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Prisoner Commits Suicide: तिहाड़ जेल में कैदी ने की आत्महत्या, सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल - गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया

दिल्ली की तिहाड़ जेल लगातार चर्चा में बनी हुई है. गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद अब एक कैदी द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि कैदी के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.

Prisoner commits suicide in Tihar Jail delhi
Prisoner commits suicide in Tihar Jail delhi
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Published : May 23, 2023, 12:16 PM IST

Updated : May 23, 2023, 4:10 PM IST

कैदी ने तिहाड़ जेल में की आत्महत्या

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में पिछले दिनों गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद जेल प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चौकस की गई थी. बावजूद इसके, जेल में एक कैदी द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. यह घटना उसी जेल में हुई, जहां टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी.

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, आत्महत्या करने वाले कैदी का नाम जावेद है, जिसकी उम्र 26 साल थी. वह मालवीय नगर इलाके से रॉबरी के मामले में जेल में बंद था. सोमवार शाम उसने जेल नंबर 8/9 की टॉयलेट में आत्महत्या कर ली. घटना की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से जांच कराने का आर्डर दिया गया है. घटना के बाद शव को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

यह भी पढ़ें-Tihar Jail: हत्या, नशा और रंगदारी का खेल, क्या यही है तिहाड़ जेल?

बताया गया कि मृतक कैदी दक्षिणपुरी का रहने वाला था और उस पर सेक्शन 392, 397, 411 और 34 के तहत मामला दर्ज था. उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. बीते दिनों गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद जेल की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर काफी सवाल उठे थे. जिसके बाद जेल के लगभग सौ अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया गया था. जेल की सुरक्षा को लेकर क्यूआरटी की तैनाती किए जाने के साथ और भी कई कदम उठाए गए थे. इन सबके बावजूद कैदी द्वारा आत्महत्या करने की घटना, जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था सवाल खड़ा कर रही है.

कभी भी हो सकता है डिप्रेशनः साइकोलॉजिस्ट पल्लवी जोशी ने बताया कि डिप्रेशन किसी को भी कहीं भी हो सकता है. जेल में बंद कैदियों के डिप्रेशन में जाने का खतरा अधिक रहता है, क्योंकि वह सजा के तहत जेल में होते हैं. दरअसल, अपराधिक किस्म के लोग कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए मेहनत करने से बचते हैं और अपराध करने लगते हैं. लेकिन जब भी ये लोग पकड़े जाते हैं और जेल जाते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि अब उनके जीवन में उम्मीद की कोई किरण नहीं है. इस कारण उनके मन में आत्महत्या की भावना आती है. जेल प्रशासन समय-समय पर ऐसे कैदियों की पहचान कर और जांच करके इस समस्या को कुछ हद तक कम जरूर कर सकते हैं, लेकिन इस पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाया जा सकता. क्योंकि हर कैदी को इतना निगरानी में रख पाना संभव नहीं है.

यह भी पढ़ें-Security in Tihar Jail: गैंगवार जैसी घटना रोकने के लिए QRT की तैनाती से लेकर किए गए 5 बड़े बदलाव

कैदी ने तिहाड़ जेल में की आत्महत्या

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में पिछले दिनों गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद जेल प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चौकस की गई थी. बावजूद इसके, जेल में एक कैदी द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. यह घटना उसी जेल में हुई, जहां टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी.

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, आत्महत्या करने वाले कैदी का नाम जावेद है, जिसकी उम्र 26 साल थी. वह मालवीय नगर इलाके से रॉबरी के मामले में जेल में बंद था. सोमवार शाम उसने जेल नंबर 8/9 की टॉयलेट में आत्महत्या कर ली. घटना की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से जांच कराने का आर्डर दिया गया है. घटना के बाद शव को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

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बताया गया कि मृतक कैदी दक्षिणपुरी का रहने वाला था और उस पर सेक्शन 392, 397, 411 और 34 के तहत मामला दर्ज था. उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. बीते दिनों गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद जेल की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर काफी सवाल उठे थे. जिसके बाद जेल के लगभग सौ अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया गया था. जेल की सुरक्षा को लेकर क्यूआरटी की तैनाती किए जाने के साथ और भी कई कदम उठाए गए थे. इन सबके बावजूद कैदी द्वारा आत्महत्या करने की घटना, जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था सवाल खड़ा कर रही है.

कभी भी हो सकता है डिप्रेशनः साइकोलॉजिस्ट पल्लवी जोशी ने बताया कि डिप्रेशन किसी को भी कहीं भी हो सकता है. जेल में बंद कैदियों के डिप्रेशन में जाने का खतरा अधिक रहता है, क्योंकि वह सजा के तहत जेल में होते हैं. दरअसल, अपराधिक किस्म के लोग कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए मेहनत करने से बचते हैं और अपराध करने लगते हैं. लेकिन जब भी ये लोग पकड़े जाते हैं और जेल जाते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि अब उनके जीवन में उम्मीद की कोई किरण नहीं है. इस कारण उनके मन में आत्महत्या की भावना आती है. जेल प्रशासन समय-समय पर ऐसे कैदियों की पहचान कर और जांच करके इस समस्या को कुछ हद तक कम जरूर कर सकते हैं, लेकिन इस पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाया जा सकता. क्योंकि हर कैदी को इतना निगरानी में रख पाना संभव नहीं है.

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Last Updated : May 23, 2023, 4:10 PM IST
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