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कंधों को मजबूत बनाएंगे ये व्यायाम - easy shoulder exercises

कंधों की मांसपेशियों में कमजोरी या समस्या पूरे शरीर में दर्द तथा असहजता का कारण बन सकती है. इसलिए बहुत जरूरी है कि कंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित प्रयास किए जाए. इस कार्य में सही पॉशचर के साथ साथ कुछ विशेष व्यायामों का नियमित अभ्यास काफी फायदेमंद हो सकता है.

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कंधों को मजबूत बनाएंगे ये व्यायाम
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Published : Feb 18, 2022, 2:29 PM IST

मजबूत व सुडौल कंधे ना सिर्फ देखने में आकर्षक लगते हैं, बल्कि शरीर को कई तरह के दर्द व समस्याओं से भी दूर रखते हैं. महिला हो या पुरुष यदि उनके कंधे मजबूत ना हो तथा पॉशचर में खराबी या मांसपेशियों में कमजोरी के चलते ज्यादातर समय ढीले या लटके हुए रहते हों तो ना सिर्फ उनकी शारीरिक बनावट देखने में अजीब लगती है बल्कि उन्हे कंधों के साथ ही गर्दन, पीठ तथा सिर दर्द का भी शिकार होना पड़ सकता है.

शरीर की सभी मांसपेशियों को दुरुस्त रखने के लिए अच्छे और पौष्टिक आहार के साथ साथ नियमित व्यायाम भी जरूरी होता है. इंदौर के फिटनेस इंस्ट्रक्टर व बॉडी बिल्डर जोरावर सिंह बताते हैं आमतौर पर लोगों को लगता है कि सिर्फ खिलाड़ियों या ऐसे लोग जो मॉडलिंग तथा बॉडी बिल्डिंग जैसे व्यवसाय का हिस्सा होते हैं या नियमित जिम जाते हैं, उन्हे अपनी शारीरिक बनावट को बेहतर तथा कंधों को ज्यादा सुडौल बनाने के लिए कंधों के व्यायाम की जरूरत होती है. लेकिन कंधों की मजबूती हर महिला व पुरुष के लिए जरूरी होती है क्योंकि इनमें समस्या का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. वह बताते हैं कि व्यायाम के साथ ही बहुत जरूरी है कि हमारे शरीर का पॉशचर भी दुरुस्त रहे, क्योंकि ज्यादातर कंधों में दर्द या अन्य समस्याओं के लिए खराब पॉशचर तथा उठने, बैठने व चलने का गलत तरीका जिम्मेदार होता है, क्योंकि इससे हमारे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है.

कंधों के लिए व्यायाम

अपने विशेषज्ञ की सलाह पर ETV भारत अपने पाठकों के साथ कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार कुछ ऐसी सामान्य, सरल लेकिन बेहद फायदेमंद स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज तथा अन्य व्यायामों के बारें में जानकारी साँझा कर रहा है जिसे लगभग हर उम्र के महिला तथा पुरुष आराम से कर सकते हैं.

लो बैक हैंड क्लस्प

  • इस स्ट्रेच को करने के लिए पहले हाथों को अपनी पीठ के पीछे ले आएं.
  • अब हथेलियों तथा उंगलियों को आपस में मिला लें.
  • ध्यान रहें कि हाथ पीठ के निचले हिस्से से जुड़े हों तथा दोनों हाथों की उँगलियाँ आपस में गुथी हुई हों.
  • अब इसी अवस्था में कंधे को पीछे की तरफ खींचने का प्रयास करें. इस मुद्रा में कम से कम 10 सेकंड रुकने का प्रयास करें.

शोल्डर रोल

  • इस स्ट्रेच को खड़े होकर तथा बैठकर दोनों तरह से किया जा सकता है.
  • इस स्ट्रेच को करने के लिए रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए खड़े रहें या बैठ जाएं.
  • अब अपने कंधों को पहले ऊपर से पीछे की ओर ले जाते हुए नीचे की तरफ से गोलाई में घुमाएं.
  • इस प्रक्रिया को 10 बार करें.
  • अब अपने कंधों को पीछे से आगे की ओर ले जाते हुए अभ्यास दोहराएं.
  • इस प्रक्रिया को भी 10 बार दोहराएं.

बैंड पुल अपार्ट्स

  • सबसे पहले सीधी तथा आरामदायक मुद्रा में खड़े हो जाएं तथा हाथों को आगे की तरफ कंधों के बिल्कुल सामने की दिशा में रखें.
  • अब अपने हाथों में बडा व मजबूत बैंड ले लें.
  • अब बैंड को दोनों हाथों में पकड़ते हुए विपरीत दिशाओं में खींचने का प्रयास करें.
  • लगभग 10 सेकेंड तक इस अवस्था में रहने का प्रयास करें.
  • व्यायाम करते समय ज्यादा सावधानी बरतें क्योंकि ऐसा ना करने पर हाथों या चेहरे को रबर बैंड से चोट लग सकती है. यदि संभव हो तो यह स्ट्रेच करते समय हाथों में दास्तानें पहने तथा जितना संभव हो हाथों को चेहरे से दूर रखें.

अपराईट व्यायाम

  • इस व्यायाम में सबसे पहले खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें.
  • अब दोनों हाथों से डम्बल या 5 किलो तक के वजन वाली वस्तु उठा लें.
  • अब अपनी कोहनियों को मोड़ते हुए और गहरी सांस लेते हुए, हाथों को अपने कंधे की तरफ ले जाएं. ध्यान रहे कि इस दौरान आपके हाथ का कोहनी से ऊपर का भाग आपकी छाती के बिल्कुल पास हो.
  • अब सांस छोड़ते हुए हाथों को पुनः नीचे ले आएं .
  • इस व्यायाम को एक बार में 15 के सेट में करें .

रिवर्स स्नो ऐंजल

  • सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाएं.
  • अपने सिर के नीचे एक तौलिए रख लें.
  • अब हाथों को सामने की ओर सीधा रखें.
  • फिर लंबी सांस लेते हुए उन्हे कंधों से घूमाते हुए कूल्हे की ओर ले जाएं. फिर सांस छोड़ते हुए उन्हें वापस आगे की ओर ले आएं
  • इस प्रक्रिया से एक बार में 12 से 15 बार करने की कोशिश करें.

जोरावर सिंह बताते हैं कि कोई भी तथा किसी भी प्रकार का व्यायाम निसन्देह शरीर को मजबूती देता है तथा दर्द को होने व बढ़ने से रोकता है . लेकिन दर्द के इलाज के लिए सिर्फ व्यायाम का अभ्यास पूर्ण उपचार नहीं है. यदि कंधों में अकड़न , दर्द या कंधों के हिलने में ज्यादा समस्या महसूस होने लगे तो चिकित्सक से परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है.

पढ़ें: शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं और रहे रोगों से दूर

मजबूत व सुडौल कंधे ना सिर्फ देखने में आकर्षक लगते हैं, बल्कि शरीर को कई तरह के दर्द व समस्याओं से भी दूर रखते हैं. महिला हो या पुरुष यदि उनके कंधे मजबूत ना हो तथा पॉशचर में खराबी या मांसपेशियों में कमजोरी के चलते ज्यादातर समय ढीले या लटके हुए रहते हों तो ना सिर्फ उनकी शारीरिक बनावट देखने में अजीब लगती है बल्कि उन्हे कंधों के साथ ही गर्दन, पीठ तथा सिर दर्द का भी शिकार होना पड़ सकता है.

शरीर की सभी मांसपेशियों को दुरुस्त रखने के लिए अच्छे और पौष्टिक आहार के साथ साथ नियमित व्यायाम भी जरूरी होता है. इंदौर के फिटनेस इंस्ट्रक्टर व बॉडी बिल्डर जोरावर सिंह बताते हैं आमतौर पर लोगों को लगता है कि सिर्फ खिलाड़ियों या ऐसे लोग जो मॉडलिंग तथा बॉडी बिल्डिंग जैसे व्यवसाय का हिस्सा होते हैं या नियमित जिम जाते हैं, उन्हे अपनी शारीरिक बनावट को बेहतर तथा कंधों को ज्यादा सुडौल बनाने के लिए कंधों के व्यायाम की जरूरत होती है. लेकिन कंधों की मजबूती हर महिला व पुरुष के लिए जरूरी होती है क्योंकि इनमें समस्या का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. वह बताते हैं कि व्यायाम के साथ ही बहुत जरूरी है कि हमारे शरीर का पॉशचर भी दुरुस्त रहे, क्योंकि ज्यादातर कंधों में दर्द या अन्य समस्याओं के लिए खराब पॉशचर तथा उठने, बैठने व चलने का गलत तरीका जिम्मेदार होता है, क्योंकि इससे हमारे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है.

कंधों के लिए व्यायाम

अपने विशेषज्ञ की सलाह पर ETV भारत अपने पाठकों के साथ कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार कुछ ऐसी सामान्य, सरल लेकिन बेहद फायदेमंद स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज तथा अन्य व्यायामों के बारें में जानकारी साँझा कर रहा है जिसे लगभग हर उम्र के महिला तथा पुरुष आराम से कर सकते हैं.

लो बैक हैंड क्लस्प

  • इस स्ट्रेच को करने के लिए पहले हाथों को अपनी पीठ के पीछे ले आएं.
  • अब हथेलियों तथा उंगलियों को आपस में मिला लें.
  • ध्यान रहें कि हाथ पीठ के निचले हिस्से से जुड़े हों तथा दोनों हाथों की उँगलियाँ आपस में गुथी हुई हों.
  • अब इसी अवस्था में कंधे को पीछे की तरफ खींचने का प्रयास करें. इस मुद्रा में कम से कम 10 सेकंड रुकने का प्रयास करें.

शोल्डर रोल

  • इस स्ट्रेच को खड़े होकर तथा बैठकर दोनों तरह से किया जा सकता है.
  • इस स्ट्रेच को करने के लिए रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए खड़े रहें या बैठ जाएं.
  • अब अपने कंधों को पहले ऊपर से पीछे की ओर ले जाते हुए नीचे की तरफ से गोलाई में घुमाएं.
  • इस प्रक्रिया को 10 बार करें.
  • अब अपने कंधों को पीछे से आगे की ओर ले जाते हुए अभ्यास दोहराएं.
  • इस प्रक्रिया को भी 10 बार दोहराएं.

बैंड पुल अपार्ट्स

  • सबसे पहले सीधी तथा आरामदायक मुद्रा में खड़े हो जाएं तथा हाथों को आगे की तरफ कंधों के बिल्कुल सामने की दिशा में रखें.
  • अब अपने हाथों में बडा व मजबूत बैंड ले लें.
  • अब बैंड को दोनों हाथों में पकड़ते हुए विपरीत दिशाओं में खींचने का प्रयास करें.
  • लगभग 10 सेकेंड तक इस अवस्था में रहने का प्रयास करें.
  • व्यायाम करते समय ज्यादा सावधानी बरतें क्योंकि ऐसा ना करने पर हाथों या चेहरे को रबर बैंड से चोट लग सकती है. यदि संभव हो तो यह स्ट्रेच करते समय हाथों में दास्तानें पहने तथा जितना संभव हो हाथों को चेहरे से दूर रखें.

अपराईट व्यायाम

  • इस व्यायाम में सबसे पहले खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें.
  • अब दोनों हाथों से डम्बल या 5 किलो तक के वजन वाली वस्तु उठा लें.
  • अब अपनी कोहनियों को मोड़ते हुए और गहरी सांस लेते हुए, हाथों को अपने कंधे की तरफ ले जाएं. ध्यान रहे कि इस दौरान आपके हाथ का कोहनी से ऊपर का भाग आपकी छाती के बिल्कुल पास हो.
  • अब सांस छोड़ते हुए हाथों को पुनः नीचे ले आएं .
  • इस व्यायाम को एक बार में 15 के सेट में करें .

रिवर्स स्नो ऐंजल

  • सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाएं.
  • अपने सिर के नीचे एक तौलिए रख लें.
  • अब हाथों को सामने की ओर सीधा रखें.
  • फिर लंबी सांस लेते हुए उन्हे कंधों से घूमाते हुए कूल्हे की ओर ले जाएं. फिर सांस छोड़ते हुए उन्हें वापस आगे की ओर ले आएं
  • इस प्रक्रिया से एक बार में 12 से 15 बार करने की कोशिश करें.

जोरावर सिंह बताते हैं कि कोई भी तथा किसी भी प्रकार का व्यायाम निसन्देह शरीर को मजबूती देता है तथा दर्द को होने व बढ़ने से रोकता है . लेकिन दर्द के इलाज के लिए सिर्फ व्यायाम का अभ्यास पूर्ण उपचार नहीं है. यदि कंधों में अकड़न , दर्द या कंधों के हिलने में ज्यादा समस्या महसूस होने लगे तो चिकित्सक से परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है.

पढ़ें: शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं और रहे रोगों से दूर

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