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मानसून में हरी सब्जियों को कहें ना!

मानसून के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस मौसम में हरी सब्जियों में कीड़े और बैक्टीरिया अपना घर बना लेती है, जिसे खाने से पेट संबंधी समस्या जैसे अपच, उल्टी, दस्त आदि हो जाती हैं . इसलिए बरसात के दिनों में हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें.

green leafy vegetable
हरी पत्तेदार सब्जियां
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Published : Jul 17, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Jul 18, 2020, 9:53 AM IST

हरी सब्जियां सेहत के लिए बहुत लाभदायक होती है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये हरी पत्तेदार सब्जियां मानसून में विपरीत प्रभाव डाल सकती है. मानसून के साथ ही मौसमी बीमारियों का भी आगमन होता है. इस दौरान व्यक्ति की प्रतिरक्षा कम हो जाती है, जिसकी वजह से शरीर में बीमारियां घर कर लेती हैं . इसलिए बरसात में लोगों को अपनी सेहत के साथ-साथ खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.

मौसम के अनुसार खानपान में बदलाव किया जाता है. लेकिन बरसात में खानपान पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. इस मौसम में हरी और पत्तेदार सब्जियों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. तो चलिए जानते है कि बरसात में हरी सब्जियों के सेवन से हमें क्यों बचना चाहिए.

1. कीड़े और बैक्टीरिया

इस मौसम में हरी सब्जियों में अधिक मात्रा में कीड़े-मकोड़े पनपते है और अपना घर बना लेते है. कीड़े और बैक्टीरिया सूक्ष्म होते है, जिसकी वजह से दिखाई नहीं देते है. इसके सेवन से मौसमी बीमारी की संभावनाएं बढ़ जाती है.

2. साफ नहीं होती

बरसात के दिनों में हरी सब्जियां ठीक से धुलते नहीं है, जिसकी वजह से पूरी गंदगी नहीं निकलती. इससे पेट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके लिए हरी सब्जियों को गर्म पानी में धोएं और फिर पकाएं.

3. दलदल में उगते है

ज्यादातर हरी सब्जियां दलदल या नाले के किनारे बरसाती पानी में उगते है. इससे बैक्टीरिया पनपता है और इसके सेवन से पाचन प्रणाली पर सीधा करता है. जिससे उल्टी, दस्त जैसी समस्या सामना आती है.

4. नहीं मिलती धूप

बरसात में फल, सब्जियों को ठीक तरीके से सूरज की रोशनी नहीं मिल पाती. इससे हरी पत्तेदार सब्जियों में होने वाले कीड़े वहीं रह जाते है और संक्रमण बढ़ने लगता है. इससे कोलेरा, दस्त, टाइफॉइड आदि की समस्या होती है.

5. मेटाबॉलिज्म होता है प्रभावित

इस मौसम में मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है. इस दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखें. तैलीय, मसालेदार, अधपका और पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें. इससे अपच, उल्टी आदि होने का खतरा बढ़ जाता है.

6. शरीर में बढ़ाता है पित्त

मानसून में शरीर में वात और पित्त दोष बढ़ जाता है. खट्टी चीजें जैसे टमाटर, इमली, आचार और हरी सब्जियां पित्त बनाते है. इसके साथ ही दुग्ध पदार्थों के सेवन से भी बचें, ये शरीर में वात दोष को बढ़ाता है. तला और मसालेदार खाना खाने से अपच और पाचन संबंधी समस्या सामने आती है.

बरसात के मौसम में पेट से जुड़ी समस्याएं अधिक होती है. हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से पेट में संक्रमण बढ़ जाता है. इसके कारण अपच, पेट फूलना, पेट दर्द, उल्टियां, बुखार आदि होने का खतरा बना रहता है. अगर आपको इस मौसम में हरी सब्जियां खानी है, तो उसे गर्म या फिटकरी के पानी से साफ करें. उसके बाद उसे अच्छी तरह से पका लें और सेवन करें.

हरी सब्जियां सेहत के लिए बहुत लाभदायक होती है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये हरी पत्तेदार सब्जियां मानसून में विपरीत प्रभाव डाल सकती है. मानसून के साथ ही मौसमी बीमारियों का भी आगमन होता है. इस दौरान व्यक्ति की प्रतिरक्षा कम हो जाती है, जिसकी वजह से शरीर में बीमारियां घर कर लेती हैं . इसलिए बरसात में लोगों को अपनी सेहत के साथ-साथ खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.

मौसम के अनुसार खानपान में बदलाव किया जाता है. लेकिन बरसात में खानपान पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. इस मौसम में हरी और पत्तेदार सब्जियों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. तो चलिए जानते है कि बरसात में हरी सब्जियों के सेवन से हमें क्यों बचना चाहिए.

1. कीड़े और बैक्टीरिया

इस मौसम में हरी सब्जियों में अधिक मात्रा में कीड़े-मकोड़े पनपते है और अपना घर बना लेते है. कीड़े और बैक्टीरिया सूक्ष्म होते है, जिसकी वजह से दिखाई नहीं देते है. इसके सेवन से मौसमी बीमारी की संभावनाएं बढ़ जाती है.

2. साफ नहीं होती

बरसात के दिनों में हरी सब्जियां ठीक से धुलते नहीं है, जिसकी वजह से पूरी गंदगी नहीं निकलती. इससे पेट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके लिए हरी सब्जियों को गर्म पानी में धोएं और फिर पकाएं.

3. दलदल में उगते है

ज्यादातर हरी सब्जियां दलदल या नाले के किनारे बरसाती पानी में उगते है. इससे बैक्टीरिया पनपता है और इसके सेवन से पाचन प्रणाली पर सीधा करता है. जिससे उल्टी, दस्त जैसी समस्या सामना आती है.

4. नहीं मिलती धूप

बरसात में फल, सब्जियों को ठीक तरीके से सूरज की रोशनी नहीं मिल पाती. इससे हरी पत्तेदार सब्जियों में होने वाले कीड़े वहीं रह जाते है और संक्रमण बढ़ने लगता है. इससे कोलेरा, दस्त, टाइफॉइड आदि की समस्या होती है.

5. मेटाबॉलिज्म होता है प्रभावित

इस मौसम में मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है. इस दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखें. तैलीय, मसालेदार, अधपका और पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें. इससे अपच, उल्टी आदि होने का खतरा बढ़ जाता है.

6. शरीर में बढ़ाता है पित्त

मानसून में शरीर में वात और पित्त दोष बढ़ जाता है. खट्टी चीजें जैसे टमाटर, इमली, आचार और हरी सब्जियां पित्त बनाते है. इसके साथ ही दुग्ध पदार्थों के सेवन से भी बचें, ये शरीर में वात दोष को बढ़ाता है. तला और मसालेदार खाना खाने से अपच और पाचन संबंधी समस्या सामने आती है.

बरसात के मौसम में पेट से जुड़ी समस्याएं अधिक होती है. हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से पेट में संक्रमण बढ़ जाता है. इसके कारण अपच, पेट फूलना, पेट दर्द, उल्टियां, बुखार आदि होने का खतरा बना रहता है. अगर आपको इस मौसम में हरी सब्जियां खानी है, तो उसे गर्म या फिटकरी के पानी से साफ करें. उसके बाद उसे अच्छी तरह से पका लें और सेवन करें.

Last Updated : Jul 18, 2020, 9:53 AM IST
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