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Cold Water : शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है ज्यादा ठंडे पानी का सेवन - ice cold water side effects

गर्मी के मौसम में ज्यादा ठंडा पानी या बर्फ का पानी पीना सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है. यह सर्दी जुकाम का कारण बनने के साथ ही पाचन, हृदय तथा अन्य अंगों में रोग या समस्या का कारण भी बन सकता है. Cold Water . Cold water side effects .

too cold water side effects
ज्यादा ठंडा पानी पीना हानिकारक होता है
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Published : Apr 12, 2023, 12:36 AM IST

Updated : Apr 12, 2023, 10:33 AM IST

गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप से बेहाल होने पर बर्फ वाला ठंडा-ठंडा पानी गले और शरीर को गर्मी से काफी राहत दिलाता है लेकिन यह सेहत पर काफी भारी भी पड़ सकता है. वैसे तो ज्यादातर लोग जानते हैं फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ वाला ठंडा पानी शरीर को नुकसान पहुंचाता है और इसके कारण सर्दी जुकाम तथा पाचन में समस्या होने लगती है लेकिन इसके नुकसान सिर्फ यहीं तक ही सीमित नहीं है.

क्या आप जानते हैं कि बर्फ मिला या ज्यादा ठंडा पानी पीने से हमारे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ ही कई अन्य तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं! चाहे एलोपैथी ही, आयुर्वेद या प्राकृतिक चिकित्सा, सभी चिकित्सा विधाओं में इस बात पर जोर दिया जाता है कि पानी हमेशा रूम टेम्परेचर या सामान्य तापमान वाला ही पीना चाहिए. आरोग्यधाम हरिद्वार के चिकित्सक डॉ रामेश्वर शर्मा (बीएएमएस) बताते हैं कि आयुर्वेद में पानी पीने का लिए कई नियम बताए गए हैं. जैसे हमेशा बैठ कर पानी पिए, हमेशा सामान्य तापमान (रूम टेम्परेचर ) वाला पानी पिए, भोजन के दौरान ठंडा पानी ना पिए, भोजन के बाद गुनगुना पानी ही पिएं आदि.

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बर्फ मिला ठंडा पानी

वह बताते हैं कि आयुर्वेद में भोजन के साथ या सामान्य तौर पर भी ज्यादा ठंडा पानी पीने से परहेज की बात कही जाती है क्योंकि बर्फ का पानी या बहुत ज्यादा ठंडा पानी पाचन तंत्र में पाचन अग्नि को कम करता है. दरअसल पाचन अग्नि या जठराग्नि पाचन तंत्र की सभी कार्यप्रणालियों को उत्तेजित रखने, पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखने, भोजन से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पोषण लेने तथा कई अन्य तरह की क्रियाओं के सही तरह से होने में मदद करती है. पानी जितना ज्यादा ठंडा होता है उतना ही पाचन अग्नि को कम करता है, जिससे खाना पचने की प्रक्रिया धीमी होती है और भोजन को पचने में काफी समय लगता है. इसके अलावा फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा या बर्फ वाला पानी पीने से बड़ी आंत के सिकुड़ने का जोखिम भी रहता है जिससे उसका काम प्रभावित होता है, और पाचन संबंधी विशेषकर कब्ज जैसी समस्या हो सकती है.

कौन कौन सी समस्याएं कर सकती हैं परेशान
वह बताते हैं कि आयुर्वेद में कब्ज को लगभग सभी तरह की बीमारियों की जड़ कहा जाता है, ऐसे में बर्फ वाला ठंडा पानी पीने से कब्ज के अलावा अन्य कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, जैसे भूख कम हो जाती है, किसी भी कार्य को करने के लिए जरूरी ऊर्जा में कमी आती है, शरीर में रक्त प्रवाह पर असर पड़ सकता है और चूंकि ऐसा करने से शरीर की आहार से पोषण लेने की क्षमता पर असर पड़ता है ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो सकती है. इसके अलावा बहुत ज्यादा ठंडा या बर्फ वाला पानी पीने से शरीर में कफ का प्रभाव भी बढ़ जाता है जिससे सर्दी-जुकाम तथा छींक आने जैसी समस्याएं बनी रहती हैं तथा कई अन्य संक्रमणों के प्रभाव में आने का खतरा भी बढ़ जाता है.

वह बताते हैं कि धूप से तत्काल छांव में आने के बाद बर्फ का पानी पीने से धमनियों तथा नसों पर भी असर पड़ता है और वे सिकुड़ सकती हैं. ऐसे में ब्रेन फ्रिज जैसी समस्या हो सकती है. साथ ही ह्रदय की सेहत पर भी असर पड़ सकता है और ह्रदय गति भी कम हो सकती है. इसके अलावा माइग्रेन के मरीजों की समस्या भी बढ़ सकती है. वह बताते हैं कि ज्यादा ठंडा पानी शरीर को शरीर को सही तरीके से हाइड्रेट भी नहीं रख पाता है , यह भी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है.

घड़ा है बेहतर विकल्प
वह बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में फ्रिज के पानी या बर्फ वाले पानी के स्थान पर घड़े या मटके का पानी पीना ज्यादा बेहतर होता है. दरअसल घड़े में पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा तो होता ही है जो गर्मी से तो राहत दिलाता है, साथ ही चूंकि मिट्टी के घड़े में पानी के शुद्धिकरण का गुण भी होता है जिसके चलते ना सिर्फ पानी की अशुद्ध‍ियां दूर होती हैं बल्कि पानी में ज्यादा लाभकारी मिनरल्स भी बढ़ जाते हैं.

मृदा या मिट्टी के गुणों के चलते घड़े के पानी में पीएच संतुलन भी सही रहता है. ऐसे में शरीर में टॉक्सिन्स कम जमा होते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तथा चयापचय (मेटाबोलिज़्म) दुरुस्त रहते है. वहीं इस तरह के पानी के सेवन से पाचन संबंधी विशेषकर कब्ज जैसी समस्या तथा कफ के बढ़ने के कारण होने वाले संक्रमण जैसे गला खराब होना, सर्दी जुकाम या बुखार जैसी समस्याओं से राहत भी मिल सकती है.

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गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप से बेहाल होने पर बर्फ वाला ठंडा-ठंडा पानी गले और शरीर को गर्मी से काफी राहत दिलाता है लेकिन यह सेहत पर काफी भारी भी पड़ सकता है. वैसे तो ज्यादातर लोग जानते हैं फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ वाला ठंडा पानी शरीर को नुकसान पहुंचाता है और इसके कारण सर्दी जुकाम तथा पाचन में समस्या होने लगती है लेकिन इसके नुकसान सिर्फ यहीं तक ही सीमित नहीं है.

क्या आप जानते हैं कि बर्फ मिला या ज्यादा ठंडा पानी पीने से हमारे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ ही कई अन्य तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं! चाहे एलोपैथी ही, आयुर्वेद या प्राकृतिक चिकित्सा, सभी चिकित्सा विधाओं में इस बात पर जोर दिया जाता है कि पानी हमेशा रूम टेम्परेचर या सामान्य तापमान वाला ही पीना चाहिए. आरोग्यधाम हरिद्वार के चिकित्सक डॉ रामेश्वर शर्मा (बीएएमएस) बताते हैं कि आयुर्वेद में पानी पीने का लिए कई नियम बताए गए हैं. जैसे हमेशा बैठ कर पानी पिए, हमेशा सामान्य तापमान (रूम टेम्परेचर ) वाला पानी पिए, भोजन के दौरान ठंडा पानी ना पिए, भोजन के बाद गुनगुना पानी ही पिएं आदि.

too cold water side effects
बर्फ मिला ठंडा पानी

वह बताते हैं कि आयुर्वेद में भोजन के साथ या सामान्य तौर पर भी ज्यादा ठंडा पानी पीने से परहेज की बात कही जाती है क्योंकि बर्फ का पानी या बहुत ज्यादा ठंडा पानी पाचन तंत्र में पाचन अग्नि को कम करता है. दरअसल पाचन अग्नि या जठराग्नि पाचन तंत्र की सभी कार्यप्रणालियों को उत्तेजित रखने, पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखने, भोजन से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पोषण लेने तथा कई अन्य तरह की क्रियाओं के सही तरह से होने में मदद करती है. पानी जितना ज्यादा ठंडा होता है उतना ही पाचन अग्नि को कम करता है, जिससे खाना पचने की प्रक्रिया धीमी होती है और भोजन को पचने में काफी समय लगता है. इसके अलावा फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा या बर्फ वाला पानी पीने से बड़ी आंत के सिकुड़ने का जोखिम भी रहता है जिससे उसका काम प्रभावित होता है, और पाचन संबंधी विशेषकर कब्ज जैसी समस्या हो सकती है.

कौन कौन सी समस्याएं कर सकती हैं परेशान
वह बताते हैं कि आयुर्वेद में कब्ज को लगभग सभी तरह की बीमारियों की जड़ कहा जाता है, ऐसे में बर्फ वाला ठंडा पानी पीने से कब्ज के अलावा अन्य कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, जैसे भूख कम हो जाती है, किसी भी कार्य को करने के लिए जरूरी ऊर्जा में कमी आती है, शरीर में रक्त प्रवाह पर असर पड़ सकता है और चूंकि ऐसा करने से शरीर की आहार से पोषण लेने की क्षमता पर असर पड़ता है ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो सकती है. इसके अलावा बहुत ज्यादा ठंडा या बर्फ वाला पानी पीने से शरीर में कफ का प्रभाव भी बढ़ जाता है जिससे सर्दी-जुकाम तथा छींक आने जैसी समस्याएं बनी रहती हैं तथा कई अन्य संक्रमणों के प्रभाव में आने का खतरा भी बढ़ जाता है.

वह बताते हैं कि धूप से तत्काल छांव में आने के बाद बर्फ का पानी पीने से धमनियों तथा नसों पर भी असर पड़ता है और वे सिकुड़ सकती हैं. ऐसे में ब्रेन फ्रिज जैसी समस्या हो सकती है. साथ ही ह्रदय की सेहत पर भी असर पड़ सकता है और ह्रदय गति भी कम हो सकती है. इसके अलावा माइग्रेन के मरीजों की समस्या भी बढ़ सकती है. वह बताते हैं कि ज्यादा ठंडा पानी शरीर को शरीर को सही तरीके से हाइड्रेट भी नहीं रख पाता है , यह भी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है.

घड़ा है बेहतर विकल्प
वह बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में फ्रिज के पानी या बर्फ वाले पानी के स्थान पर घड़े या मटके का पानी पीना ज्यादा बेहतर होता है. दरअसल घड़े में पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा तो होता ही है जो गर्मी से तो राहत दिलाता है, साथ ही चूंकि मिट्टी के घड़े में पानी के शुद्धिकरण का गुण भी होता है जिसके चलते ना सिर्फ पानी की अशुद्ध‍ियां दूर होती हैं बल्कि पानी में ज्यादा लाभकारी मिनरल्स भी बढ़ जाते हैं.

मृदा या मिट्टी के गुणों के चलते घड़े के पानी में पीएच संतुलन भी सही रहता है. ऐसे में शरीर में टॉक्सिन्स कम जमा होते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तथा चयापचय (मेटाबोलिज़्म) दुरुस्त रहते है. वहीं इस तरह के पानी के सेवन से पाचन संबंधी विशेषकर कब्ज जैसी समस्या तथा कफ के बढ़ने के कारण होने वाले संक्रमण जैसे गला खराब होना, सर्दी जुकाम या बुखार जैसी समस्याओं से राहत भी मिल सकती है.

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Last Updated : Apr 12, 2023, 10:33 AM IST
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