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पड़ोसी ही निकला दरिंदा, फिरौती के लिए 8 साल के बच्चे को तड़पा-तड़पा कर मारा - हत्या

दिल्ली के अमन विहार में रहनें वाले एक पड़ोसी ने पड़ोस में रहने वाले बच्चें को अगवा कर हत्या कर दी और उसके बाद आरोपी ने बच्चे के पिता को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी.

पड़ोसी ही निकला दरिंदा etv bharat
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Published : Aug 9, 2019, 1:05 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के अमन विहार में रहने वाले एक युवक ने फिरौती के लिए पड़ोस में रहने वाले आठ वर्षीय बच्चे को अगवा कर लिया. उसे वह अपने साथ पास के नाले पर ले गया और अंदर धकेल दिया. बच्चा बचाने के लिए गुहार लगाता रहा और यह दरिंदा उसके दम तोड़ने का इंतजार करता रहा. उसकी मौत के दो दिन बाद जब शव मिला तो आरोपी ने बच्चे के पिता को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी.
हत्या के इस मामले को सुलझाते हुए क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

फिरौती के लिए 8 साल के बच्चे को तड़पा-तड़पा कर मारा


क्या था मामला
डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार अमन विहार इलाके में रहने वाला आठ वर्षीय बच्चा समर्थ बीते 23 जुलाई की रात अचानक लापता हो गया था. दो दिन बाद उसका शव प्रताप विहार स्थित नाले से बरामद हुआ. पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ कि डूबने से उसकी मौत हुई है.
अस्पताल में जब पोस्टमार्टम हो रहा था तो उसी समय बच्चे के पिता ज्ञानचंद को एक कॉल आई. फोन करने वाले ने बताया कि वह शव उसके बेटे समर्थ का नहीं है. उसे समर्थ के कपड़े पहनाए गए हैं. बच्चे को छोड़ने के लिए उसने 25 लाख रुपये की मांग की और विश्वास दिलाने के लिए उसने बच्चे की आवाज भी निकाली. आवाज सुनते ही वह समझ गए कि यह उनका बेटा नहीं है.

परिचित ही कर रहा था कॉल
शाम को उस शख्स ने दोबारा फोन कर उनके दूसरे बेटे को भी मारने की धमकी दी. इस बाबत उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की. इसके बाद धमकी देने और रुपये मांगने की धारा भी FIR में जोड़ा गया.
पुलिस को यह साफ था कि कॉल करने वाला इस परिवार का परिचित है. उसे इस परिवार के प्रत्येक कदम की जानकारी थी. इस घटना के बारे में क्राइम ब्रांच को पता चला तो उन्होंने भी जांच शुरु की.

पड़ोसी ही निकला बच्चे का हत्यारा
डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि यह पहले ही साफ हो चुका था कि कॉल करने वाला इस परिवार का परिचित है. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच ने भी जांच शुरु की. इस बीच सिपाही सुरेंद्र को टेक्निकल सर्विलांस से पता चला कि पड़ोस में रहने वाला गौतम ही बच्चे के पिता को कॉल कर रहा है.
इस जानकारी पर एसीपी अरविंद यादव की देखरेख में इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल, एसआई प्रवीण अत्री, एएसआई सुरेंद्र दहिया एवं सिपाही सुरेंद्र की टीम ने अमन विहार इलाके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से कॉल में इस्तेमाल की गई सिम और मोबाइल फोन बरामद हो गया.

खौफनाक साजिश का किया खुलासा
आरोपी गौतम ने पुलिस को बताया कि उसका एक भाई पीएचडी कर रहा है जबकि दूसरा बी. टेक. वह आईटीआई से डिप्लोमा कर रहा है. वह कोई अच्छा कोर्स करना चाहता था. ऐसे में उसे लगा कि अगर वह पड़ोस में रहने वाले बच्चे को अगवा कर फिरौती मांगेगा तो आसानी से रुपये मिल जाएंगे.

अमन विहार पुलिस पर लापरवाही का आरोप
बच्चे के पिता ज्ञानचंद ने लोकल पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने बच्चे को तलाशने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. इस मामले में पड़ोस में रहने वाला युवक बच्चे का हत्यारा निकला. लेकिन अमन विहार पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी. दरअसल वह जब कभी कॉल के बारे में बताते तो पुलिस कहती कि इस तरह से कुछ गैंग जिपनेट से डिटेल लेकर कॉल करते हैं. उन्होंने कभी भी हत्यारे को पकड़ने की कोशिश ही नहीं की. वहीं क्राइम ब्रांच ने महज कुछ घंटों में ही इस केस को सुलझा दिया.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के अमन विहार में रहने वाले एक युवक ने फिरौती के लिए पड़ोस में रहने वाले आठ वर्षीय बच्चे को अगवा कर लिया. उसे वह अपने साथ पास के नाले पर ले गया और अंदर धकेल दिया. बच्चा बचाने के लिए गुहार लगाता रहा और यह दरिंदा उसके दम तोड़ने का इंतजार करता रहा. उसकी मौत के दो दिन बाद जब शव मिला तो आरोपी ने बच्चे के पिता को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी.
हत्या के इस मामले को सुलझाते हुए क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

फिरौती के लिए 8 साल के बच्चे को तड़पा-तड़पा कर मारा


क्या था मामला
डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार अमन विहार इलाके में रहने वाला आठ वर्षीय बच्चा समर्थ बीते 23 जुलाई की रात अचानक लापता हो गया था. दो दिन बाद उसका शव प्रताप विहार स्थित नाले से बरामद हुआ. पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ कि डूबने से उसकी मौत हुई है.
अस्पताल में जब पोस्टमार्टम हो रहा था तो उसी समय बच्चे के पिता ज्ञानचंद को एक कॉल आई. फोन करने वाले ने बताया कि वह शव उसके बेटे समर्थ का नहीं है. उसे समर्थ के कपड़े पहनाए गए हैं. बच्चे को छोड़ने के लिए उसने 25 लाख रुपये की मांग की और विश्वास दिलाने के लिए उसने बच्चे की आवाज भी निकाली. आवाज सुनते ही वह समझ गए कि यह उनका बेटा नहीं है.

परिचित ही कर रहा था कॉल
शाम को उस शख्स ने दोबारा फोन कर उनके दूसरे बेटे को भी मारने की धमकी दी. इस बाबत उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की. इसके बाद धमकी देने और रुपये मांगने की धारा भी FIR में जोड़ा गया.
पुलिस को यह साफ था कि कॉल करने वाला इस परिवार का परिचित है. उसे इस परिवार के प्रत्येक कदम की जानकारी थी. इस घटना के बारे में क्राइम ब्रांच को पता चला तो उन्होंने भी जांच शुरु की.

पड़ोसी ही निकला बच्चे का हत्यारा
डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि यह पहले ही साफ हो चुका था कि कॉल करने वाला इस परिवार का परिचित है. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच ने भी जांच शुरु की. इस बीच सिपाही सुरेंद्र को टेक्निकल सर्विलांस से पता चला कि पड़ोस में रहने वाला गौतम ही बच्चे के पिता को कॉल कर रहा है.
इस जानकारी पर एसीपी अरविंद यादव की देखरेख में इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल, एसआई प्रवीण अत्री, एएसआई सुरेंद्र दहिया एवं सिपाही सुरेंद्र की टीम ने अमन विहार इलाके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से कॉल में इस्तेमाल की गई सिम और मोबाइल फोन बरामद हो गया.

खौफनाक साजिश का किया खुलासा
आरोपी गौतम ने पुलिस को बताया कि उसका एक भाई पीएचडी कर रहा है जबकि दूसरा बी. टेक. वह आईटीआई से डिप्लोमा कर रहा है. वह कोई अच्छा कोर्स करना चाहता था. ऐसे में उसे लगा कि अगर वह पड़ोस में रहने वाले बच्चे को अगवा कर फिरौती मांगेगा तो आसानी से रुपये मिल जाएंगे.

अमन विहार पुलिस पर लापरवाही का आरोप
बच्चे के पिता ज्ञानचंद ने लोकल पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने बच्चे को तलाशने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. इस मामले में पड़ोस में रहने वाला युवक बच्चे का हत्यारा निकला. लेकिन अमन विहार पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी. दरअसल वह जब कभी कॉल के बारे में बताते तो पुलिस कहती कि इस तरह से कुछ गैंग जिपनेट से डिटेल लेकर कॉल करते हैं. उन्होंने कभी भी हत्यारे को पकड़ने की कोशिश ही नहीं की. वहीं क्राइम ब्रांच ने महज कुछ घंटों में ही इस केस को सुलझा दिया.

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नई दिल्ली
अमन विहार में रहने वाले एक युवक ने फिरौती के लिए पड़ोस में रहने वाले आठ वर्षीय बच्चे को अगवा कर लिया. उसे वह अपने साथ पास के नाले पर ले गया और अंदर धकेल दिया. बच्चा बचाने के लिए गुहार लगाता रहा और यह दरिंदा उसके दम तोड़ने का इंतजार करता रहा. उसकी मौत के दो दिन बाद जब शव मिला तो आरोपी ने बच्चे के पिता को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. हत्या के इस मामले को सुलझाते हुए क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.




Body:डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार अमन विहार इलाके में रहने वाला आठ वर्षीय बच्चा समर्थ बीते 23 जुलाई की रात अचानक लापता हो गया था. दो दिन बाद उसका शव प्रताप विहार स्थित नाले से बरामद हुआ. पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ कि डूबने से उसकी मौत हुई है. अस्पताल में जब पोस्टमार्टम हो रहा था तो उसी समय बच्चे के पिता ज्ञानचंद को एक कॉल आई. फोन करने वाले ने बताया कि वह शव उसके बेटे समर्थ का नहीं है. उसे समर्थ के कपड़े पहनाए गए हैं. बच्चे को छोड़ने के लिए उसने 25 लाख रुपये की मांग की. विश्वास दिलाने के लिए उसने बच्चे की आवाज भी निकाली. आवाज सुनते ही वह समझ गए कि यह उनका बेटा नहीं है. बेटे के नाम पर कोई उनसे रुपये ऐंठने का प्रयास कर रहा है.


परिचित ही कर रहा था कॉल
शाम को उस शख्स ने दोबारा फोन कर उनके दूसरे बेटे को भी मारने की धमकी दी. उसने बेटे को बचाने के लिए ज्ञानचंद से 25 लाख रुपये मांगे. इस बाबत उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की. इसके बाद धमकी देने एवं रुपये मांगने की धारा भी एफआईआर में जोड़ा गया. पुलिस को यह साफ था कि कॉल करने वाला इस परिवार का परिचित है. उसे इस परिवार के प्रत्येक कदम की जानकारी थी. इस घटना के बारे में क्राइम ब्रांच को पता चला तो उन्होंने भी जांच शुरु की.



पड़ोसी ही निकला बच्चे का हत्यारा
डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि यह पहले ही साफ हो चुका था कि कॉल करने वाला इस परिवार का परिचित है. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच ने भी जांच शुरु की. इस बीच सिपाही सुरेंद्र को टेक्निकल सर्विलांस से पता चला कि पड़ोस में रहने वाला गौतम ही बच्चे के पिता को कॉल कर रहा है. इस जानकारी पर एसीपी अरविंद यादव की देखरेख में इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल, एसआई प्रवीण अत्री, एएसआई सुरेंद्र दहिया एवं सिपाही सुरेंद्र की टीम ने अमन विहार इलाके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से कॉल में इस्तेमाल की गई सिम एवं मोबाइल फोन बरामद हो गया.


खौफनाक साजिश का किया खुलासा
आरोपी गौतम ने पुलिस को बताया कि उसका एक भाई पीएचडी कर रहा है जबकि दूसरा बी. टेक. वह आईटीआई से डिप्लोमा कर रहा है. वह कोई अच्छा कोर्स करना चाहता था. ऐसे में उसे लगा कि अगर वह पड़ोस में रहने वाले बच्चे को अगवा कर फिरौती मांगेगा तो आसानी से रुपये मिल जाएंगे. इसलिए वह बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. उसके पास बच्चे को रखने की जगह नहीं थी. वहीं बच्चा उसे पहचानता था. इसलिए महज आधे घंटे के भीतर ही उसने नाले में धक्का देकर बच्चे को मार डाला.



परिवार के साथ तलाशता रहा बच्चा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह इस परिवार पर भी नजर रखना चाहता था. इसलिए उनके साथ बच्चे को तलाशने का नाटक करता रहा. दो दिन बाद बच्चे का शव मिला तो उस समय तक वह एक सिम कार्ड का इंतजाम कर चुका था. बच्चे के पिता पोस्टमार्टम कराने गए तो उसे इस बात की जानकारी थी. इसलिए उसी समय उसने फिरौती के लिए कॉल की थी. उसने कई बार पैसे लेकर आने के लिए बच्चे के पिता से बातचीत की, लेकिन तय जगह पर वह नहीं आया. उसे इस बात की जानकारी थी कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. ऐसे में उसे पकड़े जाने का डर सता रहा था.





Conclusion:अमन विहार पुलिस पर लापरवाही का आरोप
बच्चे के पिता ज्ञानचंद ने लोकल पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने बच्चे को तलाशने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. इस मामले में पड़ोस में रहने वाला युवक बच्चे का हत्यारा निकला, लेकिन अमन विहार पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी. दरअसल वह जब कभी कॉल के बारे में बताते तो पुलिस कहती कि इस तरह से कुछ गैंग जिपनेट से डिटेल लेकर कॉल करते हैं. उन्होंने कभी भी हत्यारे को पकड़ने की कोशिश ही नहीं की. वहीं क्राइम ब्रांच ने महज कुछ घंटों में ही इस केस को सुलझा दिया.


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