तीव्र सुगंध वाली लौंग हमारी रसोई में मिलने वाला वह खड़ा मसाला है जिसमें औषधीय गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यही नही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर कई तरह के दर्द व रोगों में लौंग का सेवन काफी लाभकारी माना जाता है. एलोपैथी हो, नेचुरोपैथी हो, आयुर्वेद हो या घरेलू नुस्खे, सभी में लौंग के औषधीय गुणों को जाना और माना जाता है.
कुछ सालों पूर्व अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय (University of Buenos Aires in Argentina) में हुए एक शोध में सामने आया था कि लौंग का तेल ईकोलाई और स्टेफिलोकोक्कस जैसे संक्रमणों के बैक्टीरिया (Bacteria of infections like E coli and Staphylococcus) को खत्म करने में काफी कारगर साबित हो सकता है. शोध में बताया गया था सिर्फ लौंग का तेल (Clove oil) ही नही बल्कि लौंग की कली (Clove bud) भी सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है. चिकित्सक और जानकार भी मानते हैं कि लौंग में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को कई प्रकार के रोगों व दर्द से राहत दिलाने की क्षमता तो रखते ही हैं साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Body immunity System improve) को भी मजबूत बनाते हैं.
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सिर्फ आयुर्वेद में ही नही बल्कि मॉर्डन एलोपैथी में भी लौंग को काफी गुणकारी माना जाता है. जानकारों के अनुसार लौंग पॉलिफिनॉल्स के खास स्त्रोतों में से एक मानी जाती है. पॉलिफिनॉल्स (Polyphenols) दरअसल पौधों से मिलने वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (micronutrients) होते हैं, जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं. इसमें ब्रोंकोडाइलेटर तथा इम्यूनोमोड्यूलेटरी (Bronchodilator and Immunomodulatory) गुण भी पाए जाते हैं जो श्वसन व फेफड़ों संबंधी समस्याओं में राहत दिला सकते हैं. वहीं लौंग में एंटीऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक कंपोनेंट तथा एंटीबैक्टीरियल गुण (antioxidant, analgesic component and antibacterial properties) भी होते हैं .
पोषक तत्वों की बात करें तो विभिन्न वेबसाइट्स पर उपलब्ध डेटा के अनुसार लौंग में विटामिन बी1, बी2, बी4, बी6, बी9, विटामिन-सी, बीटा कैरोटीन, विटामिन-के, प्रोटीन, जींक, सेलेनियम, राइबोफ्लेविन, कॉपर, नियासिन, फोलेट, थियामिन, कार्बोहाइड्रेट तथा फाइबर समेत (vitamin B1, B2, B4, B6, B9, vitamin C, beta-carotene, vitamin K, protein, zinc, selenium, riboflavin, copper, niacin, folate. Other nutrients, including thiamin, carbohydrates and fiber) अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं.
आयुर्वेद में लौंग के फायदे व नुकसान: भोपाल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश शर्मा (Dr Rajesh Sharma Ayurvedic doctor Bhopal) बताते हैं कि लौंग की तासीर गरम होती है तथा इसके सेवन से कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं. इसके अलावा नियंत्रित मात्रा में इसके सेवन से भूख बढ़ती है, पेट की गैस, उल्टी-मतली, रक्त विकार, श्वसन व फेफड़ों की बीमारी, टीबी, दांतों व मसूड़ों से संबंधित समस्याओं तथा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य से (stomach gas, vomiting-nausea, blood disorders, respiratory and lung diseases, tuberculosis, problems related to teeth and gums and many problems related to sexual health of men) संबंधित कई समस्यायों में भी राहत मिलती है.
डॉ राजेश (Dr. Rajesh) बताते हैं कि लौंग का इस्तेमाल काफी नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए. जैसे लौंग का ज्यादा सेवन करने से खून पतला हो सकता है. ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से किडनी और लीवर को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं शरीर में एलर्जी होने का खतरा भी हो सकता है. हमारे विशेषज्ञ के अनुसार नियंत्रित मात्रा में लौंग के सेवन से सेहत पर कई तरह फायदे नजर आ सकते हैं. लौंग के फायदे कुछ इस प्रकार हैं .
- किडनी को स्वस्थ रखने में तथा मूत्र संबंधी विकारों को दूर करने में मदद करता है.
- लौंग का तेल मुंह में पीरियडोंटल पैथोजन जैसे बैक्टीरिया से बचाव में सक्षम होता है. जिन्हे मसूड़ों में संक्रमण का कारण माना जाता हैं.
- इसमें यूजिनॉल नामक तत्व पाया जाता है जो दांतो को प्लाक और कैरेज से बचाने तथा दांतों व मसूड़ों में दर्द को कम करने में फायदेमंद होता है. यह साइनस (sinus) से राहत दिलाने में भी लाभकारी होता है. साथ ही कई प्रकार की शारीरिक व त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाने में सक्षम होता है.
- लौंग में चूंकि एंटी इंफ्लेमेटरी (Antiinflammatory properties) गुण पाए जाते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल सर्दी और खांसी जैसे संक्रमण के प्रभाव को कम करने में भी फायदेमंद होता है.
- सही मात्रा में लौंग के सेवन से पेट का फूलना, अपच, डायरिया, कब्ज, गैस तथा भूख ना लगने जैसी पाचन संबंधी समस्याओं (digestive problems like flatulence, indigestion, diarrhea, constipation, gas and loss of appetite) में राहत मिलती है. वहीं लौंग के सेवन से हमारे शरीर के एंजाइम उत्तेजित हो जाते हैं, जिससे पाचन तंत्र तथा आंतों का स्वास्थ्य बना रहता है.
- लौंग के सेवन से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता मिलती है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती हैं.
- लौंग के सेवन से मुंह व सांसों की दुर्गंध कम होती है.
- लौंग के तेल में एंटी-माइक्रोबियल (Antimicrobial properties) गुण पाए जाते हैं. जो त्वचा को कील-मुंहासों जैसी समस्याओं में राहत दिलाते हैं.
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