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वजन कम करने में लाभकारी हो सकता है राई का इस्तेमाल

हमारी भारतीय मसालेदानी का एक खास हिस्सा मानी जाने वाली 'राई' तथा उससे बनने वाले खाद्य पदार्थ, वजन घटाने में काफी मदद कर सकते हैं. मनुष्यों के मेटाबोलिज़्म को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले खाद्य पदार्थों को लेकर हुए एक शोध में यह जानकारी सामने आई है. गौरतलब है कि इस शोध में व्यक्ति के वजन तथा उसके शरीर में वसा की मात्रा को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रकार के आहार का मूल्यांकन किया गया था, जिनमें गेहूं तथा राई मुख्य थे.

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वजन कम करने में लाभकारी हो सकता है राई का इस्तेमाल
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Published : Jan 6, 2022, 2:52 PM IST

हाल ही में क्लीनिकल न्यूट्रिशन जर्नल मेमन में प्रकाशित एक शोध में चल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि राई से बने खाद्य पदार्थ वजन घटाने में कारगर हो सकते हैं. यही नहीं नियमित तौर पर राई तथा उससे बने आहार के सेवन से शरीर को कई अन्य फायदे भी होते हैं. गौरतलब है कि यह शोध ऐसे आहारों की खोज तथा उनका विकास करने के उद्देश्य से किया गया था, जो भूख तथा शरीर के मेटोबोलिज़्म पर सकारात्मक असर डालते हों. इस शोध में राई के फ़ायदों पर विशेष ध्यान दिया गया है.

क्या कहते हैं शोध का नतीजे

गौरतलब है कि मोटापा यानी ओबेसिटी और ज्यादा वजन फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक माने जाते हैं. जिनसे राहत पाने के लिए दुनिया भर में अलग अलग प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. यह शोध भी इसी श्रंखला की एक कड़ी है. जिसमें शोधकर्ताओं ने अलग-अलग उम्र की महिलाओं तथा पुरुषों के आहार में परिवर्तन कर उनके स्वास्थ्य का निरीक्षण किया था.

इस शोध में 30 से 70 साल की उम्र के ऐसे पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनका वजन 242 किग्रा से ज्यादा था. परीक्षण के दौरान प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा गया था जिनमें एक निश्चित अवधि के लिए एक समूह के आहार में परिष्कृत गेहूं तथा दूसरे समूह के आहार में समान ऊर्जा वाले परिष्कृत गेहूं के साथ ही राई से बने उत्पादों को भी शामिल किया गया था.

परीक्षण के नतीजों में सामने आया कि वैसे तो राई व गेहूं तथा गेहूं से बने आहार का सेवन करने वाले दोनों समूहों के प्रतिभागियों के वजन में कमी आई थी, लेकिन विशेष तौर पर गेहूं के साथ राई से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले समूह के प्रतिभागियों के वजन में सिर्फ गेहूं से बने आहार का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में औसतन एक किलोग्राम अधिक वजन की कमी देखी गई थी. शोध में यह भी सामने आया कि गेहूं के साथ राई युक्त आहार खाने वालों के शरीर में वसा के स्तर पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.

जरूरी है ज्यादा अध्ययन

शोध के निष्कर्षों के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए चल्मर्स यूनिवर्सिटी के खाद्य और पोषण विज्ञान विभाग में प्रमुख शोधकर्ता किया नोहर इवर्सेन ने बताया कि परीक्षण के परिणामों से साबित हुआ है कि राई का इस्तेमाल, ना सिर्फ वजन घटाने के लिहाज से बल्कि शरीर में वसा के स्तर को नियंत्रित करने तथा शरीर के मेटाबोलिज़्म को बेहतर करने में भी फायदेमंद हो सकता है. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनकी टीम इस बात की जांच कर रही है कि क्या राई के इस्तेमाल से वजन में कमी के लिए कहीं आंतों में मौजूद कोई विशिष्ट बैक्टीरिया तो जिम्मेदार नहीं होता है!

गौरतलब है कि पूर्व में भी राई के फ़ायदों को लेकर कुछ शोध किए गए थे, जिनके नतीजों में माना गया था कि जो लोग राई का नियमित सेवन करते हैं उनके शरीर में फाइबर अपेक्षाकृत बेहतर मात्रा में पाया जाता है. इस शोध में भी सामने आया है कि राई का नियमित सेवन करने वाले लोग उन लोगों की तुलना में अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं, जो सिर्फ परिष्कृत गेहूं से बने आहार का सेवन करते हैं. लेकिन शोध में शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि अलग-अलग लोगों पर एक ही प्रकार के भोजन के अलग-अलग फायदे नुकसान सामने आते हैं. तथा उनका शरीर अलग अलग तरीकों से आहार को लेकर प्रतिक्रिया दे सकता है.

शोध में शोधकर्ताओं ने इस विषय पर ज्यादा अध्ययन किए जाने की बात भी कही है जिससे यह पता चल सके कि ऐसा क्यों होता है.

पढ़ें: तिल से बनाएं सेहत को चुस्त और दुरुस्त

हाल ही में क्लीनिकल न्यूट्रिशन जर्नल मेमन में प्रकाशित एक शोध में चल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि राई से बने खाद्य पदार्थ वजन घटाने में कारगर हो सकते हैं. यही नहीं नियमित तौर पर राई तथा उससे बने आहार के सेवन से शरीर को कई अन्य फायदे भी होते हैं. गौरतलब है कि यह शोध ऐसे आहारों की खोज तथा उनका विकास करने के उद्देश्य से किया गया था, जो भूख तथा शरीर के मेटोबोलिज़्म पर सकारात्मक असर डालते हों. इस शोध में राई के फ़ायदों पर विशेष ध्यान दिया गया है.

क्या कहते हैं शोध का नतीजे

गौरतलब है कि मोटापा यानी ओबेसिटी और ज्यादा वजन फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक माने जाते हैं. जिनसे राहत पाने के लिए दुनिया भर में अलग अलग प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. यह शोध भी इसी श्रंखला की एक कड़ी है. जिसमें शोधकर्ताओं ने अलग-अलग उम्र की महिलाओं तथा पुरुषों के आहार में परिवर्तन कर उनके स्वास्थ्य का निरीक्षण किया था.

इस शोध में 30 से 70 साल की उम्र के ऐसे पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनका वजन 242 किग्रा से ज्यादा था. परीक्षण के दौरान प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा गया था जिनमें एक निश्चित अवधि के लिए एक समूह के आहार में परिष्कृत गेहूं तथा दूसरे समूह के आहार में समान ऊर्जा वाले परिष्कृत गेहूं के साथ ही राई से बने उत्पादों को भी शामिल किया गया था.

परीक्षण के नतीजों में सामने आया कि वैसे तो राई व गेहूं तथा गेहूं से बने आहार का सेवन करने वाले दोनों समूहों के प्रतिभागियों के वजन में कमी आई थी, लेकिन विशेष तौर पर गेहूं के साथ राई से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले समूह के प्रतिभागियों के वजन में सिर्फ गेहूं से बने आहार का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में औसतन एक किलोग्राम अधिक वजन की कमी देखी गई थी. शोध में यह भी सामने आया कि गेहूं के साथ राई युक्त आहार खाने वालों के शरीर में वसा के स्तर पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.

जरूरी है ज्यादा अध्ययन

शोध के निष्कर्षों के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए चल्मर्स यूनिवर्सिटी के खाद्य और पोषण विज्ञान विभाग में प्रमुख शोधकर्ता किया नोहर इवर्सेन ने बताया कि परीक्षण के परिणामों से साबित हुआ है कि राई का इस्तेमाल, ना सिर्फ वजन घटाने के लिहाज से बल्कि शरीर में वसा के स्तर को नियंत्रित करने तथा शरीर के मेटाबोलिज़्म को बेहतर करने में भी फायदेमंद हो सकता है. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनकी टीम इस बात की जांच कर रही है कि क्या राई के इस्तेमाल से वजन में कमी के लिए कहीं आंतों में मौजूद कोई विशिष्ट बैक्टीरिया तो जिम्मेदार नहीं होता है!

गौरतलब है कि पूर्व में भी राई के फ़ायदों को लेकर कुछ शोध किए गए थे, जिनके नतीजों में माना गया था कि जो लोग राई का नियमित सेवन करते हैं उनके शरीर में फाइबर अपेक्षाकृत बेहतर मात्रा में पाया जाता है. इस शोध में भी सामने आया है कि राई का नियमित सेवन करने वाले लोग उन लोगों की तुलना में अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं, जो सिर्फ परिष्कृत गेहूं से बने आहार का सेवन करते हैं. लेकिन शोध में शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि अलग-अलग लोगों पर एक ही प्रकार के भोजन के अलग-अलग फायदे नुकसान सामने आते हैं. तथा उनका शरीर अलग अलग तरीकों से आहार को लेकर प्रतिक्रिया दे सकता है.

शोध में शोधकर्ताओं ने इस विषय पर ज्यादा अध्ययन किए जाने की बात भी कही है जिससे यह पता चल सके कि ऐसा क्यों होता है.

पढ़ें: तिल से बनाएं सेहत को चुस्त और दुरुस्त

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