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कर्नाटक के मंत्री ने कोरोना महामारी के बीच मानसिक स्वास्थ्य पर जोर दिया

दुनिया भर में आज यानि 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर देश के विभिन्न अस्पतालों में काउंसलिंग की सुविधा दी जा रही है. वहीं अवसाद, चिंता जैसी समस्याओं के रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

Karnataka Medical Education Minister K. Sudhakar
कर्नाटक के मेडिकल शिक्षा मंत्री के. सुधाकर
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Published : Oct 10, 2020, 5:08 PM IST

कोविड-19 महामारी के बीच लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उत्साहित करते हुए, कर्नाटक के मेडिकल शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने मानसिक समस्या से जूझ रहे लोगों को राज्य सरकार के अस्पतालों में काउंसलिंग कराने की सलाह दी. सुधाकर ने शनिवार को दुनिया भर में मनाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य दिवस से पहले शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य के जितना ही महत्वपूर्ण है, खासकर महामारी के दौरान. राज्य सरकार द्वारा राज्य भर के अस्पतालों में काउंसलिंग सुविधा प्रदान की जा रही है.'

पेशे से मेडिकल डॉक्टर सुधाकर ने कहा कि महामारी के दौरान अवसाद जैसी समस्या और आत्महत्या को रोकने के लिए और कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक जागरूकता लाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 7.5 प्रतिशत लोग मानसिक अवसाद के शिकार हैं. भारत में वैश्विक मानसिक बीमारी का 15 प्रतिशत हिस्सा है. एक सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष के अंत तक 20 प्रतिशत भारतीय मानसिक बीमारी से पीड़ित होंगे. इसलिए मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है.'

इस बात का जिक्र करते हुए कि राज्य के पास चुनौती से निपटने करने के लिए एक मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण है, मंत्री ने कहा कि 7.13 लाख लोगों ने राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध व्यक्तिगत परामर्श सुविधा का लाभ उठाया है.

कोविड-19 महामारी के बीच लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उत्साहित करते हुए, कर्नाटक के मेडिकल शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने मानसिक समस्या से जूझ रहे लोगों को राज्य सरकार के अस्पतालों में काउंसलिंग कराने की सलाह दी. सुधाकर ने शनिवार को दुनिया भर में मनाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य दिवस से पहले शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य के जितना ही महत्वपूर्ण है, खासकर महामारी के दौरान. राज्य सरकार द्वारा राज्य भर के अस्पतालों में काउंसलिंग सुविधा प्रदान की जा रही है.'

पेशे से मेडिकल डॉक्टर सुधाकर ने कहा कि महामारी के दौरान अवसाद जैसी समस्या और आत्महत्या को रोकने के लिए और कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक जागरूकता लाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 7.5 प्रतिशत लोग मानसिक अवसाद के शिकार हैं. भारत में वैश्विक मानसिक बीमारी का 15 प्रतिशत हिस्सा है. एक सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष के अंत तक 20 प्रतिशत भारतीय मानसिक बीमारी से पीड़ित होंगे. इसलिए मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है.'

इस बात का जिक्र करते हुए कि राज्य के पास चुनौती से निपटने करने के लिए एक मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण है, मंत्री ने कहा कि 7.13 लाख लोगों ने राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध व्यक्तिगत परामर्श सुविधा का लाभ उठाया है.

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