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H3N2 Virus : इस समय खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, सांस की बीमारी का प्रमुख कारण है ये वायरस, इलाज के दिशा-निर्देश जारी - cough not going away

ICMR के हालिया आंकड़े भी बताते हैं कि पिछले दो-तीन महीनों से एच3एन2 का व्यापक रूप से प्रकोप है. ICMR के मुताबिक, "यह उपप्रकार अन्य इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण प्रतीत होता है. h3n2 virus . h3n2 treatment . new virus in india . h3n2 india . Influenza A virus H3N2 symptoms . h3n2 virus symptoms .

influenza a h3n2 virus
इन्फ्लुएंजा ए वायरस
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Published : Mar 5, 2023, 7:12 AM IST

Updated : Mar 5, 2023, 11:56 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि इन्फ्लुएंजा ए उपप्रकार एच3एन2 देश में सांस संबंधी मौजूदा बीमारी का प्रमुख कारण है. आईसीएमआर ने कहा, "इन्फ्लुएंजा ए उपप्रकार एच3एन2 मौजूदा श्वसन बीमारी का प्रमुख कारण है. आईसीएमआर-डीएचआर (स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग) ने 30 वीआरएलडी (वायरल अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं) में पैन-रेस्पिरेटरी वायरस निगरानी प्रणाली स्थापित की है." Influenza A virus H3N2 symptoms . h3n2 virus symptoms . h3n2 virus .

आईसीएमआर के मुताबिक, गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के लिए भर्ती किए गए सभी रोगियों में से लगभग आधे, साथ ही साथ इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लिए बाहरी रोगियों का इलाज किया जा रहा है, उनमें Influenza A virus H3N2 ( इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 ) पाया गया है. आईसीएमआर ने कहा, "यह उपप्रकार अन्य इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण प्रतीत होता है. इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 के साथ अस्पताल में भर्ती किए गए रोगियों में लगभग 92 प्रतिशत को बुखार, 86 प्रतिशत को खांसी, 27 प्रतिशत को सांस फूलने और 16 प्रतिशत को घरघराहट की परेशानी थी. इसके अलावा, 16 प्रतिशत में निमोनिया के लक्षण थे और 6 प्रतिशत को अस्थमा का दौरा पड़ा था."

एच3एन2 के लक्षण : h3n2 virus symptoms
शीर्ष अनुसंधान निकाय ने यह भी कहा कि एच3एन2 वाले एसएआरआई के 10 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जबकि 7 प्रतिशत को आईसीयू जैसी देखभाल की जरूरत होती है. इस बीच, आईसीएमआर के हालिया आंकड़े भी बताते हैं कि पिछले दो-तीन महीनों से एच3एन2 का व्यापक रूप से प्रकोप है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा, "कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी गई है. बुखार तीन दिनों के अंत में दूर हो जाता है, जबकि खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है."

एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत नहीं !
इसके अलावा, आईएमए ने कहा कि मामले आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों में देखे जाते हैं. कुछ लोग बुखार के साथ ऊपरी श्वसन संक्रमण की भी रिपोर्ट कर रहे हैं. 'वायु प्रदूषण' भी इसका एक कारक है. आईएमए ने चिकित्सकों को केवल रोगसूचक उपचार देने की सलाह दी, क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं की कोई जरूरत नहीं है. आईएमए ने बताया कि लोगों ने खुराक और बारंबारता की परवाह किए बिना ऐथरेसिन और एमोक्सिक्लेव आदि एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर दिया है और एक बार जब वे बेहतर महसूस करने लगते हैं तो बंद कर देते हैं. उन्होंने कहा, "इसे रोकने की जरूरत है, क्योंकि यह एंटीबायोटिक प्रतिरोध की ओर जाता है."

आईएमए ने लिखा, "जब भी एंटीबायोटिक दवाओं का वास्तविक उपयोग होगा, वे प्रतिरोध के कारण काम नहीं करेंगे." चिकित्सा संघ ने भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, अच्छे हाथ और श्वसन स्वच्छता प्रथाओं के साथ-साथ फ्लू के टीकाकरण की सलाह दी. सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स के प्रोफेसर हर्षल आर. साल्वे ने कहा कि फ्लू वायरस का प्रकोप जलवायु परिस्थितियों के कारण के बढ़ रहा है. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, "सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में स्थापित तंत्र के माध्यम से सीरोलॉजिकल निगरानी वायरस के सीरोटाइप और इसके स्थानिक को निर्धारित करने के लिए जरूरी है."

चाणक्यपुरी स्थित प्राइमस अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि अस्थमा के रोगियों और फेफड़ों के गंभीर संक्रमण वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. डॉक्टरों ने कहा कि बुजुर्गो, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है. इसलिए, उन्हें बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. डॉ. छाबड़ा ने कहा, "अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों वाले रोगियों को ऐसे मौसम परिवर्तन के दौरान ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है, क्योंकि यह गंभीर श्वसन संबंधी समस्याओं और अस्थमा के दौरे को बढ़ा सकता है." h3n2 virus . h3n2 treatment . new virus in india . h3n2 india . Influenza A virus H3N2 symptoms . h3n2 virus symptoms . h3n2 influenza . influenza h3n2 . spring influenza symptoms . h3n2 flu symptoms . Influenza A virus H3N2 . Influenza A virus subtype H3N2

(आईएएनएस)

(This is an agency copy and has not been edited by ETV India.)

Human Avian Influenza- इन लक्षणों से रहें सावधान, देश-विदेश में लगातार बढ़ रहे मामले

नई दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि इन्फ्लुएंजा ए उपप्रकार एच3एन2 देश में सांस संबंधी मौजूदा बीमारी का प्रमुख कारण है. आईसीएमआर ने कहा, "इन्फ्लुएंजा ए उपप्रकार एच3एन2 मौजूदा श्वसन बीमारी का प्रमुख कारण है. आईसीएमआर-डीएचआर (स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग) ने 30 वीआरएलडी (वायरल अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं) में पैन-रेस्पिरेटरी वायरस निगरानी प्रणाली स्थापित की है." Influenza A virus H3N2 symptoms . h3n2 virus symptoms . h3n2 virus .

आईसीएमआर के मुताबिक, गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के लिए भर्ती किए गए सभी रोगियों में से लगभग आधे, साथ ही साथ इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लिए बाहरी रोगियों का इलाज किया जा रहा है, उनमें Influenza A virus H3N2 ( इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 ) पाया गया है. आईसीएमआर ने कहा, "यह उपप्रकार अन्य इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण प्रतीत होता है. इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 के साथ अस्पताल में भर्ती किए गए रोगियों में लगभग 92 प्रतिशत को बुखार, 86 प्रतिशत को खांसी, 27 प्रतिशत को सांस फूलने और 16 प्रतिशत को घरघराहट की परेशानी थी. इसके अलावा, 16 प्रतिशत में निमोनिया के लक्षण थे और 6 प्रतिशत को अस्थमा का दौरा पड़ा था."

एच3एन2 के लक्षण : h3n2 virus symptoms
शीर्ष अनुसंधान निकाय ने यह भी कहा कि एच3एन2 वाले एसएआरआई के 10 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जबकि 7 प्रतिशत को आईसीयू जैसी देखभाल की जरूरत होती है. इस बीच, आईसीएमआर के हालिया आंकड़े भी बताते हैं कि पिछले दो-तीन महीनों से एच3एन2 का व्यापक रूप से प्रकोप है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा, "कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी गई है. बुखार तीन दिनों के अंत में दूर हो जाता है, जबकि खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है."

एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत नहीं !
इसके अलावा, आईएमए ने कहा कि मामले आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों में देखे जाते हैं. कुछ लोग बुखार के साथ ऊपरी श्वसन संक्रमण की भी रिपोर्ट कर रहे हैं. 'वायु प्रदूषण' भी इसका एक कारक है. आईएमए ने चिकित्सकों को केवल रोगसूचक उपचार देने की सलाह दी, क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं की कोई जरूरत नहीं है. आईएमए ने बताया कि लोगों ने खुराक और बारंबारता की परवाह किए बिना ऐथरेसिन और एमोक्सिक्लेव आदि एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर दिया है और एक बार जब वे बेहतर महसूस करने लगते हैं तो बंद कर देते हैं. उन्होंने कहा, "इसे रोकने की जरूरत है, क्योंकि यह एंटीबायोटिक प्रतिरोध की ओर जाता है."

आईएमए ने लिखा, "जब भी एंटीबायोटिक दवाओं का वास्तविक उपयोग होगा, वे प्रतिरोध के कारण काम नहीं करेंगे." चिकित्सा संघ ने भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, अच्छे हाथ और श्वसन स्वच्छता प्रथाओं के साथ-साथ फ्लू के टीकाकरण की सलाह दी. सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स के प्रोफेसर हर्षल आर. साल्वे ने कहा कि फ्लू वायरस का प्रकोप जलवायु परिस्थितियों के कारण के बढ़ रहा है. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, "सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में स्थापित तंत्र के माध्यम से सीरोलॉजिकल निगरानी वायरस के सीरोटाइप और इसके स्थानिक को निर्धारित करने के लिए जरूरी है."

चाणक्यपुरी स्थित प्राइमस अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि अस्थमा के रोगियों और फेफड़ों के गंभीर संक्रमण वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. डॉक्टरों ने कहा कि बुजुर्गो, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है. इसलिए, उन्हें बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. डॉ. छाबड़ा ने कहा, "अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों वाले रोगियों को ऐसे मौसम परिवर्तन के दौरान ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है, क्योंकि यह गंभीर श्वसन संबंधी समस्याओं और अस्थमा के दौरे को बढ़ा सकता है." h3n2 virus . h3n2 treatment . new virus in india . h3n2 india . Influenza A virus H3N2 symptoms . h3n2 virus symptoms . h3n2 influenza . influenza h3n2 . spring influenza symptoms . h3n2 flu symptoms . Influenza A virus H3N2 . Influenza A virus subtype H3N2

(आईएएनएस)

(This is an agency copy and has not been edited by ETV India.)

Human Avian Influenza- इन लक्षणों से रहें सावधान, देश-विदेश में लगातार बढ़ रहे मामले

Last Updated : Mar 5, 2023, 11:56 AM IST
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