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Cow Shelter Closed: बसई दारापुर में गाय का तबेला बंद, वेस्ट जोन DC की कार्रवाई - डीसी की कार्रवाई से स्थानीय लोग खुश

वेस्ट जोन के डीसी कुमार अभिषेक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसई दारापुर इलाके में गायों के तबेले को बंद करने का आदेश दिया है. वहीं डीसी के इस कार्रवाई से स्थानीय लोग काफी खुश हैं.

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Published : Mar 3, 2023, 1:20 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी का शायद ही कोई ऐसा इलाका होगा, जहां सड़क पर गाय घूमती ना नजर आती हो. इतना ही नहीं इन गायों की वजह से कई बार हादसे भी हुए हैं और लोगों की जानें भी गई हैं. अब इस मामले में वेस्ट जोन के डीसी कुमार अभिषेक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसई दारापुर इलाके में गायों के ऐसे ही बसेरे को बंद करवा दिया है.

डीसी की कार्रवाई से स्थानीय लोग खुश: दरअसल डीडीए की कई एकड़ जमीन पर पिछले कई सालों से गाय का तबेला बना हुआ था. कॉलोनी के बीचों-बीच बने इस तबेले के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. गायों को रखने वाले अक्सर सुबह-सुबह दूध निकालने के बाद उसे छोड़ देते थे और वह सड़कों पर इधर-उधर पूरे इलाके में घूमा करती थीं. पिछले दिनों इलाके के डीसी को इस मामले की जानकारी मिली. उसके बाद उन्होंने इलाके का राउंड लिया तो हालात सामने आ गए.

उन्होंने फौरन उस जगह की घेराबंदी करवा दी, जहां अवैध रूप से गायों को रखा जा रहा था. साथ ही अधिकारियों को इस मामले में कोई ढिलाई नहीं करने के सख्त निर्देश दिए हैं. पिछले दिनों एमसीडी ने अवैध रूप से घूमने वाली गाय के मालिकों पर एफआईआर करने की योजना पर विचार करने की बात कही थी. हालांकि अभी तक उस योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है, जिसके कारण अधिकतर इलाकों में समस्या जस की तस बनी हुई है.

इस मामले में एमसीडी अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया. वहीं इलाके के लोग इस बारे में कुछ भी कैमरे पर बताने को तैयार नहीं थे. लेकिन अब इस कार्रवाई के बाद बसई इलाके में ही रहने वाले रविंदर का कहना है कि कई सालों पहले यह जमीन बसई गांव के लोगों की हुआ करती थी, लेकिन डीडीए ने कुछ योजनाओं के तहत इसे एक्वायर किया था.

ये भी पढ़ें: Delhi Fateh Diwas: लाल किले पर आयोजित होगा दिल्ली फतेह दिवस, जानें इसका इतिहास और कई खास बातें

उस योजना को आज तक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से अधिक समय से यहां धीरे-धीरे तबेला जरूर बन गया. इन लोगों के खिलाफ अगर कोई एमसीडी में शिकायत भी करता तो यह लोग उससे झगड़ा करने आ जाते थे. यही वजह थी कि खुलकर कोई इस समस्या के बारे में बात नहीं करता था.

वहीं इसी गांव में रहने वाले सुरेश त्यागी का कहना है कि गायों से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी. क्योंकि सुबह 9 बजे के बाद से ही गाय गांव और कॉलोनी की गली-गली में घूमने के साथ-साथ मुख्य सड़क पर भी आ जाती थी. वहीं कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने डीसी के इस प्रयास को सराहा है.

ये भी पढ़ें: Letter to Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया के नाम बच्चे लिखेंगे चिट्ठी, यह टीम करेगी भेजने का काम

नई दिल्ली: राजधानी का शायद ही कोई ऐसा इलाका होगा, जहां सड़क पर गाय घूमती ना नजर आती हो. इतना ही नहीं इन गायों की वजह से कई बार हादसे भी हुए हैं और लोगों की जानें भी गई हैं. अब इस मामले में वेस्ट जोन के डीसी कुमार अभिषेक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसई दारापुर इलाके में गायों के ऐसे ही बसेरे को बंद करवा दिया है.

डीसी की कार्रवाई से स्थानीय लोग खुश: दरअसल डीडीए की कई एकड़ जमीन पर पिछले कई सालों से गाय का तबेला बना हुआ था. कॉलोनी के बीचों-बीच बने इस तबेले के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. गायों को रखने वाले अक्सर सुबह-सुबह दूध निकालने के बाद उसे छोड़ देते थे और वह सड़कों पर इधर-उधर पूरे इलाके में घूमा करती थीं. पिछले दिनों इलाके के डीसी को इस मामले की जानकारी मिली. उसके बाद उन्होंने इलाके का राउंड लिया तो हालात सामने आ गए.

उन्होंने फौरन उस जगह की घेराबंदी करवा दी, जहां अवैध रूप से गायों को रखा जा रहा था. साथ ही अधिकारियों को इस मामले में कोई ढिलाई नहीं करने के सख्त निर्देश दिए हैं. पिछले दिनों एमसीडी ने अवैध रूप से घूमने वाली गाय के मालिकों पर एफआईआर करने की योजना पर विचार करने की बात कही थी. हालांकि अभी तक उस योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है, जिसके कारण अधिकतर इलाकों में समस्या जस की तस बनी हुई है.

इस मामले में एमसीडी अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया. वहीं इलाके के लोग इस बारे में कुछ भी कैमरे पर बताने को तैयार नहीं थे. लेकिन अब इस कार्रवाई के बाद बसई इलाके में ही रहने वाले रविंदर का कहना है कि कई सालों पहले यह जमीन बसई गांव के लोगों की हुआ करती थी, लेकिन डीडीए ने कुछ योजनाओं के तहत इसे एक्वायर किया था.

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उस योजना को आज तक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से अधिक समय से यहां धीरे-धीरे तबेला जरूर बन गया. इन लोगों के खिलाफ अगर कोई एमसीडी में शिकायत भी करता तो यह लोग उससे झगड़ा करने आ जाते थे. यही वजह थी कि खुलकर कोई इस समस्या के बारे में बात नहीं करता था.

वहीं इसी गांव में रहने वाले सुरेश त्यागी का कहना है कि गायों से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी. क्योंकि सुबह 9 बजे के बाद से ही गाय गांव और कॉलोनी की गली-गली में घूमने के साथ-साथ मुख्य सड़क पर भी आ जाती थी. वहीं कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने डीसी के इस प्रयास को सराहा है.

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