सर्दियों के मौसम में आमतौर पर त्वचा में खुश्की सहित कई समस्याएं देखने में आती हैं. मौसम का असर सिर्फ त्वचा पर ही नही कई बार नाखूनों पर भी नजर आता है. नाखूनों पर लकीरें नजर आने लगती हैं. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी नाखूनों के किनारों की त्वचा में होती है, जिन्हे क्यूटिकल भी कहा जाता है.
जानकार मानते हैं कि नाखूनों में संक्रमण की शुरुआत भी आमतौर पर क्यूटिकल के जरिए ही होती है. दरअसल क्यूटिकल यानी हमारे नाखूनों के चारों ओर की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है. अलग अलग कारणों से जब यह त्वचा निकलने लगती है या कई बार गलती से या जानबूझ कर अगर कोई व्यक्ति उन्हे खींच कर निकाल दे तो उस क्षेत्र में सूजन के साथ दर्द होने लगता है. कई बार इसके चलते नाखूनों के किनारे त्वचा में पस भी पड़ जाता है. यह एक सामान्य समस्या है, जिसका सामना बहुत से लोग करते हैं. क्यूटिकल्स में समस्या तथा उसके निवारण को लेकर ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभवा की टीम ने अपने विशेषज्ञों से बात की.
क्यूटिकल्स के समस्याग्रस्त होने के कारण
उत्तराखंड की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि क्यूटिकल्स में समस्या के लिए कई कारकों को जिम्मेदार माना जा सकता है. जैसे सामान्य कारणों में शुष्क त्वचा, ठंडा मौसम, शरीर में पानी या नमी की कमी, और वर्तमान परिसतिथ्यों में लगातार साबुन से हाथ धोना या सैनिटाइजर का लगातार उपयोग. इसके अतिरिक्त एक्जिमा, सोरायसिस, विटामिन की कमी, किसी प्रकार की एलर्जी, नाखूनों की सफाई ना होने पर फंगस होना या नाखून टूटने या उसमें चोट लगने के कारण भी क्यूटिकल्स प्रभावित हो सकते हैं.
डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि क्यूटिकल्स को ट्रिम या काटने से बचना चाहिए. दरअसल क्यूटिकल्स नाखूनों की जड़ों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी होते हैं. क्यूटिकल्स काटने से नाखूनों में संक्रमण या चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा अगर आप क्यूटिकल्स को काटते हैं तो वहां की त्वचा कठोर हो जाती है और उसके फटने या चोटील होने की आशंका भी बढ़ जाती है. ऐसे में नाखून भी कमजोर होने लगते हैं और उनके आस-पास बहुत दर्द महसूस होता है.
कैसे करें अपने क्यूटिकल्स की देखभाल
डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि क्यूटिकल्स की देखभाल के लिए नाखूनों की सही तरीके से साफ सफाई तथा हाथों की नमी को बनाए रखना जरूरी होता है, जिसके लिए दिन में कम से कम दो बार हाथों को धो कर उन पर क्रीम या मॉइस्चराइजर जरूर लगाना चाहिए. इसके अलावा वहीं यदि व्यक्ति का अधिकांश समय धूप में निकलता है तो उसे हाथों पर नियमित अंतराल पर सनस्क्रीन भी लगाना चाहिए.
वहीं यदि किसी भी कारण से क्यूटिकल ज्यादा खुरदुरे होने लगें तो उन्हे हटाने की बजाय उन पर क्यूटिकल रिमूवर का इस्तेमाल करना चाहिए . यह आमतौर पर नारियल का तेल, पोटेशियम फॉस्फेट, पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड और पानी के साथ-साथ ट्राइथेनॉलमाइन से बने होते हैं. क्यूटिकल रिमूवर खुरदुरे क्यूटिकल्स को मुलायम कर देते हैं और प्रभावित स्थान त्वचा सामान्य हो जाती है . यदी इसके बाद भी खुश्की के चलते क्यूटिकल्स परेशान कर रहें हो तो रात को सोते समय उन पर पैट्रोलियम जैली लगाकर , दस्ताने पहनकर सोने से लाभ मिलता हैं. इसके अलावा एसेंशियल ऑइल, नारियल का तेल, तथा विटामिन ई युक्त तेल का इस्तेमाल भी फायदेमंद होता है.
वैसे तो क्यूटिकल्स मुलायम हो जाने के बाद ज्यादा समस्या उत्पन्न नही करते हैं लेकिन अगर वे दिखने में अच्छे नहीं लग रहे हैं तो ऑरेंज स्टिक की मदद से क्यूटिकल्स को थोड़ा दबाया जा सकता है जिससे नाखून साफ दिखने. लेकिन यह प्रक्रिया बहुत सावधानी से करनी चाहिए जिससे क्यूटिकल्स को नुकसान न पहुँचे. ऑरेंज स्टिक एक छोटी लकड़ी या मेटल की स्टिक होती है जो क्यूटिकल्स को पीछे करके नाखूनों को सुंदर बनते हैं.
डॉ आशा बताती हैं कि जहां तक हो सके हाथों को धोने के लिए माइल्ड साबुन यानी अलके रसायनों वाला या हर्बल साबुन इस्तेमाल करना चाहिए. सेनेटाइजर के इस्तेमाल से ज्यादा हाथों को धोने को प्राथमिकता देनी चाहिए.
इसके अलावा शरीर को हाइड्रेट रखना यानी शरीर में नमी की कमी न होने देना भी जरूरी है जिसके लिए आवश्यक मात्रा में पानी पीना चाहिए. साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर आहार ग्रहण करना चाहिए. विशेषकर विटामिन युक्त आहार का जरूरी मात्रा में सेवन करना चाहिये, क्योंकि क्यूटिकल्स में समस्या के लिए कई बार विटामिन की कमी भी जिम्मेदार होती है.
डॉ आशा बताती हैं कि यदि इन सब सावधानियों के बाद भी क्यूटिकल्स में समस्या नजर आए या उनमे किसी प्रकार के त्वचा रोग के लक्षण नजर आए तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.