लखनऊ : इससे पहले कि आपका हार्ट फेलियर हो जाए, यह आपको आने वाले खतरे के बारे में आगाह करता है और कई संकेत भेजता है. इन संकेतों को समझना जरूरी है. हार्ट स्पेशलिस्ट के अनुसार, लोग अक्सर जीवन में थोड़ी सी थकान और पैरों में सूजन को नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए.
मेदांता अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नकुल सिन्हा ने कहा: 'यह आपके दिल द्वारा भेजे जा रहे संकेतों पर प्रतिक्रिया करने का एक गलत तरीका है जो आपको यह एहसास कराता है कि यह मुसीबत में है. हम अक्सर ऐसे बयान सुनते हैं. शरीर में कई प्रकार की असमान्य परेशानी को हम गंभीरता से नहीं लेते हैं, जो गलत है.'
उन्होंने कहा: 'थकान, सांस फूलना, सामान्य व्यक्तिगत और व्यावसायिक काम करने में असमर्थता, बिना कारण वजन बढ़ना, पैरों में सूजन, ये सभी आपके दिल की परेशानी के शुरुआती लक्षण हैं. ऐसे किसी भी लक्षण को पढ़ने और उस पर कार्रवाई करने का प्रयास करें. कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है लेकिन दिल में परेशानी धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआती चरण में ही इसका पता लगाया जा सकता है.
एक अन्य प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मंसूर हसन ने कहा; 'कंजेस्टिव हृदय विफलता या दिल की विफलता एक ऐसी स्थिति है जहां हृदय रक्त को उतनी कुशलता से पंप करने में असमर्थ होता है, जितनी उसे करना चाहिए. कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का अब कोई विशिष्ट लक्षण नहीं है और इसलिए यदि आपके पास ऐसे कोई लक्षण हैं जो आपको कई दिनों या हफ्तों से परेशान कर रहे हैं तो डॉक्टर से अविलंब संपर्क करें. अपना अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा, 'दस साल पहले मुझे सीने में दर्द हुआ था. दर्द के एक घंटे के भीतर ही मुझे स्टेंट लगा और मैं 86 साल की उम्र में आपके सामने हूं.'
डॉक्टरों ने कहा कि हृदय संबंधी समस्याओं का शीघ्र निदान और उपचार खुद को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है. डॉ. सिन्हा ने कहा कि हृदय संबंधी समस्याओं की पहचान करना उपचार का सबसे पहला चरण है, जो काफी प्रभावी होता है. जबकि दूसरे और तीसेर चरण की जटिलताएं अधिक चुनौतियां पैदा करती हैं. उन्होंने कहा, पहले, 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अस्पताल में भर्ती होने का एक प्रमुख कारण हार्ट अटैक या कहें फेल्योर होना.
इन सबों के पीछे मुख्य कारण गलत जीवन शैली, प्रदूषण और तनाव के कारण है. 60 या 65 वर्ष से कम उम्र के लोगों को भी हार्ट फेलियर का अनुभव कर रहे हैं.
(इनपुट आईएएनएस)