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दिल्ली: स्कूल फीस माफी को लेकर नेशनल अकाली दल महिला विंग का प्रदर्शन

नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा की अध्यक्षता में दल की महिला विंग ने पेरेंट्स के साथ मिलकर सरकार से राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा की मांग की. नेशनल अकाली दल महिला विंग की ओर से वेस्ट दिल्ली के सुभाष नगर चौक पर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.

protest on streets to waive school fees
स्कूल फीस माफी को लेकर प्रदर्शन
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Published : Sep 15, 2020, 8:16 AM IST

नई दिल्ली: नेशनल अकाली दल महिला विंग की ओर से वेस्ट दिल्ली के सुभाष नगर चौक पर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन लगातार स्कूल प्रबंधक द्वारा बच्चों के परिवार को फीस भरने के लिए दबाव डालने वा स्कूल से नाम काटने की धमकी देने की बात के खिलाफ किया गया.

स्कूल फीस माफी को लेकर प्रदर्शन

निशुल्क शिक्षा की मांग

नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा की अध्यक्षता में दल की महिला विंग ने पेरेंट्स के साथ मिलकर सरकार से राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा की मांग की.

नेशनल अकाली दल के सदस्यों ने नारे लगाए कि बच्चों को 'निशुल्क पढ़ाओ, स्कूलों पर लगाम लगाओ'. 'राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट' बच्चों का अधिकार है. उससे उन्हें वंचित मत करो. सरकार एजुकेशन पैकेज की घोषणा करें इसकी मांग की गई.

'लॉकडाउन ने खराब की आर्थिक स्थिति'

इस अवसर पर परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बाद लोगों की आए दिन आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. एक तरफ तो किसी प्रकार का भी रोजगार नहीं है. दूसरी तरफ लोगों की नौकरियां जा रही है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है वो अपना घर का खर्चा कैसे चलाएं.

दूसरी ओर फीस के लिए स्कूल प्रबंधकों का लगातार दबाव आना और स्कूल से बच्चों का नाम काटने की धमकी से लोग काफी डिप्रेशन में जाते जा रहे हैं. इन हालात को देखते हुए हमारी सरकार से मांग है कि"राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट"बच्चों को निशुल्क शिक्षा दें.

'स्कूल से नाम नहीं काट सकता है प्रबंधन'

परमजीत सिंह पम्मा व भावना धवन ने कहा कि सरकार करोड़ों रुपये के पैकेज की घोषणा करती है, मगर एजुकेशन के नाम पर वो आंखें मूंद लेती है. दिल्ली सरकार जिन परिवारों की इस समय आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है उनकी कोई मदद नहीं कर रही है. ना ही उन स्कूलों के खिलाफ लगाम लगा रही है, जहां बच्चों के नाम काटे जा रहे हैं. जबकि "राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट"से किसी बच्चे का नाम नहीं कट सकता और ना ही स्कूल उनको एग्जाम से बैठने से रोक सकता है.

सर्वोच्च न्यायालय से भी आग्रह

इस अवसर पर रश्मीत कौर बिंद्रा व अमृत कौर ,धर्म देवी,दिव्या गोसाई ने सरकार से इस एक्ट के तहत निजी स्कूलों को भी निशुल्क शिक्षा देने का निर्देश देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अगर हर बच्चे को शिक्षा नहीं मिल पा रही, तो ऐसे में राइट टू एजुकेशन एक्ट का कोई औचित्य नहीं है.

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से भी आग्रह किया है कि इस मामले में संज्ञान लेकर केंद्र व राज्य सरकारों को इस एक्ट के तहत हर बच्चे की शिक्षा का उचित प्रबंध करने का निर्देश दे. ताकि बच्चों व उनके अभिभावकों को राहत मिल सके.

इस अवसर पर नेशनल अकाली दल महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भावना धवन, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मीत कौर बिंद्रा, संगठन सचिव कमलजीत कौर, सचिव धर्म देवी सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे. सरकार से स्कूल फीस की रहत देने की मांग को लेकर नेशनल अकाली दल महिला विंग बच्चों के घर-घर जाकर उनकी प्रॉब्लम सरकार तक पहुंचाएगा.

नई दिल्ली: नेशनल अकाली दल महिला विंग की ओर से वेस्ट दिल्ली के सुभाष नगर चौक पर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन लगातार स्कूल प्रबंधक द्वारा बच्चों के परिवार को फीस भरने के लिए दबाव डालने वा स्कूल से नाम काटने की धमकी देने की बात के खिलाफ किया गया.

स्कूल फीस माफी को लेकर प्रदर्शन

निशुल्क शिक्षा की मांग

नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा की अध्यक्षता में दल की महिला विंग ने पेरेंट्स के साथ मिलकर सरकार से राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा की मांग की.

नेशनल अकाली दल के सदस्यों ने नारे लगाए कि बच्चों को 'निशुल्क पढ़ाओ, स्कूलों पर लगाम लगाओ'. 'राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट' बच्चों का अधिकार है. उससे उन्हें वंचित मत करो. सरकार एजुकेशन पैकेज की घोषणा करें इसकी मांग की गई.

'लॉकडाउन ने खराब की आर्थिक स्थिति'

इस अवसर पर परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बाद लोगों की आए दिन आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. एक तरफ तो किसी प्रकार का भी रोजगार नहीं है. दूसरी तरफ लोगों की नौकरियां जा रही है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है वो अपना घर का खर्चा कैसे चलाएं.

दूसरी ओर फीस के लिए स्कूल प्रबंधकों का लगातार दबाव आना और स्कूल से बच्चों का नाम काटने की धमकी से लोग काफी डिप्रेशन में जाते जा रहे हैं. इन हालात को देखते हुए हमारी सरकार से मांग है कि"राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट"बच्चों को निशुल्क शिक्षा दें.

'स्कूल से नाम नहीं काट सकता है प्रबंधन'

परमजीत सिंह पम्मा व भावना धवन ने कहा कि सरकार करोड़ों रुपये के पैकेज की घोषणा करती है, मगर एजुकेशन के नाम पर वो आंखें मूंद लेती है. दिल्ली सरकार जिन परिवारों की इस समय आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है उनकी कोई मदद नहीं कर रही है. ना ही उन स्कूलों के खिलाफ लगाम लगा रही है, जहां बच्चों के नाम काटे जा रहे हैं. जबकि "राइट ऑफ एजुकेशन एक्ट"से किसी बच्चे का नाम नहीं कट सकता और ना ही स्कूल उनको एग्जाम से बैठने से रोक सकता है.

सर्वोच्च न्यायालय से भी आग्रह

इस अवसर पर रश्मीत कौर बिंद्रा व अमृत कौर ,धर्म देवी,दिव्या गोसाई ने सरकार से इस एक्ट के तहत निजी स्कूलों को भी निशुल्क शिक्षा देने का निर्देश देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अगर हर बच्चे को शिक्षा नहीं मिल पा रही, तो ऐसे में राइट टू एजुकेशन एक्ट का कोई औचित्य नहीं है.

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से भी आग्रह किया है कि इस मामले में संज्ञान लेकर केंद्र व राज्य सरकारों को इस एक्ट के तहत हर बच्चे की शिक्षा का उचित प्रबंध करने का निर्देश दे. ताकि बच्चों व उनके अभिभावकों को राहत मिल सके.

इस अवसर पर नेशनल अकाली दल महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भावना धवन, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मीत कौर बिंद्रा, संगठन सचिव कमलजीत कौर, सचिव धर्म देवी सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे. सरकार से स्कूल फीस की रहत देने की मांग को लेकर नेशनल अकाली दल महिला विंग बच्चों के घर-घर जाकर उनकी प्रॉब्लम सरकार तक पहुंचाएगा.

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