों, दालों व अनाज की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही उन्हे पानी तथा अन्य तरल पदार्थ भी भरपूर मात्रा में देने चाहिए. जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो.
  • बच्चों को नियमित रूप से स्नान करने और रोज साफ धूले हुए कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करना चाहिए. यदि पसीना ज्यादा आता हो पसीना आने वाले स्थानों को दिन में कम से कम दो बार साफ करके , उन स्थानों पर एंटीबैक्टीरियल पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा चिकित्सक की सलाह पर पसीना आने वाले स्थानों पर एंटी-बैक्टीरियल क्रीम का उपयोग भी किया जा सकता है.
  • बच्चों के नहाने वाले पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदें या नीम की पत्तियां भी डाली जा सकती है. यह ना सिर्फ बॉडी ऑडर को सही रख सकते हैं बल्कि बैक्टीरियल संक्रमण की आशंका को भी कम करते हैं.

चिकित्सक से परामर्श जरूरी

डॉ अनुजा बताती हैं कि यदि सामान्य सावधानियों के बावजूद पसीने से असहनीय दुर्गंध आ रही हो, साथ ही पसीना आने वाले स्थान पर खुजली, दाने, चकत्ते, या त्वचा का रंग बदलने जैसी समस्या नजर आ रही हो, या फिर बच्चे को बुखार आ रहा हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा ऐसे बच्चे जिन्हें पहले से मधुमेह या किसी अन्य प्रकार का रोग या समस्या हो तो उन्हे भी आहार तथा दवाइयों को लेकर चिकित्सक के निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए.

पढ़ें: पहली बार गर्मी का सामना कर रहे शिशुओं की देखभाल में बरतें ज्यादा सावधानियां

शरीर से पसीना आना तथा पसीने में दुर्गंध आना एक सामान्य बात है. लेकिन यदि यह दुर्गंध बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो कभी-कभी यह किसी बीमारी का लक्षण या संकेत भी हो सकती है.

वैसे तो ज्यादातर दुर्गंधयुक्त पसीने के लिए, शरीर में पानी की कमी, स्वस्थ आहार तथा हाइजीन की कमी को जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन कई बार यह समस्या किसी बैक्टीरियल संक्रमण या किसी मेडिकल कंडीशन के चलते भी हो सकती है. ज्यादातर दुर्गंधयुक्त पसीने की समस्या वयस्कों में देखने में आती है , लेकिन यदि यह समस्या बच्चों में भी ज्यादा नजर आने लगे तो सावधानी, देखभाल तथा जरूरत पड़ने पर इलाज जरूरी हो जाता है.

दुर्गंधयुक्त पसीने के कारण

हरियाणा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनुजा डागर बताती हैं कि सामान्य तौर पर पसीने से गंध तब आती है जब ग्रहण किया जाने वाला आहार अस्वस्थकारी हो तथा ज्यादा गर्म मौसम या अन्य कारणों से बैक्टीरिया शरीर की पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित करने लगते हैं. वह बताती हैं कि ज्यादातर छोटे बच्चों के शरीर के पसीने में बदबू नहीं आती है या बहुत कम आती है. लेकिन आमतौर पर सात या आठ साल से ज्यादा बड़े बच्चों में पसीने में बदबू की समस्या नजर आनी शुरू हो सकती है.

वह बताती हैं कि गर्मी के मौसम में, ज्यादा खेलने या व्यायाम करने तथा ज्यादा भागदौड़ करने से बच्चों में पसीना आता ही है. कई बार ज्यादा मात्रा में गरिष्ठ आहार के सेवन तथा साफ सफाई के अभाव के चलते उनके पसीने में थोड़ी बदबू आना भी सामान्य है. लेकिन यदि पसीने की दुर्गंध बहुत ज्यादा हो तथा पसीना आने वाले स्थानों पर खुजली व जलन भी होने लगे, तो एक बार चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए.

वह बताती हैं कि बच्चों के पसीने में ज्यादा दुर्गंध आने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  1. साफ-सफाई के अभाव और बैक्टीरिया के प्रभाव स्वरूप
    कई बार शरीर में साफ-सफाई के अभाव या किसी अन्य कारण से पसीना आने वाले स्थानों पर बैक्टीरियल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा उनके कमरे या रहने के स्थान पर साफ सफाई का अभाव, रोज ना नहाने या अच्छे से ना नहाने की आदत और गंदे कपड़े पहनने से भी उनके पसीने की बदबू तीव्र हो सकती है.
  2. गलत आहार
    ज्यादातर बच्चे काफी तलाभुना, मसालेदार आहार जैसे जंकफूड खाना पसंद करते हैं. जिनमें कई बार नमक, प्याज, लहसुन और शरीर को हानि पहुँचने वाले तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है. इस प्रकार के आहार का ज्यादा सेवन शरीर में ऐसी प्रतिक्रया देता है, जिससे साँसों में बदबू के साथ-साथ पसीने से भी बदबू आने लगती है. इसके अलावा यदि बच्चों के आहार में फाइबर तथा पाचन के लिए लाभकारी अन्य पोषक तत्वों की कमी हो तो भी पसीने से बदबू आ सकती है.
  3. हार्मोनल बदलाव
    कई बार बचपन से युवावस्था में प्रवेश करने वाले बच्चों, यानी ऐसे बच्चे जो प्युबर्टी की अवस्था से गुजर रहे हों, के शरीर में कुछ हार्मोनल तथा अन्य बदलाव होने लगते हैं. जिसके चलते भी इस अवस्था में कई बार ज्यादा दुर्गंधयुक्त पसीना आने की समस्या भी बढ़ सकती है.

डॉ अनुजा बताती हैं कि कई बार किसी रोग या अवस्था के कारण भी पसीने में ज्यादा दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है. वह बताती हैं कि आजकल बड़ी संख्या में बच्चों में भी मधुमेह की समस्या देखने में आने लगी है. मधुमेह के अलावा कई बार लिवर या किडनी में किसी प्रकार का संक्रमण तथा हाइपरहाइड्रोसिस जैसी समस्या होने पर भी पसीने में ज्यादा दुर्गंध आने लगती है.

कैसे करें बचाव

सामान्य परिस्थितियों में जैसे हाइजीन के अभाव, खानपान में असंतुलन या बढ़ती उम्र जैसे सामान्य कारणों के चलते होने वाली पसीने में दुर्गंध की समस्या से बचने में कुछ सावधानियाँ काफी लाभकारी हो सकती है जैसे..

  • ऐसे बच्चे जिन्हें बदबूदार पसीना ज्यादा आता हो, उनके आहार पर खास ध्यान देना चाहिए. उनके खाने में जंक व प्रॉसेस्ड़ फूड, मांसाहार तथा ज्यादा तेल मसालों वाले आहार की मात्रा कम होनी चाहिए और फल, सब्जियों, दालों व अनाज की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही उन्हे पानी तथा अन्य तरल पदार्थ भी भरपूर मात्रा में देने चाहिए. जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो.
  • बच्चों को नियमित रूप से स्नान करने और रोज साफ धूले हुए कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करना चाहिए. यदि पसीना ज्यादा आता हो पसीना आने वाले स्थानों को दिन में कम से कम दो बार साफ करके , उन स्थानों पर एंटीबैक्टीरियल पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा चिकित्सक की सलाह पर पसीना आने वाले स्थानों पर एंटी-बैक्टीरियल क्रीम का उपयोग भी किया जा सकता है.
  • बच्चों के नहाने वाले पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदें या नीम की पत्तियां भी डाली जा सकती है. यह ना सिर्फ बॉडी ऑडर को सही रख सकते हैं बल्कि बैक्टीरियल संक्रमण की आशंका को भी कम करते हैं.

चिकित्सक से परामर्श जरूरी

डॉ अनुजा बताती हैं कि यदि सामान्य सावधानियों के बावजूद पसीने से असहनीय दुर्गंध आ रही हो, साथ ही पसीना आने वाले स्थान पर खुजली, दाने, चकत्ते, या त्वचा का रंग बदलने जैसी समस्या नजर आ रही हो, या फिर बच्चे को बुखार आ रहा हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा ऐसे बच्चे जिन्हें पहले से मधुमेह या किसी अन्य प्रकार का रोग या समस्या हो तो उन्हे भी आहार तथा दवाइयों को लेकर चिकित्सक के निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए.

पढ़ें: पहली बार गर्मी का सामना कर रहे शिशुओं की देखभाल में बरतें ज्यादा सावधानियां

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