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World Obesity Day 2023: दुनियाभर में करीब 1 अरब लोग मोटापे से ग्रस्त, हो रहे कैंसर और डायबिटीज के शिकार

चार मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है. वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन जाने के कारण मोटापे की रोकथाम के लिए विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है. इस साल विश्व मोटापा दिवस को चेंजिंग पर्सपेक्टिव-लेट्स टॉक अबाउट ओबेसिटी' थीम पर मनाया जा रहा है.

World Obesity Day
विश्व मोटापा दिवस
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Published : Mar 4, 2023, 12:03 AM IST

Updated : Mar 4, 2023, 1:33 PM IST

नई दिल्लीः आज विश्व मोटापा दिवस है. ओबेसिटी (मोटापा) तथा उसके कारण ट्रिगर होने वाली बीमारियों के लगातार बढ़ते मामलों को रोकने तथा मोटापा से जुड़े आमजन में सभी महत्वपूर्ण कारकों को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है. आहार विशेषज्ञों की माने तो कोविड काल के एक साल से डेढ़ साल के बीच घर पर बिताए समय के दौरान लोगों में आलस काफी बढ़ा है. इस आलस के कारण लोगों में मोटापा भी बढ़ा है.

वैश्विक स्वास्थ्य संकट है मोटापा
मोटापा या ओबेसिटी एक ऐसी समस्या है जो कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है. इसे दुनिया भर के समक्ष सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट माना जाता है. ओबेसिटी या मोटापे की समस्या के कारणों के बारे में जागरूकता फैलाने, इसके निदान व इसके बचाव के लिए कारगर समाधानों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 4 मार्च को पूरी दुनिया विश्व मोटापा दिवस मनाती है. इससे बचने के लिए समय-समय पर हमेशा फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए, क्योंकि फाइबर खाना पचाने में लाभदायक होता है. डाइट में ककड़ी, मूली, गाजर आदि को जरूर शामिल करना चाहिए. कम से कम 15 मिनट या अधिक से अधिक 1 घंटा रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए. सोने के लिए 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. जंक फूड और फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से आप मोटापे का शिकार होने से बच सकते हैं.

विश्व मोटापा दिवस 2023 की थीम
इस वर्ष यह विशेष आयोजन 'चेंजिंग पर्सपेक्टिव-लेट्स टॉक अबाउट ओबेसिटी' यानी 'बदलता परिप्रेक्ष्य- चलो मोटापे के बारे में बात करते हैं' थीम पर मनाया जा रहा है. इस थीम का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ओबेसिटी को लेकर खुल कर बात कर सकें. गौरतलब है कि ज्यादा मोटापे के शिकार लोगों का आमतौर पर लोग मजाक बनाते हैं. परिवार, कार्यालय, स्कूल या सामाजिक आयोजनों में आमतौर पर ऐसे लोग अन्य लोगों के ध्यान या उपहास का केंद्र बनते हैं. वहीं, कई बार मोटापे के शिकार व्यक्ति कई तरह की समस्याएं महसूस करने के बावजूद सिर्फ इस डर से लोगों को अपनी समस्याएं नहीं बताते हैं कि लोग उनका मजाक बनाएंगे या उनके बारे में बातें करेंगे. ऐसे में ना सिर्फ कई बार उनके जीवन में मुश्किलें आने लगती है बल्कि कई लोग अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार भी बन जाते हैं. ऐसे में इस थीम का चयन उन्हें ओबेसिटी को लेकर खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करने के लिए किया गया है.

World Obesity Day
हर साल चार मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है.

विश्व मोटापा दिवस मनाने का उद्देश्य
सभी जानते हैं कि आज के दौर में डायबिटीज (मधुमेह), हाई बीपी, हृदय रोग (दिल के रोग), कैंसर और स्ट्रोक (आघात) सहित कई गंभीर बीमारियों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. दरअसल मोटापे को इन सभी बीमारियों के मुख्य कारणों तथा उनकी जटिलताओं के बढ़ाने वाले मुख्य कारकों में से एक माना जाता है. वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल दुनियाभर में लगभग 1 अरब लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं. वहीं 2035 तक यह संख्या बढ़कर 1.9 अरब तक पहुंचने की आशंका है. यानी साल 2035 तक हर चार में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है.

गौरतलब है कि मोटापे की दर 1975 के बाद से अब तक लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है. फिलहाल स्थिति इतनी खराब है कि सभी विकसित और विकासशील देशों के हर उम्र के लोगों में ओबेसिटी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के मुताबिक 2020 में 5 वर्ष से कम आयु के 39 मिलियन बच्चे अधिक वजन वाले या मोटे पाए गए हैं. वहीं, यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस फॉर 2022 के मुताबिक, अगले 7 सालों में भारत में 27 मिलियन से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार होंगे, जो वैश्विक स्तर पर 10 बच्चों में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में विश्व मोटापा दिवस के आयोजन का उद्देश्य सिर्फ मोटापे से जुड़े महत्वपूर्ण कारकों को लेकर जागरूकता बढ़ाना ही नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना, वजन कम करने के लिए उन्हें प्रेरित करना भी है. इस दिशा में नीतियों में सुधार करना और अनुभवों को साझा करने के लिए लोगों को एक मंच देना भी है.

विश्व मोटापा दिवस का इतिहास
विश्व मोटापा दिवस या वर्ल्ड ओबेसिटी डे की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 2015 में एक वार्षिक अभियान के रूप में की गई थी. इसका लक्ष्य ऐसे कार्यों तथा गतिविधियों को प्रोत्साहित करना व उन्हें समर्थन देना था जो लोगों को स्वस्थ वजन हासिल करने, सही वजन बनाए रखने और वैश्विक मोटापे के संकट को दूर करने में मदद कर सके. गौरतलब है कि साल 2020 से पहले यह दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता था. लेकिन साल 2020 से इसे 4 मार्च को मनाए जाने का निर्णय लिया गया था.

ये भी पढ़ेंः World Obesity Day 2023: कहीं आप भी तो नहीं हो रहे मोटापे का शिकार, आज ही आलस करें दूर

नई दिल्लीः आज विश्व मोटापा दिवस है. ओबेसिटी (मोटापा) तथा उसके कारण ट्रिगर होने वाली बीमारियों के लगातार बढ़ते मामलों को रोकने तथा मोटापा से जुड़े आमजन में सभी महत्वपूर्ण कारकों को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है. आहार विशेषज्ञों की माने तो कोविड काल के एक साल से डेढ़ साल के बीच घर पर बिताए समय के दौरान लोगों में आलस काफी बढ़ा है. इस आलस के कारण लोगों में मोटापा भी बढ़ा है.

वैश्विक स्वास्थ्य संकट है मोटापा
मोटापा या ओबेसिटी एक ऐसी समस्या है जो कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है. इसे दुनिया भर के समक्ष सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट माना जाता है. ओबेसिटी या मोटापे की समस्या के कारणों के बारे में जागरूकता फैलाने, इसके निदान व इसके बचाव के लिए कारगर समाधानों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 4 मार्च को पूरी दुनिया विश्व मोटापा दिवस मनाती है. इससे बचने के लिए समय-समय पर हमेशा फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए, क्योंकि फाइबर खाना पचाने में लाभदायक होता है. डाइट में ककड़ी, मूली, गाजर आदि को जरूर शामिल करना चाहिए. कम से कम 15 मिनट या अधिक से अधिक 1 घंटा रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए. सोने के लिए 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. जंक फूड और फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से आप मोटापे का शिकार होने से बच सकते हैं.

विश्व मोटापा दिवस 2023 की थीम
इस वर्ष यह विशेष आयोजन 'चेंजिंग पर्सपेक्टिव-लेट्स टॉक अबाउट ओबेसिटी' यानी 'बदलता परिप्रेक्ष्य- चलो मोटापे के बारे में बात करते हैं' थीम पर मनाया जा रहा है. इस थीम का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ओबेसिटी को लेकर खुल कर बात कर सकें. गौरतलब है कि ज्यादा मोटापे के शिकार लोगों का आमतौर पर लोग मजाक बनाते हैं. परिवार, कार्यालय, स्कूल या सामाजिक आयोजनों में आमतौर पर ऐसे लोग अन्य लोगों के ध्यान या उपहास का केंद्र बनते हैं. वहीं, कई बार मोटापे के शिकार व्यक्ति कई तरह की समस्याएं महसूस करने के बावजूद सिर्फ इस डर से लोगों को अपनी समस्याएं नहीं बताते हैं कि लोग उनका मजाक बनाएंगे या उनके बारे में बातें करेंगे. ऐसे में ना सिर्फ कई बार उनके जीवन में मुश्किलें आने लगती है बल्कि कई लोग अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार भी बन जाते हैं. ऐसे में इस थीम का चयन उन्हें ओबेसिटी को लेकर खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करने के लिए किया गया है.

World Obesity Day
हर साल चार मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है.

विश्व मोटापा दिवस मनाने का उद्देश्य
सभी जानते हैं कि आज के दौर में डायबिटीज (मधुमेह), हाई बीपी, हृदय रोग (दिल के रोग), कैंसर और स्ट्रोक (आघात) सहित कई गंभीर बीमारियों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. दरअसल मोटापे को इन सभी बीमारियों के मुख्य कारणों तथा उनकी जटिलताओं के बढ़ाने वाले मुख्य कारकों में से एक माना जाता है. वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल दुनियाभर में लगभग 1 अरब लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं. वहीं 2035 तक यह संख्या बढ़कर 1.9 अरब तक पहुंचने की आशंका है. यानी साल 2035 तक हर चार में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है.

गौरतलब है कि मोटापे की दर 1975 के बाद से अब तक लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है. फिलहाल स्थिति इतनी खराब है कि सभी विकसित और विकासशील देशों के हर उम्र के लोगों में ओबेसिटी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के मुताबिक 2020 में 5 वर्ष से कम आयु के 39 मिलियन बच्चे अधिक वजन वाले या मोटे पाए गए हैं. वहीं, यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस फॉर 2022 के मुताबिक, अगले 7 सालों में भारत में 27 मिलियन से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार होंगे, जो वैश्विक स्तर पर 10 बच्चों में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में विश्व मोटापा दिवस के आयोजन का उद्देश्य सिर्फ मोटापे से जुड़े महत्वपूर्ण कारकों को लेकर जागरूकता बढ़ाना ही नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना, वजन कम करने के लिए उन्हें प्रेरित करना भी है. इस दिशा में नीतियों में सुधार करना और अनुभवों को साझा करने के लिए लोगों को एक मंच देना भी है.

विश्व मोटापा दिवस का इतिहास
विश्व मोटापा दिवस या वर्ल्ड ओबेसिटी डे की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 2015 में एक वार्षिक अभियान के रूप में की गई थी. इसका लक्ष्य ऐसे कार्यों तथा गतिविधियों को प्रोत्साहित करना व उन्हें समर्थन देना था जो लोगों को स्वस्थ वजन हासिल करने, सही वजन बनाए रखने और वैश्विक मोटापे के संकट को दूर करने में मदद कर सके. गौरतलब है कि साल 2020 से पहले यह दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता था. लेकिन साल 2020 से इसे 4 मार्च को मनाए जाने का निर्णय लिया गया था.

ये भी पढ़ेंः World Obesity Day 2023: कहीं आप भी तो नहीं हो रहे मोटापे का शिकार, आज ही आलस करें दूर

Last Updated : Mar 4, 2023, 1:33 PM IST
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