नई दिल्लीः दिल्ली शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) चुनाव को दो दिन बाकी हैं. ऐसे में मतदाताओं की क्या राय है. इसको लेकर, उनसे बातचीत की गई. अधिकतर मतदाता ईमानदार और पढ़े-लिखे प्रत्याशियों को जिताना चाहते हैं. इसके साथ इस चुनाव में महिला सशक्तिकरण का मुद्दा भी उठाया जा रहा है.
इस बार होने वाले DSGMC चुनाव में लोग कई तरह के बदलाव चाहते हैं. मतदाताओं की सबसे आम राय है कि किसी भी पार्टी का कोई प्रत्याशी भी हो, वह पढ़ा-लिखा होना चाहिए. इससे भी जरूरी, उसका ईमानदार होना है. लोग चाहते हैं कि अब इन चुनाव में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़नी चाहिए. उनका मानना है कि चुनाव में पढ़े-लिखे लोग जीतकर आएंगे, तो सोच बदलेगी.
मतदाताओं का कहना है कि इस तरह के बदलाव आने पर वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ जाएगा. अभी जिस तरह से भ्रष्टाचार छाया हुआ है, तो अधिकतर लोग वोट डालने नहीं जाते. उनको लगता है, जो भी आएगा वो गुरुघर का गोलक ही लूटेगा. वहीं, इन मतदाताओं का यह भी मानना है कि इस सोच और मानसिकता से बाहर आकर सिख समुदाय के लोगों को युवाओं को वोट डालने के लिए प्रेरित करना चाहिए. युवा इस बात को समझ जाएं, तो बदलाव निश्चित है.
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पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि लोग DSGMC चुनाव में कम दिलचस्पी लेते हैं. मतदान का प्रतिशत 50 तक भी पहुंचना मुश्किल होता है. हालांकि, इस बार चुनाव रविवार को रक्षाबंधन वाले दिन है. ऐसे में वोटिंग बढ़ेगी या पहले की तरह कम होगी, ये तो मतदान के शाम को ही पता चल पाएगा.
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