नई दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर के बेहिसाब कहर के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक दवाओं की डिमांड काफी बढ़ रही है. लिहाजा कालाबाजारी और जमाखोरी भी शुरू हो गई है, जिसको लेकर नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने केंद्र व राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
पम्मा ने कहा कि एक तरफ तो लोगों को हॉस्पिटल में आईसीयू, वेंटिलेटर व बेड नहीं मिल रहे हैं. दूसरी तरफ दवाइयों की कालाबाजारी ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. जो दवाइयां 600 रुपये की है वह 6000 में रुपये मिल रही है और जो 250 रुपये की वह 2500 से 3000 तक की बिक रही है, यहां तक कि कुछ दवाइयां 25000 से 30000 तक बिक रही है.
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परमजीत सिंह पम्मा ने कहा हॉस्पिटलों का भी बहुत बुरा हाल है. यहां तक के कुछ हॉस्पिटल भर्ती करने के लिए बेड देने के ऊंचे दाम वसूल रहे हैं. कई लोग अपने परिजनों को लेकर 5-6 घंटे एक दूसरे हॉस्पिटल में भटक रहे हैं और इलाज ना मिलने के कारण कई लोग वहीं पर ही दम तोड़ रहे हैं. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द कड़े कदम उठाए और युद्ध स्तर पर इस पर कार्य करें.
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