ETV Bharat / sukhibhava

खून की कमी को दूर करने में रामबाण है लाल गोभी - लाल पत्ता गोभी में एंटीऑक्सीडेंट कैल्शियम और आयरन पाये जाते है

खून की कमी दूर करने की लिस्ट शकरकंद और चुकंदर के बाद लाल पत्ता गोभी भी शामिल हो गई है. यह खून बढ़ाने के साथ ही कई अन्य बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित हो रहा है. इसके बहुगुणों की जानकारी के बाद गोरखपुर के पास स्थित कस्बे में एक किसान लाल पत्ता गोभी की खेती कर रहा है. सफल खेती होने पर बड़े पैमाने पर इसकी खेती होने की संभावना है.

Red cabbage
लाल पत्ता गोभी
author img

By

Published : Jan 28, 2021, 6:30 AM IST

सुनहरे शकरकंद के साथ अब गोरखपुर में लाल पत्ता गोभी आपकी सेहत के लिए कारगर साबित हो सकती है. गोरखपुर से 40 किलोमीटर दूर जानीपुर कस्बे के प्रगतिशील किसान इंद्रप्रकाश सिंह इसकी खेती कर रहे हैं. सिर्फ रंगीन होना ही इस गोभी की खूबी नहीं है. इसमें पाए जाने वाले तत्व खून की कमी के खिलाफ सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं. कैंसर जैसे रोगों से सुरक्षा देते हैं. इसमें विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं.

Indra Prakash Singh, a progressive farmer cultivating red-cabbage
लाल पत्ता गोभी की खेती करते प्रगतिशील किसान इंद्रप्रकाश सिंह

इंद्रपकाश सिंह राज्य के प्रगतिशील किसानों में शुमार हैं. सब्जियों की खेती में नवाचार के लिए वह जिले और प्रदेश स्तर के कई सम्मान भी पा चुके हैं. उन्होंने अपने एक मित्र से लाल गोभी के बारे में सुना. आदतन उन्होंने इसके बाजार के बारे में जानकारी इकट्ठा की. मंडी के कारोबारियों ने बताया कि रंगीन होने के कारण लगन सलाद के रूप में इसकी ठीक-ठाक मांग निकल सकती है. इसके बाद उन्होंने नर्सरी के लिए बीज की तलाश शुरू की. काफी प्रयास के बाद उनको वाराणसी से यह उपलब्ध हो सका.

फिलहाल उनकी नर्सरी के पौधे शीघ्र ही गोभी की तरह आकार लेने लगेंगे. वह बताते हैं कि जब उन्होंने इसके बारे में पढ़ा तो लगा कि इसकी खेती के लिए पूर्वांचल की कृषि जलवायु अनुकूल है. लिहाजा इस साल उन्होंने करीब एक बीघे में इसकी खेती की है. उनकी फसल जिस समय अप्रैल में तैयार होगी, उस समय लगन का समय होगा. ऐसे में उनको उम्मीद है कि उनकी गोभी की मांग और भाव दोनों ठीक रहेंगे. अगर ऐसा हुआ तो अगले साल वह इसकी खेती को और विस्तार देंगे.

इंद्र प्रकाश सिंह सब्जियों की खेती करते हैं. आलू उनकी विशेष फसल है. इसी से उनकी पहचान बनी है. गेंहू, धान वह खाने भर का ही उगाते हैं. इस साल वह पत्ता गोभी की एक ऐसी किस्म भी लगाने जो रहे हैं, जो मई में तैयार होगी. आकार में यह गोल की बजाय चौकोर होगी.

कृषि वैज्ञानिक केंद्र, गोरखपुर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, उद्यान, डॉ. एसपी सिंह ने बताया, 'सामान्य पत्ता गोभी में एक कीड़ा होता है, जो छेद कर देता है. सब्जी खराब कर देता है. लेकिन इस लाल पत्ता गोभी में अभी यह देखने को नहीं मिला. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट कैल्शियम और आयरन की मात्रा भी ज्यादा है. यह अन्य बीमारियों के लिए भी लाभकारी है. आने वाले समय में इसका बाजार धीरे-धीरे बढ़ रहा है.'

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें मुख्य रूप से फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें थायमिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, कैल्शियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, लोहा और पोटेशियम के अलावा विटामिन सी, ए, ई, बी और फाइबर मिलते हैं. स्वाभाविक है कि इसके सेवन से कई तरह की विटामिंस, मिनिरल्स की कमी की भरपाई होती है. शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

सुनहरे शकरकंद के साथ अब गोरखपुर में लाल पत्ता गोभी आपकी सेहत के लिए कारगर साबित हो सकती है. गोरखपुर से 40 किलोमीटर दूर जानीपुर कस्बे के प्रगतिशील किसान इंद्रप्रकाश सिंह इसकी खेती कर रहे हैं. सिर्फ रंगीन होना ही इस गोभी की खूबी नहीं है. इसमें पाए जाने वाले तत्व खून की कमी के खिलाफ सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं. कैंसर जैसे रोगों से सुरक्षा देते हैं. इसमें विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं.

Indra Prakash Singh, a progressive farmer cultivating red-cabbage
लाल पत्ता गोभी की खेती करते प्रगतिशील किसान इंद्रप्रकाश सिंह

इंद्रपकाश सिंह राज्य के प्रगतिशील किसानों में शुमार हैं. सब्जियों की खेती में नवाचार के लिए वह जिले और प्रदेश स्तर के कई सम्मान भी पा चुके हैं. उन्होंने अपने एक मित्र से लाल गोभी के बारे में सुना. आदतन उन्होंने इसके बाजार के बारे में जानकारी इकट्ठा की. मंडी के कारोबारियों ने बताया कि रंगीन होने के कारण लगन सलाद के रूप में इसकी ठीक-ठाक मांग निकल सकती है. इसके बाद उन्होंने नर्सरी के लिए बीज की तलाश शुरू की. काफी प्रयास के बाद उनको वाराणसी से यह उपलब्ध हो सका.

फिलहाल उनकी नर्सरी के पौधे शीघ्र ही गोभी की तरह आकार लेने लगेंगे. वह बताते हैं कि जब उन्होंने इसके बारे में पढ़ा तो लगा कि इसकी खेती के लिए पूर्वांचल की कृषि जलवायु अनुकूल है. लिहाजा इस साल उन्होंने करीब एक बीघे में इसकी खेती की है. उनकी फसल जिस समय अप्रैल में तैयार होगी, उस समय लगन का समय होगा. ऐसे में उनको उम्मीद है कि उनकी गोभी की मांग और भाव दोनों ठीक रहेंगे. अगर ऐसा हुआ तो अगले साल वह इसकी खेती को और विस्तार देंगे.

इंद्र प्रकाश सिंह सब्जियों की खेती करते हैं. आलू उनकी विशेष फसल है. इसी से उनकी पहचान बनी है. गेंहू, धान वह खाने भर का ही उगाते हैं. इस साल वह पत्ता गोभी की एक ऐसी किस्म भी लगाने जो रहे हैं, जो मई में तैयार होगी. आकार में यह गोल की बजाय चौकोर होगी.

कृषि वैज्ञानिक केंद्र, गोरखपुर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, उद्यान, डॉ. एसपी सिंह ने बताया, 'सामान्य पत्ता गोभी में एक कीड़ा होता है, जो छेद कर देता है. सब्जी खराब कर देता है. लेकिन इस लाल पत्ता गोभी में अभी यह देखने को नहीं मिला. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट कैल्शियम और आयरन की मात्रा भी ज्यादा है. यह अन्य बीमारियों के लिए भी लाभकारी है. आने वाले समय में इसका बाजार धीरे-धीरे बढ़ रहा है.'

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें मुख्य रूप से फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें थायमिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, कैल्शियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, लोहा और पोटेशियम के अलावा विटामिन सी, ए, ई, बी और फाइबर मिलते हैं. स्वाभाविक है कि इसके सेवन से कई तरह की विटामिंस, मिनिरल्स की कमी की भरपाई होती है. शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.