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दोपहर में लंबी नींद से दिल की बीमारी, मौत का खतरा : शोध - 60 मिनट से अधिक सोने से खतरा

दोपहर में सोने वालों को दिल की बीमारी का खतरा होने पर शोध किया गया. शोध में 60 मिनट से अधिक समय तक सोने वालों को दिल की बीमारी का खतरा अधिक होता है, वहीं इससे कम समय के लिए सोने वालों के शरीर की क्षमता बढ़ती है.

Risk of heart disease from sleep
नींद से दिल की बीमारी का खतरा
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Published : Aug 27, 2020, 4:33 PM IST

ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि दोपहर के वक्त नींद लेने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन एक हालिया शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस दौरान एक घंटे से अधिक समय तक के लिए सोना दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा देता है और इससे मौत होने की भी संभावना अधिक हो जाती है. ईएससी कांग्रेस 2020 द डिजिटल एक्सपीरियंस में प्रकाशित इस शोध में दोपहर के वक्त झपकी लेने और दिल की बीमारी व मौत होने के जोखिम के बीच रिश्ते के बारे में बताया गया है.

इस विश्लेषण में 20 से अधिक अध्ययनों में कुल 3 लाख 13 हजार 651 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ 39 फीसदी ने दोपहर के वक्त नींद ली.

चीन में स्थित ग्वांगझोउ विश्वविद्यालय में शोध के लेखक डॉ. झे पान ने कहा, 'दिन में सोना पूरी दुनिया में आम है और सामान्यत: इसे सेहत के लिए बेहतर माना जाता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'आमतौर पर यह समझा जाता है कि झपकी लेने से काम करने की क्षमता में सुधार आता है और नींद की कमी से होने वाले नुकसानों का भी प्रतिकार होता है. हमारे शोध में इन दोनों ही विचारों को चुनौती दी गई है.'

शोध में यह पाया गया कि 60 मिनट से अधिक समय तक सोने से दिल की बीमारी होने और मौत का खतरा उन लोगों की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है, जो नहीं सोते हैं.

अगर रात में सोने की बात करें, तो यह खतरा उनमें अधिक रहता है, जो रोजाना रात को छह घंटे से अधिक सोते हैं. हालांकि, दोपहर के वक्त 60 मिनट से कम समय तक सोने से दिल की बीमारी के होने का खतरा नहीं रहता है.

डॉ. पैन कहते हैं, 'नतीजे से पता चलता है कि 30 से 45 मिनट तक सोने से उन लोगों के दिलों की सेहत सुधरती है, जो रात में पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाते हैं.'

ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि दोपहर के वक्त नींद लेने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन एक हालिया शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस दौरान एक घंटे से अधिक समय तक के लिए सोना दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा देता है और इससे मौत होने की भी संभावना अधिक हो जाती है. ईएससी कांग्रेस 2020 द डिजिटल एक्सपीरियंस में प्रकाशित इस शोध में दोपहर के वक्त झपकी लेने और दिल की बीमारी व मौत होने के जोखिम के बीच रिश्ते के बारे में बताया गया है.

इस विश्लेषण में 20 से अधिक अध्ययनों में कुल 3 लाख 13 हजार 651 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ 39 फीसदी ने दोपहर के वक्त नींद ली.

चीन में स्थित ग्वांगझोउ विश्वविद्यालय में शोध के लेखक डॉ. झे पान ने कहा, 'दिन में सोना पूरी दुनिया में आम है और सामान्यत: इसे सेहत के लिए बेहतर माना जाता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'आमतौर पर यह समझा जाता है कि झपकी लेने से काम करने की क्षमता में सुधार आता है और नींद की कमी से होने वाले नुकसानों का भी प्रतिकार होता है. हमारे शोध में इन दोनों ही विचारों को चुनौती दी गई है.'

शोध में यह पाया गया कि 60 मिनट से अधिक समय तक सोने से दिल की बीमारी होने और मौत का खतरा उन लोगों की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है, जो नहीं सोते हैं.

अगर रात में सोने की बात करें, तो यह खतरा उनमें अधिक रहता है, जो रोजाना रात को छह घंटे से अधिक सोते हैं. हालांकि, दोपहर के वक्त 60 मिनट से कम समय तक सोने से दिल की बीमारी के होने का खतरा नहीं रहता है.

डॉ. पैन कहते हैं, 'नतीजे से पता चलता है कि 30 से 45 मिनट तक सोने से उन लोगों के दिलों की सेहत सुधरती है, जो रात में पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाते हैं.'

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