बच्चों की बढ़ती उम्र में आमतौर पर घर के बड़े बुजुर्ग उन्हें सुबह खाली पेट भीगे बादाम खिलाने की बात कहते हैं. क्योंकि कहा जाता है भीगे बादाम खाने (Soaked almonds) से उनकी याददाश्त और सीखने की क्षमता बेहतर होती है. बादाम को वैसे ही सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है. उसमें मौजूद पोटेशियम, विटामिन E, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस सेहत को काफी लाभ पहुंचाते हैं लेकिन भीगे बादाम सामान्य बादाम से ज्यादा लाभकारी क्यों होते हैं इसके सही कारणों के बारें में ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता है. वहीं बहुत से लोगों को यह भी नहीं पता होता है कि सिर्फ बादाम ही नहीं बल्कि कुछ अन्य प्रकार के सूखे मेवे (Soaked dry fruits) और बीज (Soaked Seeds) भी होते हैं जिन्हें भिगोकर (Benefits of soaking dry fruits) खाना सेहत को कई लाभ पहुंचा सकता है. Soaked dry fruits Benefits . Diwali celebration . Diwali food and recipes . How to consume dry fruits .
मुंबई की पोषण व आहार विशेषज्ञ रूशेल जॉर्ज (Ruchelle George Nutritionist) बताती हैं कि सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि वयस्कों के लिए भी सुबह के सबसे पहले आहार के रूप में रात भर या कुछ घंटों तक भीगे हुए बादाम और कुछ अन्य सूखे मेवों व बीजों का सेवन आदर्श होता है. Nutritionist Ruchelle George बताती हैं कि कौन-कौन से सूखे मेवे भिगोकर खाना फायदेमंद है इस बारें में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि कुछ ड्राईफ्रूट्स को भिगोने से उनके फायदे कैसे बढ़ जाते हैं. Ruchelle George Nutritionist बताती है कि ड्राई फ्रूट्स यानी सूखे मेवों में पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, लेकिन कुछ ड्राई फ्रूट्स में विशेषकर उनके छिलकों में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जिससे उनके अवशोषण में या उन्हे पचाने में समस्या हो सकती है जैसे पोषाहार अवरोधक यानी न्यूट्रिशन इनहिबिटर्स, विषाक्त पदार्थ, एंजाइम अवरोधक, फाइटिक एसिड, टैनिन और ऑक्सलेट आदि. जो उनके पोषक तत्वों के अवशोषण और विशेष रूप से विटामिन बी को अवशोषित होने से रोकते हैं. लेकिन जब उन्हे कुछ घंटों के लिए भिगोया जाता है तो उनके एंजाइम अवरोधक प्रभाव निष्प्रभावी हो जाते हैं और पौष्टिक तत्वों के अवशोषण को रोकने वाले तत्व जैसे टैनिन टूट जाते हैं . जिससे पोषक तत्वों को शरीर में अवशोषित होने में ज्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है.
वहीं कुछ सूखे मेवों में कुछ घंटे पानी में भीगने के बाद अंकुरण शुरू होने लगता है जो उनके पोषण को काफी ज्यादा बढ़ा देता है. इस प्रकार से सूखे मेवों का सेवन करने से शरीर में फायदेमंद एंजाइम का निर्माण होता है, ग्लूटेन को तोड़ने और उसे पचाने की प्रक्रिया बेहतर होती है और शरीर में विटामिन विशेषकर विटामिन बी व मिनरल्स का अवशोषण ज्यादा बेहतर होता है. जिससे ना सिर्फ शरीर की रोगप्रतिरोशक क्षमता बढ़ती है बल्कि सेहत को और भी कई तरह से फायदे मिलते हैं.
कौन से मेवे फायदेमंद : रूशेल जॉर्ज बताती हैं कि आमतौर पर लोग उनसे पूछते हैं कि बादाम के अलावा कौन-कौन से ऐसे सूखे मेवे हैं जिन्हे भिगोकर खाने से शरीर को ज्यादा फायदे मिलते हैं. बादाम के अलावा अंजीर, अखरोट, मूंगफली, मुनक्का ,पिस्ता और किशमिश को भिगोकर खाना फायदेमंद होता हैं. लेकिन इनमें मुनक्का और किशमिश को ज्यादा देर तक पानी में नहीं भिगोना चाहिए. इनके अलावा कुछ विशेष प्रकार के बीज जैसे सूरजमुखी के बीज , सीताफल या कद्दू के बीज , सब्जा, अलसी और खसखस को रात भर पानी में भिगोकर सुबह इनका सेवन करने से भी सेहत को काफी लाभ मिलते हैं. गौरतलब है कि सूखे मेवों व बीजों में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मैग्नीशियम, कैल्शियम ओमेगा 3 व 6 और अन्य कई प्रकार के पोषक तत्व और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए सुबह पहले आहार के रूप में इनका सेवन शरीर की पोषण से जुड़ी काफी जरूरतों को पूरा करता है.
क्या कहता है आयुर्वेद : वहीं आयुर्वेद में भी सामान्य अवस्था में सूखे मेवों को खाने की बजाय में भिगोकर खाने को ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. लेकिन यहाँ यह भी माना जाता है गर्मियों के मौसम में भीगे हुए और सर्दियों के मौसम में सामान्य अवस्था में सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए. भोपाल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में ज्यादातर मेवों की तासीर को गर्म माना जाता है. लेकिन जब उन्हें कम से कम 6 घंटे तक पानी में भिगोकर रखा जाता है तो इनकी तासीर काफी हद तक सामान्य हो जाती है. आयुर्वेद में भी सही मौसम में भीगे मेवों के सेवन के शरीर को कई फायदे बताए गए हैं जैसे शरीर में पूरे दिन ऊर्जा बनाए रखना, शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, वजन कम करना, ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना और आंतों को स्वस्थ रखना आदि .